Move to Jagran APP

कैप्‍टन की कूटनीति में घिरे सिद्धू बोले- सरकार में हूं अकेला, लेकिन लड़ाई नहीं छोड़ूंगा

नवजोत सिंह सिद्धू अपनी राजनीति व सरकार की कूटनीति में फंस गए हैं। सरकार ने सिद्धू के कई फैसले पलटे तो सिद्धू ने अकालियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 23 Jul 2018 11:58 AM (IST)Updated: Mon, 23 Jul 2018 08:53 PM (IST)
कैप्‍टन की कूटनीति में घिरे सिद्धू बोले- सरकार में हूं अकेला, लेकिन लड़ाई नहीं छोड़ूंगा
कैप्‍टन की कूटनीति में घिरे सिद्धू बोले- सरकार में हूं अकेला, लेकिन लड़ाई नहीं छोड़ूंगा

चंडीगढ़ [मनोज त्रिपाठी]। पंजाब के स्थानीय निकाय एवं पर्यटन मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू अपने अति उत्‍साह और सरकार की कूटनीति में बुरी तरह से उलझ गए हैं। कैप्‍टन अमरिंदर सिंह सरकार के गठन के बाद से ही विभिन्न मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय व सिद्धू के बीच तलवारें खिंचती रही हैं। इस बार मामला अवैध कॉलोनियों व अवैध निर्माण का है। सिद्धू अवैध कॉलोनियों व अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई के पक्ष में हैं, तो सरकार ने नई पॉलिसी बनाने की घोषणा कर सिद्धू के फैसले को ही पलट दिया है। नतीजतन, सिद्धू भी यह कहने पर मजबूर हो गए कि वह अपनी सरकार में अकेले हैं, लेकिन लड़ाई नहीं छोड़ेंगे।

loksabha election banner

अति उत्‍साह और कैप्‍टन सरकार की कूटनीति में बुरी तरह उलझे नवजोत सिंह सिद्धू

सरकार के गठन के बाद से ही सिद्धू लगातार सरकार के निशाने पर रहे हैं या सरकार सिद्धू के निशाने पर रही है। डिप्टी सीएम बनाने का फैसला न मानने के बाद जब सिद्धू ने निकाय विभाग के साथ हाउसिंग एवं अर्बन डेवलपमेंट विभाग भी देने की मांग उठाई, तो सरकार ने इसे ठुकरा दिया।

यह भी पढें: सिद्धू बोले-पंजाब को कुत्तों के हवाले नहीं छोड़ सकता, मंत्री बाजवा ने पूछा- कौन हैं कुत्ते

स्‍थानीय निकाय व पर्यटन विभाग से संतोष करने के बाद सिद्धू ने शुरू से ही अकाली दल, सुखबीर बादल और बिक्रम सिंह मजीठिया को निशाना बनाना शुरू कर दिया था। हालांकि, सिद्धू ने वही सवाल उठाए थे, जो पंजाब की सियासत में गर्म थे। नशा, खनन माफिया, ट्रांसपोर्ट माफिया और केबल माफिया जैसे तमाम मुद्दों को सिद्धू ने कांग्रेसियों को साथ लेकर मजबूती के साथ उठाया, लेकिन सरकार ने हमेशा ही सिद्धू को बैकफुट पर धकेल दिया।

यह भी पढें: मजबूर पिता का खुदकुशी से पहले बेटी के नाम सुसाइड नोट, पढ़कर हो जाएंगे भावुक

भ्रष्टाचार के आरोप में तीन आइएएस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई हो या फिर निगम के अफसरों के खिलाफ हर मामले में सिद्धू को मुंह की खानी पड़ी। मोहाली के मेयर को हटाने से लेकर हाल ही में अवैध कॉलोनियों व अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सिद्धू के फैसले को सरकार ने पूरा माहौल बनाने के बाद चुटकी में पलट दिया। जालंधर के कांग्रेस विधायक सुशील रिंकू इस मुद्दे पर सिद्धू पर भारी पड़े।

दर्जनों अवैध निर्माण पर डिच चलवाने के साथ दो दर्जन के आसपास निगम अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बाद सरकार ने एक झटके में सब यह कहकर पलट दिया कि नई पॉलिसी बनेगी। नई पॉलिसी बनाने को लेकर दो बैठकें हो चुकी हैं। अंतिम फैसला कमेटी के प्रमुख बजावा व अन्य कैबिनेट के सदस्यों के हवाले हो गया है, लेकिन कमेटी के बाकी सदस्य इस मुद्दे पर सिद्धू के साथ नहीं खड़े हैं।

यह भी पढ़ें: आप के दाे विधायकों को कनाडा में एयरपोर्ट से वापस भारत भेजा

सिद्धू आज भी कहते हैं कि वह अपने स्टैंड पर खड़े हैं। फिलहाल सिद्धू सरकार में कुछ अलग और अकाली दल को कठघरे में खड़ा करने की अपनी राजनीति व सरकार की कूटनीति के चक्रव्यूह से निकल भी पाते हैं या नहीं इसका जवाब आने वाले समय में ही मिलेगा।

अकाली दल की पोल-खोल सीरीज

सिद्धू ने फिलहाल अकाली दल के खिलाफ पोल खोल साप्ताहिक सीरीज शुरू की है। यह पंजाब की सियासत में पहला मौका है, जब किसी मंत्री ने किसी पार्टी की हकीकत को सियासी नमक मिर्च लगाकर हर सप्ताह पेश करने का सिलसिला शुरू किया हो। अभी तक लगातार तीन सप्ताह से सिद्धू हर रविवार को अकाली दल के अध्यक्ष व पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल को निशाना बना रहे हैं।

यह भी पढ़ें: युवी की ये बातें हौसला देंगी और बताएंगी जिंदगी के मायने भी, पढ़ें पूरी खबर

सियासी जानकारों का मानना है कि चूंकि विभिन्न मुद्दों पर सिद्धू अपनी ही पार्टी में कमजोर पड़ते जा रहे हैं, इसलिए उन्होंने नया रास्ता अपनाया है। पिछली सरकार तमाम आरोपों में घिरी रही थी, इसलिए मुद्दे आसानी सामने पड़े हैं। यह समय ही बताएगा कि इन मुद्दों ने सिद्धूू के लिए सियासी ऑक्सीजन का काम किया है या अकाली दल के किए कार्बन डाइऑक्साइड का।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.