मनीष सिसोदिया के 'साम-दाम' वाले बयान पर विपक्ष ने घेरा, चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग; सुनील जाखड़ ने लिखा पत्र
आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया महिला कार्यकर्ताओं को 2027 में सत्ता हासिल करने के लिए साम दाम दंड भेद का उपयोग करने की सलाह देकर विवादों में आ गए हैं। विपक्षी दलों ने उनकी आलोचना की है और चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की है। सुखबीर बादल ने आप पर छल और झूठ का आरोप लगाया है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पार्टी की महिला वालंटियरों को सलाह देकर फंस गए हैं। सभी विपक्षी पार्टियों ने उन पर तीखा हमला किया है।
भाजपा के प्रधान सुनील जाखड़ ने तो चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उनके खिलाफ केस दर्ज करने की मांग भी कर दी है। जाखड़ के अलावा शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल, कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग आदि ने भी मनीष सिसोदिया पर कार्रवाई की मांग की है।
मनीष सिसोदिया का यह वीडियो 13 अगस्त का है जिसमें वह चंडीगढ़ में हुए एक कार्यक्रम के दौरान महिला कार्यकर्ताओं को कह रहे हैं कि पार्टी को हर हालत में 2027 में सत्ता में आना है। इसके लिए साम,दाम, दंड, भेद अपनाएं, झूठ फैलाएं या लड़ाई करें लेकिन सत्ता में आएं।
हालांकि जब यह कह रहे थे कि उसी समय सामने बैठे मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने पास बैठे पार्टी के प्रधान अमन अरोड़ा से कान में कुछ बात की।
सुनील जाखड़ ने चुनाव आयोग को पत्र लिखते हुए कहा कि 2027 के पंजाब विधानसभा चुनाव जीतने के लिए मनीष सिसोदिया ने 'साम, दाम, दंड, भेद, सच, झूठ, सवाल, जवाब, लड़ाई, झगड़ा' का सहारा लेने की बात कही। यह बयान स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर शांति, स्वतंत्रता और अखंडता के मूल्यों का मजाक उड़ाता है।
जाखड़ ने लिखा कि साम का मतलब है कि मतदाताओं पर दबाव डालने या जबरदस्ती करने के लिए सरकारी मशीनरी का गलत इस्तेमाल करना। दाम स्पष्ट रूप से पैसे की ताकत, रिश्वत और वोट खरीदने के लिए प्रलोभन का उपयोग करने को दर्शाता है, जो चुनाव कानूनों के तहत एक भ्रष्ट आचरण है। दंड उन लोगों के खिलाफ सजा और धमकियों की चेतावनी देता है, जो ''''आप'''' का समर्थन करने से इनकार करते हैं।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि ये जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत गंभीर अपराध बनते हैं, जिसमें धारा 123(1) के तहत रिश्वत, धारा 123(2) के तहत अनुचित प्रभाव, और धारा 123(3A) के तहत शत्रुता को बढ़ावा देना शामिल है।
इसके अलावा, भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 196, 197, 353 के तहत विभिन्न समूहों में शत्रुता को बढ़ावा देने, राष्ट्रीय एकता के खिलाफ बयान, अवैध धमकी और डर पैदा करने के अपराध भी शामिल हैं।शिअद के प्रधान सुखबीर बादल ने कहा है कि 2027 में पंजाब में सत्ता बरकरार रखने के लिए आप के छल, झूठ, झूठे वादे और गंदी चालें - जैसे दंगे, हिंसा और पैसों का खेल।
ये सब उनके नेता मनीष सिसोदिया ने खुलेआम स्वीकार कर लिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब वे 2014 में पंजाब में दाखिल हुए, बेअदबी की घटनाएं 2015 में शुरू हुईं। 2016 के मलेरकोटला बेअदबी मामले में आप विधायक नरेश यादव को दोषी ठहराए जाने के बाद, क्या अब भी किसी के मन में कोई संदेह है कि इन घटनाओं के पीछे कौन था?
उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की कि सिसोदिया के भड़काऊ बयानों का कड़ा संज्ञान लें और उनकी ज़मानत (भ्रष्टाचार के मामले में) रद्द करे। कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने भी मनीष सिसोदिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
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