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    हरियाणा: नायब सरकार ने 42 दिनों की हड़ताल पर रहे लिपिकों को दी बड़ी राहत, न वेतन कटेगा और ना ही सर्विस ब्रेक होगी

    Updated: Mon, 18 Aug 2025 04:46 PM (IST)

    हरियाणा सरकार ने 2023 में हड़ताल पर गए लिपिकों को राहत दी है। हड़ताल की अवधि को उपार्जित अवकाश माना जाएगा और उनका वेतन नहीं काटा जाएगा। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने आदेश जारी किए हैं कि पहले अर्जित अवकाश और फिर हाफ पे लीव समायोजित की जाएगी और बाकी अवकाश अग्रिम मिलेगा। यह फैसला क्लर्क एसोसिएशन की वेतन वृद्धि की मांग के बाद लिया गया है।

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    हड़ताल पर रहे लिपिकों को सीएन नायब ने दी राहत। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। जुलाई 2023 में 42 दिन की हड़ताल पर रहे लिपिकों को प्रदेश सरकार ने बड़ी राहत दी है। अब इस हड़ताल अवधि को उपार्जित अवकाश (लीव आफ दी काइंड ड्यू) माना जाएगा। हड़ताल अवधि का न तो वेतन काटा जाएगा और न ही इस अवधि को सेवा में बाधा (ब्रेक इन सर्विस) माना जाएगा।

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    मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, जिनके पास वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव का कार्यभार भी है, ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। हड़ताल पर जाने से पूर्व अर्जित अथवा संचित ‘अर्जित अवकाश’ को सर्वप्रथम समायोजित किया जाएगा।

    इसके पश्चात ‘हाफ पे लीव’ जाएगा। अर्जित अवकाश और ‘हाफ पे लीव’ की कटौती के बाद भी यदि हड़ताल अवधि शेष रहती है तो अग्रिम अर्जित अवकाश स्वीकृत किया जाएगा, जिसे संबंधित लिपिकों के भविष्य में अर्जित होने वाले अवकाश खाते से समायोजित किया जाएगा।

    क्लर्क एसोसिएशन ने मूल वेतन 35 हजार 400 रुपये करने की मांग को लेकर यह हड़ताल की थी। इसमें 15 हजार से अधिक लिपिक शामिल हुए थे। तब प्रदेश सरकार ने नो वर्क-नो पे का फार्मूला लागू करते हुए हड़ताली कर्मचारियों का वेतन काटने के निर्देश जारी कर दिए थे।

    मुख्य सचिव द्वारा जारी नए आदेश में कहा गया है कि यह छूट केवल एक बार की विशेष व्यवस्था के तौर दी जा रही है और इसे भविष्य में मिसाल के तौर पर नहीं लिया जाएगा। यह निर्देश केवल कुछ श्रेणियों के कर्मचारियों, खास तौर पर लिपिकों पर लागू होंगे, जिन्होंने उस विशेष हड़ताल में भाग लिया था।

    यह निर्देश अन्य किसी भी मामले में लागू नहीं होंगे। तदनुसार, विभागों में कार्यरत एसएएस काडर से सत्यापन के उपरांत वेतन जारी किया जा सकता है। इस संबंध में सभी प्रशासकीय सचिवों, विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्तों, उपायुक्तों, एसडीएम और खजाना अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं।