Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अपनी ही लीडरशिप के खिलाफ खड़े हुए सिद्धू, AAP से गठबंधन को लेकर पार्टी से अलग है राय; बोले-स्वार्थ छोड़कर....

    कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रदेश की लीडरशिप के उलट पंजाब में कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन का समर्थन किया है। सिद्धू के स्टैंड से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती है क्योंकि कांग्रेस के नेता गठबंधन के खिलाफ हैं। नवजोत सिद्धू ने एक्स पर कांग्रेस और आप के संभावित गठबंधन को राष्ट्रीय हित में बताया है।

    By Kailash Nath Edited By: Preeti GuptaUpdated: Thu, 07 Sep 2023 04:05 PM (IST)
    Hero Image
    नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रदेश की लीडरशिप के उलट गठबंधन का समर्थन किया है। (फाइल फोटो)

    चंडीगढ़, कैलाश नाथ। AAP and Congress Alliance: इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इन्क्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A) के घटक दल कांग्रेस (Congress) और आम आदमी पार्टी (AAP) का पंजाब में गठबंधन होगा की नहीं इसे लेकर दोनों ही पार्टियों में जोरदार खींचतान चल रही है। पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) का स्पष्ट स्टैंड हैं कि वह आप के साथ समझौता नहीं करना चाहती। जबकि कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने प्रदेश की लीडरशिप के उलट गठबंधन का समर्थन किया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सिद्धू के स्टैंड से बढ़ सकती हैं पार्टी की मुश्किलें

    सिद्धू के स्टैंड से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती है क्योंकि कांग्रेस के विधायक विधानसभा चुनाव (Assembly Elections)  लड़ने वाले प्रत्याशी पहले ही यह कह चुके है कि लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections)  के उम्मीदवार गठबंधन के हक में नहीं है। वहीं, पार्टी का एक ‘पीड़ित’ वर्ग भी गठबंधन के समर्थन में है।

    सिद्धू हैं गठबंधन के हित में

    अहम बात यह है कि नवजोत सिद्धू की पत्नी डॉ. नवजोत कौर (Navjot Kaur) ने एक दिन पहले एक्स पर भगवंत मान सरकार के रोड सेफ्टी फोर्स बनाने की प्रशंसा की। इसी के करीब एक घंटे बाद नवजोत सिद्धू ने एक्स पर कांग्रेस और आप के संभावित गठबंधन को राष्ट्रीय हित में बताया और पंजाब के नेताओं को निजी स्वार्थों से ऊपर उठने की सलाह दी।

     यह भी पढ़ें-  'हम चुनाव लड़ भी रहे और जीत भी रहे', PU छात्रसंघ चुनाव में NSUI की जीत पर बाजवा ने CM मान पर साधा निशाना

    हाईकमान के फैसले को सिद्धू ने बताया सुप्रीम

    सिद्धू ने पार्टी हाईकमान के फैसले को सुप्रीम भी बताया। इस पर पार्टी ने भी प्रतिक्रिया देने में देर नहीं लगाई। प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग (Amarinder Singh Raja Warring) ने कहा कि पार्टी का फैसला तो सुप्रीम होता ही है लेकिन अभी पार्टी ने कोई फैसला लिया नहीं हैं। बतौर प्रदेश प्रधान पार्टी नेताओं ने जो जिम्मेदारी उन्हें सौंपी है वह पार्टी हाईकमान को बता देंगे। 

    प्रदेश कांग्रेस की बैठक में शामिल नहीं हुए थे सिद्धू

    कांग्रेस विधायक दल के नेता ने यह  भी कहा कि पंजाब कांग्रेस का कैडर की भावनाएं आप के साथ गठबंधन करने के खिलाफ है। यही नहीं पूर्व मंत्री गुरकीरत कोटली ने कहा कि जब प्रदेश प्रधान ने 5 सितंबर को विधायकों व पार्टी के प्रत्याशियों की बैठक बुलाई थी तब सिद्धू को आना चाहिए थे। बैठक में उन्हें अपने विचार रखने चाहिए थे। बता दें कि सिद्धू इस बैठक में शामिल नहीं हुए थे।

    यह भी पढ़ें- PU स्टूडेंट्स कॉउंसिल प्रधान जतिंदर सिंह ने ABVP छोड़ने पर तोड़ी चुप्‍पी, कहा- 'बोलने की नहीं थी फ्रीडम'

    पार्टी से अलग रहती है सिद्धू की राय

    यह पहला मौका नहीं है जब सिद्धू के विचारों के कारण कांग्रेस की परेशानी बढ़ी हो। जब पार्टी ने सिद्धू को प्रदेश प्रधान की जिम्मेदारी सौंपी थी तब वह तत्कालीन कांग्रेस के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ खड़े हो गए थे। सिद्धू ने कैप्टन विरोधी खेमे का नेतृत्व किया। स्थिति यहां तक पहुंच गई कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के कहने पर कैप्टन ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया।

    सिद्धू ने कई बार बढ़ाई है पंजाब कांग्रेस की मुश्किलें

    पार्टी ने जब चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया तब भी सिद्धू की उनके साथ नहीं बनी। सिद्धू ने एडवोकेट जनरल व डीजीपी को नहीं हटाने के विरोध में प्रदेश प्रधान के पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि एजी और डीजीपी को हटाए जाने के बाद वह प्रदेश प्रधान की जिम्मेदारी निभाते रहे, लेकिन चुनाव के दौरान भी चन्नी और सिद्धू के बीच जमकर खींचतान होती रही। वहीं, आप के साथ गठबंधन को लेकर प्रदेश के नेताओं के उटल स्टैंड लेकर सिद्धू ने एक बार भी पंजाब कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।