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भ्रष्टाचार मामले में मंत्री बाजवा की सख्त कार्रवाई, पूर्व एडीसी को किया निलंबित

ग्रामीण विकास मंत्री राजिंदर सिंह बाजवा ने कहा कि भ्रष्ट अफसरों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। सतीश चंद्र को निलंबित कर दिया गया हैैं।

By Ankit KumarEdited By: Published: Wed, 26 Apr 2017 08:22 PM (IST)Updated: Wed, 26 Apr 2017 08:22 PM (IST)
भ्रष्टाचार मामले में मंत्री बाजवा की सख्त कार्रवाई, पूर्व एडीसी को किया निलंबित
भ्रष्टाचार मामले में मंत्री बाजवा की सख्त कार्रवाई, पूर्व एडीसी को किया निलंबित

जेएनएन, चंडीगढ़। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने भ्रष्टाचार के मामले में सख्त कार्रवाई की है। बाजवा ने रूप नगर के पूर्व एडीसी (विकास) व पंचायती ट्रेनिंग सेंटर के प्रिंसिपल सतीश चंद्र वशिष्ट को भ्रष्टाचार के आऱोपों में निलंबित कर दिया हैैं।

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बताया जा रहा है कि वशिष्ट का निलंबन फर्नीचर और बिजली उपकरण अधिक मूल्य पर खरीदने के आरोप में हुआ हैै। हालांकि वशिष्ट पर भ्रष्टाचार के चार अन्य केस भी चल रहे थे। पूर्व अकाली-भाजपा सरकार ने वशिष्ट मामले की जांच विजिलेंस से करवाने पर रोक लगा दी थी। 

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ये थे आरोप

वशिष्ट ने एडीसी विकास एवं मुख्य कार्यकारी अफसर जिला परिषद रूपनगर रहते हुए कम कीमत वाले सामानों पर बड़े भुगतान किए। उन्होंने 7000 की चीज का भुगतान 28 हजार रूपये और 25 हजार की चीज का भुगतान 65 हजार रुपये दिखाया। इसी तरह जिला परिषद के अधीन अबियाणा-नूरपुरबेदी सड़क पर पेड़ों की कटाई को लेकर 6 मई 2015 को हुई बोली की रकम तक जमा नहीं करवाई। जबकि नियमानुसार काम शुरू होने से पहले पैसा जमा करवाना जरूरी होता है।

इस मामले में डीसी रूपनगर गुरनीत तेज ने एडीसी (डी) सतीश वशिष्ट के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी। इस कमेटी की रिपोर्ट में आरोप सच्चाई के निकट पाने के बाद पंजाब सरकार के फाइनांस कमिश्नर ग्रामीण विकास को पत्र लिखकर मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की थी। इसी केस में उनका तबादला कैरियर डेवलमेंट ट्रेनिंग सेंटर (सीडीटीसी) बटाला में बतौर प्रिंसिपल कर दिया गया था।

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शिक्षा मंत्री के पति ने की थी 2012 में शिकायत

शिक्षा मंत्री अरुणा चौधरी के पति अशोक चौधरी ने वशिष्ट के खिलाफ 2012 में शिकायत की थी। इसके मुताबिक उन्हें पंचायत के 594 पेड़ के स्थान पर 1349 पेड़ कटवाए। यही नहीं पेड़ कटाई की बोली 27.51 लाख पर टूटी। जबकि खजाने में मात्र 12.23 लाख रुपये जमा करवाए गए। इसके अलावा भी वशिष्ट पर तीन अन्य गंभीर आरोप लगे थे। आरोपों की गंभीरता को देखते हुए विभाग ने सरकार से विजिलेंस जांच की भी मांग की थी। लेकिन सरकार ने इसकी इजाजत नहीं दी गई थी।

भ्रष्ट अफसरों को बख्शा नहीं जाएगा : बाजवा

ग्रामीण विकास मंत्री राजिंदर सिंह बाजवा ने कहा कि भ्रष्ट अफसरों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। सतीश चंद्र को निलंबित कर दिया गया हैैं। अब इसकी जांच करवाई जाएगी। वशिष्ट पर गंभीर आरोप हैैं, ऐसे में कार्रवाई जरूर होगी। 

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