सिद्धू पटियाला में, पंजाब कांग्रेस के कैशियर चहल ने सौंपा इस्तीफा, परगट व रजिया सुल्ताना सहित कई नेता पहुंचे
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद नवजोत सिंह सिद्धू अपने नजदीकियों के साथ पटियाला स्थित आवास पर बैठक कर रहे हैं। इस दौरान मंत्री पद न मिलने से नाराज कुलजीत नागरा भी उनके आवास पर पहुंचे हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़/पटियाला। पंजाब कांग्रेस प्रधान पद से इस्तीफा देने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू अपने पटियाला स्थित आवास पर हैं। सिद्धू के आवास पर गहमागहमी का माहौल है। उनके नजदीकी नेता वहां पहुंच रहे हैं। कुलजीत नागरा, विधायक इंदरबीर बुलारिया, मंत्री रजिया सुल्ताना, परगट सिंह, अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, सिद्धू के रणनीतिक सलाहकार मोहम्मद मुस्तफा, सांसद अमर सिंह, सुखपाल खैहरा, सुखविंदर सिंह डैनी, निर्मल सिंह शुतराना, रमिंदरजीत सिंह, कुशल दीप सिंह भी सिद्धू के आवास पर पहुंचे।
इस बीच, हाल ही में कांग्रेस के कैशियर नियुक्त किए गए गुलजार इंदर चहल ने भी इस्तीफा दे दिया है। वह नवजोत सिद्धू के घर पर अपना इस्तीफा देकर गए हैं। कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना ने भी मंत्री पद छोड़ दिया है। बताया जाता है कि पंजाब कांग्रेस में फिर मचे घमासान पर पार्टी के वरिष्ठ नेता बैठक करेंगे। इस आपातकालीन महत्वपूर्ण बैठक में पार्टी के पंजाब प्रभारी हरीश रावत, अजय माकन, हरीश चौधरी व केसी वेणुगोपाल शामिल होंगे।
कुलबीर जीरा के साथ शिक्षा मंत्री परगट सिंह सिद्धू के आवास पर पहुंचे। जागरण
पंजाब एक तरफ चरणजीत सिंह चन्नी सरकार के नवनिर्वाचित मंत्रियों को विभागों का बंटवारा हुआ और वह आफिसों का कार्यभार संभाल रहे थे तो दूसरी तरफ अचानक सिद्धू के इस्तीफे ने सबको चौका दिया। आज ही कैप्टन अमरिंदर सिंह भी नई दिल्ली में हैं। इधर, ठीक उसी समय सीएम चरणजीत सिंह चन्नी चंडीगढ़ में प्रेस कांफ्रेंस कर रहे थे। इसी दौरान अचानक नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट कर इस्तीफे की जानकारी दी।
पंजाब में पार्टी हाईकमान वही कर रहा था, जो नवजोत सिंह सिद्धू चाह रहे थे। सिद्धू कैप्टन को सीएम नहीं देखना चाहते थे। कैप्टन के लिए ऐसा माहौल तैयार कर दिया कि उन्हें इस्तीफा देना पड़ा, लेकिन अब सिद्धू खुद असहज हो गए। हालांकि सिद्धू ने इस्तीफे में यह स्पष्ट नहीं किया है कि उनकी नाराजगी क्या है, लेकिन इसके पीछे कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
सिद्धू चाहते थे कि कैप्टन को हटाकर उन्हें सीएम बनाया जाए, लेकिन पार्टी ने चरणजीत सिंह चन्नी को सरकार की कमान सौंप दी। इसके बाद डीजीपी व एजी की नियुक्ति में भी नवजोत सिंह सिद्धू की नहीं चली। सिद्धू कुलजीत नागरा को मंत्री बनाना चाहते थे, लेकिन ऐन वक्त पर नागरा का नाम हटाकर रणदीप सिंह नाभा को मंत्री बना दिया गया।