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    वेतन पर आयकर खुद भरने की कैप्टन की अपील हजम नहीं कर पा रहे विधायक

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Wed, 07 Feb 2018 02:25 PM (IST)

    पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने राज्‍य के विधायकों और मंत्रियों से अपने वेतनपर देय आयकर का खुद भुगतान करने की अपील की है। लेकिन, विधायकों को यह हजम नहीं हो रहा है।

    वेतन पर आयकर खुद भरने की कैप्टन की अपील हजम नहीं कर पा रहे विधायक

    जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से विधायकों को अपना इनकम टैक्स खुद भरने की अपील विपक्ष ही नहीं, बल्कि कांग्रेस के विधायकों को भी हजम नहीं हो रही है। वे मुख्यमंत्री का खुले रूप में तो विरोध नहीं कर पा रहे है, लेकिन खुल कर समर्थन भी नहीं कर रहे।

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    वहीं, आम आदमी पार्टी और अकाली दल ने तो कैप्टन की अपील पर यह कहते हुए अंगुली उठा दी कि विचार अच्छा है, लेकिन कैप्टन को पहले अपने ओएसडी और अधिकारियों की फौज को कम करना चाहिए। वित्तीय सेहत को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को अपील की थी कि विधायकों को अपनी तनख्वाह और भत्तों पर लगने वाले इनकम टैक्स का खुद भुगतान करना चाहिए।

    यह भी पढ़ें: वेतन का इनकम टैक्स खुद भरें मंत्री व विधायक: कैप्टन अम‍रिंदर

    कैप्‍टन का कहना था कि इससे सरकार पर 11 करोड़ रुपये सालाना का वित्तीय बोझ पड़ता है। कैप्टन की इस अपील का कांग्रेस के कई विधायकों ने समर्थन किया। कांग्रेस विधायक कुलजीत नागरा ने कहा, ' कैप्टन की यह अपील सराहनीय है। मैंने पिछली विधानसभा में ही बिजली सब्सिडी छोड़ने की घोषणा की थी, लेकिन बादल परिवार ने सब्सिडी नहीं छोड़ी।'

    विधायक सुखजिंदर रंधावा व परगट सिंह ने भी कैप्टन अमरिंदर सिंह की इस अपील का समर्थन किया है। अहम बात यह है कि बड़ी संख्या में कांग्रेसी विधायक खुले रूप से तो कैप्टन अमरिंदर की इस अपील का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन अंदर ही अंदर इसके हक में नहीं हैं।

    हम टैक्स भरने को तैयार, लेकिन भïïट्ठल के 84 लाख वापस क्यों किए : खैहरा

    विपक्ष के नेता सुखपाल खैहरा का कहना है कि आम आदमी पार्टी के विधायक गरीब हैं, लेकिन वह टैक्स भरने को तैयार हैं। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि वह भी अपने ओएसडी व सलाहकारों की संख्या कम करें, क्योंकि इससे भी राज्य पर वित्तीय बोझ पड़ेगा। आधा दर्जन से ज्यादा डीजीपी भी बनाए हुए हैं। इसे भी कम करना चाहिए। साथ अगर सरकार को वित्तीय स्थिति की इतनी ही चिंता है, तो फिर पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्ठल के 84 लाख रुपये वापस क्यों किए गए।

    पहले ओएसडी की फौज कम करे सरकार: टीनू

    शिरोमणि अकाली दल के विधायक पवन टीनू का कहना है कि बात केवल इनकम टैक्स की नहीं है। विधायक अपना इनकम टैक्स भर देंगे, लेकिन सरकार वित्तीय स्थिति को लेकर गंभीर नहीं है। कैप्टन ने सलाहकारों और ओएसडी की फौज खड़ी कर रखी है। क्या वह वित्तीय बोझ नहीं बढ़ा रहे। कैप्टन के मंत्री बोझ को कम करने की बजाय और बढ़ाते जा रहे हैं। सरकार को चाहिए की पहले इस दिशा में कदम बढ़ाए।