मोहाली के गांवों को मिली राहत, नयागांव में इको सेंसेटिव जोन का दायरा बढ़ाने का फैसला सरकार ने लिया वापस
पंजाब सरकार ने सुखना वन्यजीव अभयारण्य के इको सेंसिटिव जोन को घटाकर 100 मीटर करने का फैसला किया है। पहले यह एक से तीन किलोमीटोर तक बढ़ाया जाने वाला था। इस फैसले से मोहाली के नयागांव कांसल करोरा और नाडा जैसे गांवों को राहत मिलेगी। बीजेपी नेता विनीत जोशी ने इसके लिए एक नयागांव घर बचाओ मंच के नाम से आंदोलन भी चलाया था।

जागरण संवाददाता, मोहाली। पंजाब सरकार की तरफ से जिला मोहाली के साथ लगते चंडीगढ़ के सुखना वाइल्डलाइफ का इको सेंसेटिव जोन एक से तीन किलोमीटर तक बढ़ाए जाने की तैयारी की गई थी। इसके लिए एक प्रस्ताव तैयार किया गया था। जिसे कैबिनेट में मंजूरी दी जानी थी, लेकिन इसके विरोध में मोहाली के कस्बा नयागांव गांव कांसल और गांव नाड़ा के लोग विरोध में उतर आए थे।
भाजपा नेता विनीत जोशी ने इसके लिए एक नयागांव घर बचाओ मंच के नाम से आंदोलन भी चलाया था। उन्होंने इसके लिए कई बार विरोध प्रदर्शन किए थे। इसके बाद सरकार ने अब अपने इस फैसले को वापस ले लिया है।
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि अब नयागांव नगर परिषद के इलाके में इको सेंसेटिव जोन का दायरा सिर्फ 100 मीटर तक ही रहेगा।
मोहाली के कई गांवों को राहत
सरकार के इस फैसले के बाद मोहाली जिले के कस्बा नयागांव करोरा, कांसल एवं नाडा जैसे कई गांवों को राहत मिलेगी। इस मामले में भाजपा नेता विनीत जोशी ने बताया कि सुखना वाइल्डलाइफ के आसपास 100 मीटर इको सेंसेटिव जोन का दायरा पिछले करीब 10 सालों से है।
इसे बढ़ाना सरकार का अनुचित फैसला था। अब सरकार को अपने गलत फैसले के बारे में समझ में आया है। जो लोगों के हित में है। अगर आगे भी सरकार लोगों के खिलाफ कोई इस तरह का फैसला लेगी, तो वह लोगों के साथ खड़े रहेंगे।
साल 1980 से लोग बसना शुरू हुए थे जोशी ने बताया कि चंडीगढ़ में घर- फ्लैट खरीदने में असमर्थ लोगों ने 1980 में ही नयागांव और कांसल में छोटे-छोटे प्लॉट किसानों से खरीद घर बनाने शुरू कर दिए थे, उसके बाद करोरा और नाडा गांव में भी घर बनाए।
साल 2006 में हुआ नगर पंचायत का गठन
इस क्षेत्र में बिना किसी कानूनी प्रावधान के बन रहे घर, दुकानों, आदि के कारण पैदा हुई व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए पंजाब सरकार ने 2006 में नगर पंचायत का गठन किया। दो लाख की आबादी को राहत यह निर्णय मोहाली जिले के नयागांव, कांसल, करोरा और नाडा में रहने वाले गरीब और निम्न मध्यम वर्ग की दो लाख की आबादी के लिए राहत की खबर है।
सरकार के पुराने निर्णय से कानून अनुसार बनाए मकान, दुकानें, अस्पताल, धार्मिक स्थल, होटल आदि को गिराने व तोड़ने की नौबत भी आ सकती थी। सरकार ने इसके लिए तीन मंत्रियों की कमेठी गठित की थी।
पंजाब सरकार द्वारा गठित तीन कैबिनेट मंत्रियों की उच्चस्तरीय समिति ने जनसुनवाई में लिखित में सौ से ऊपर आपत्तियां ली थी। उन पर कानून अनुसार निर्णय लेते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है।
यह भी पढ़ें- MSP सहित किसानों की सभी मांगें मानेगी केंद्र सरकार? चंडीगढ़ में सातवीं दौर की बैठक शुरू
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।