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    'सबके लिए घर' योजना के तहत बने मकानों पर कोई टैक्स नहीं : नवजोत सिद्धू

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Sun, 11 Feb 2018 10:23 AM (IST)

    पंजाब के स्‍थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्ध ने कहा कि राज्‍य में 'सबके लिए घर' योजना के तहत मिलने वाले घरों पर किसी प्रकार का कोई टैक्स नहीं लगेगा।

    'सबके लिए घर' योजना के तहत बने मकानों पर कोई टैक्स नहीं : नवजोत सिद्धू

    जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि 'सबके लिए घर' योजना के तहत मिलने वाले घरों पर किसी प्रकार का कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा। यह योजना शहरों में बेघर गरीब परिवारों को घर देने के लिए शुरू कर गई है। अब तक 4 लाख 73 हज़ार लोगों ने आवेदन किया है जिसकी जांच की जा रही है। योग्य लाभार्थियों की सूची मार्च तक फाइनल कर ली जाएगी।

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    सिद्धू ने बताया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा इस योजना के अंतर्गत गरीब परिवारों को घर उपलब्ध करवाने के दिए निर्देशों के तहत निकाय विभाग द्वारा शहरी विकास व आवास निर्माण विभाग के साथ मिलकर अभियान चलाया जा रहा है।

    उन्‍होंने कहा कि सरकारी जगह पर झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वाले परिवारों को भी मुफ्त घर बनाकर दिए जाएंगे। सस्ती दरों पर घर उपलब्ध करवाने के लक्ष्य के तहत कम आय वाले सामान्य श्रेणी के शहरियों जिनके पास अपना घर नहीं है, को घर बनाने के लिए सरकार द्वारा 1.50 लाख रुपये तक की सहायता दी जाएगी।

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    केंद्र से मिली दो ग्रांट खर्च नहीं पाया चंडीगढ़ नगर निगम

    चंडीगढ़ नगर निगम केंद्र से स्मार्ट सिटी के लिए मिली पहली दो ग्रांट को खर्च नहीं कर पाया है। इस कारण केंद्र ने तीसरी ग्रांट जारी नहीं की है। निगम को इन दो ग्रांट के तहत 400 करोड़ की राशि मिली है, लेकिन इसमें से निगम सिर्फ 4 लाख रुपये ही खर्च पाया है। बाकी 3.96 करोड़ राशि की निगम ने एफडी करवा रखी है।

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    निगम को स्मार्ट की तीसरी ग्रांट जनवरी में मिलनी थी, लेकिन निगम पहले से मिली राशि को खर्च नहीं कर पाया, जिसके चलते केंद्र ने अगली ग्रांट जारी नहीं की है। इस संबंध में निगम के एक अधिकारी ने बताया कि स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट्स पर काम बहुत धीमी गति से चल रहा है। ऐसे में मुश्किल है कि केंद्र उसे अगली ग्रांट जारी करेगा। चीफ अकाउंट ऑफिसर उमाशंकर शर्मा ने कहा कि पहले मिले 400 करोड़ रुपये को उन्होंने फिक्स डिपॉजिट करवा दिया है। इसमें से कुछ राशि खर्च भी हुई है।

    धीमी गति से चल रहा स्मार्ट के प्रोजेक्ट्स पर काम

    निगम के राशि न खर्च करने का प्रमुख कारण यही है कि स्मार्ट के प्रोजेक्ट्स पर बहुत ही धीमी गति से काम चल रहा है। अभी भी बहुत से प्रोजेक्ट्स अटके पड़े हैं, जिन पर काम होना बाकी है।

    इन प्रोजेक्ट्स पर शुरू होना है काम

    -24 घंटे स्मार्ट वाटर सप्लाई

    -सेक्टर-43 की एरिया बेस्ड डवलपमेंट

    -साइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट

    -इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम

    -सेक्टर-17 प्लाजा एरिया को डवलप करना

    -वाई-फाई जोन बनाना।

    पाइपलाइन में

    -एलईडी लाइट्स लगाने और डार्क स्पॉट को कवर करने का प्रोजेक्ट

    -22 किलोमीटर साइकिल ट्रैक का निर्माण।

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    दो साल बाद भी नहीं मिला कोई रिजल्ट

    चंडीगढ़ को स्मार्ट सिटी की लिस्ट में 25 मई, 2016 को शामिल किया गया था, लेकिन इतना लंबा समय बीतने के बाद भी कुछ रिजल्ट नहीं मिला है। स्मार्ट सिटी के तहत करीब  70 प्रोजेक्ट्स शुरू करने का फैसला किया गया था, जिसमें से सिर्फ 4 छोटे-मोटे प्रोजेक्ट पूरे हुए हैं और एक दर्जन प्रोजेक्ट्स पर टेंडर प्रक्रिया चल रही है। केंद्र ने इन सभी प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए पांच साल की डेडलाइन तय की थी, लेकिन जिस हिसाब से काम चल रहा है, उससे तो लग रहा है 10 साल में भी ये प्रोजेक्ट्स पूरे नहीं होंगे।