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    मोहाली में बिना अनुमति काटे 1855 पेड़, वन विभाग ने कार्रवाई से पल्ला झाड़ा

    Updated: Tue, 05 Aug 2025 01:02 PM (IST)

    चंडीगढ़ के पास मोहाली में बिना अनुमति 1855 पेड़ काटे गए। यह मामला एनजीटी में याचिका दायर होने के बाद सामने आया। वन विभाग ने जुर्माना लगाने की सिफारिश की है लेकिन पर्यावरणीय मुआवजे को लागू करना पीपीसीबी का कार्यक्षेत्र बताया है। डीएफओ के अनुसार पेड़ों की कटाई गैर-वन भूमि पर हुई इसलिए वन विभाग को रोकने का अधिकार नहीं था।

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    मोहाली में बिना अनुमति काटे 1855 पेड़ (File Photo)

    रोहित कुमार, चंडीगढ़। एक तरफ राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधे लगाने पर जोर दे रही है, दूसरी तरफ विकास परियोजनाओं और शहरीकरण के चलते पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है। हाल ही में चंडीगढ़ के निकट मोहाली में बिना अनुमति पेड़ों की कटाई का मामला सामने आया है।

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    जिला वन अधिकारी (डीएफओ) ने राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) को सूचित किया है कि मोहाली क्षेत्र में 1,855 पेड़ बिना आवश्यक अनुमति के काटे गए हैं। साथ ही यह स्पष्ट किया है कि पेड़ों की यह कटाई वन विभाग के अधिकार क्षेत्र से बाहर की भूमि पर हुई थी।

    यह मामला पर्यावरण संरक्षण सोसायटी के अध्यक्ष हरभजन सिंह मिन्हास और ‘सेव माय ट्रीज फाउंडेशन’ के समन्वयक दलजीत सिंह की ओर से एनजीटी में याचिका दायर के बाद सामने आया है।

    वन विभाग ने की जुर्माना लगाने की सिफारिश

    वन विभाग ने इस मामले में जुर्माना लगाने की सिफारिश की है, लेकिन यह भी कहा है कि पर्यावरणीय मुआवजे को लागू करना पंजाब राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) या पर्यावरण विभाग का कार्यक्षेत्र है।

    वन विभाग इस मामले में जुर्माना नहीं लगा सकता। अब इस मामले में आगे की कार्रवाई एनजीटी के हाथ में है। डीएफओ कंवर दीप सिंह ने एनजीटी को दिए गए एक लिखित उत्तर में स्पष्ट किया कि जिस भूमि पर पेड़ों की कटाई हुई, वह गैर-वन श्रेणी की है, इसलिए वन विभाग को इस पर पेड़ काटने को रोकने या नियंत्रित करने का कोई अधिकार नहीं है।

    69 लाख रुपये आंका गया नुकसान

    उन्होंने कटे हुए पेड़ों और 21 खंभों का आरक्षित मूल्य लगभग 69 लाख रुपये आंका है और सुझाव दिया है कि यह राशि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत पर्यावरणीय मुआवजे के रूप में लगाई जा सकती है।

    डीएफओ की रिपोर्ट के अनुसार, विभाग से गैर-वन भूमि पर पेड़ों का आकलन करने को कहा गया था, लेकिन पेड़ों की कटाई की अनुमति नहीं दी गई थी। विभाग ने पर्यावरणीय संरक्षण और प्रदूषण रोकने के लिए कटे हुए पेड़ों के स्थान पर 10 गुणा अधिक पौधे लगाने की सिफारिश की है।