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शिअद की नई सियासी चाल, सुखदेव सिंह ढींडसा पर निशाने को ब्रह्मपुरा की वापसी का प्रयास

पंजाब में बागी नेताओं से चुनौती का सामना कर रहा शिअद अब नई चाल चलने की तैयारी में है। वह सुखदेव सिंह ढींढसा पर निशाना साधने को अब रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा की वापसी की तैयारी में है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 11:25 AM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 11:25 AM (IST)
शिअद की नई सियासी चाल, सुखदेव सिंह ढींडसा पर निशाने को ब्रह्मपुरा की वापसी का प्रयास
शिअद की नई सियासी चाल, सुखदेव सिंह ढींडसा पर निशाने को ब्रह्मपुरा की वापसी का प्रयास

चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ढींडसा की नई पार्टी के अस्तित्व में आने के बाद शिरोमणि अकाली दल उनको घेरने में जुट गया है। इसके लिए पार्टी ने माझा के पुराने नेता व शिअद टकसाली के नेता रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा की वापसी की कोशिश शुरू कर दी है।

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शिरोमणि अकाली दल ने माझा के पुराने जरनैल ब्रह्मपुरा पर फेंका पासा, चीमा ने पीजीआइ में की मुलाकात

ब्रह्मपुरा ने ढींडसा पर तीखा हमला किया। वहीं पार्टी के उप प्रधान डॉ. दलजीत सिंह चीमा ब्रह्मपुरा से मिलने पीजीआइ पहुंच गए। वे पिछले कुछ दिनों से बीमार हैं। चीमा ने कहा कि ब्रह्मपुरा हमारे सीनियर नेता रहे हैं। इस समय जब वह बीमार हैं तो उनसे मिलने गए थे। उनकी पार्टी में वापसी के मुद्दे पर चीमा ने कहा, 'राजनीति में मतभेद चलते ही रहते हैं। यह खत्म भी हो सकते हैं।'

ब्रह्मपुरा ने लगाए ढींडसा पर गंभीर आरोप, कहा- वह पुत्र मोह में फंसे

उधर, पहले टकसाली  दल के साथ चले गए पूर्व अकाली विधायक अमरपाल सिंह बोनी ने भी कहा, 'हम रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा समेत अन्य सीनियर नेताओं को अकाली दल में वापस लाने का प्रयास करेंगे। मैं तो अकाली दल से बाहर जाकर देख चुका हूं। वहां सभी प्रधानगी की चौधर के लिए इकट्ठे हुए हैं। इसलिए यही देखकर में तो वापस अकाली दल में आ गया।' गौरतलब है कि बोनी टकसाली नेता रतन सिंह अजनाला के बेटे हैं। शिअद टकसाली दल के गठन में अजनाला की भी अहम भूमिका थी।

श्री अकाल तख्त पर अरदास की थी, अब फूट क्यों डाली: ब्रह्मपुरा

ब्रह्मपुरा ने ढींडसा के अलग पार्टी बनाने पर कहा कि ढींडसा पुत्र मोह में फंसे हुए नेता हैं। अपने बेटे परमिंदर ढींडसा को नए अकाली दल से मुख्यमंत्री बनाने के लिए ही उन्होंने टकसाली दल का साथ छोड़ा। चुनिंदा पत्रकारों से बात करते हुए ब्रह्मपुरा ने कहा, 'जो ढींडसा बादल परिवार के खिलाफ एकजुट होने की श्री अकाल तख्त साहिब पर अरदास कर रहा था, उसने अलग पार्टी बनाने से पहले एक बार भी मुझे विश्वास में लेने की जरूरत नहीं समझी। यदि ढींडसा को प्रधान बनने की इतनी ही लालसा थी तो मुझे कह देते मैं तो प्रधान का पद छोडऩे को तैयार ही था।' एक सवाल के जवाब में ब्रह्मपुरा कहा, 'अब ढींडसा से बात करके अपने आप को जलील नहीं करना चाहता। उन्हें लोगों को यह जवाब देना होगा कि आखिर पंथ में फूट क्यों डाली।'

शिअद के बदले सुर, कहा- ब्रह्मपुरा का अपमान बर्दाश्त नहीं

अब तक ब्रह्मपुरा को पानी पी-पी कर कोसने वाले अकाली नेताओं के सुर बदल गए हैं। राज्यसभा सदस्य बलविंदर सिंह भूंदड़ व पूर्व मंत्री जत्थेदार तोता सिंह ने कहा, ढींंडसा एक वरिष्ठ नेता हैं। यह बेहद दुखदाई है कि उन्होंने ऐसे समय में ब्रह्मपुरा का अपमान किया जब वह चंडीगढ़ पीजीआइ में भर्ती हैं।

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