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    M3M रिश्वत कांड: 16 वकीलों को नोटिस, जांच के लिए विशेष समिति गठित; अभिषेक मनु सिंघवी से मांगा जवाब

    Updated: Sat, 09 Aug 2025 04:25 PM (IST)

    पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल ने एम3एम बिल्डर रूप बंसल मामले में बेंच हंटिंग के आरोपों पर 16 वकीलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। परिषद ने वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और मुकुल रोहतगी से भी जवाब मांगा है। बार काउंसिल ने इसे न्यायिक प्रणाली पर गंभीर आघात बताया और कहा कि कुछ वकीलों ने सुविधा के लिए नियमों में हेरफेर किया।

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    एम3एम रिश्वत कांड: बेंच हंटिंग के आरोप में 16 वकीलों को बार काउंसिल का नोटिस। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। एक बड़े घटनाक्रम में, पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल ने एम3एम बिल्डर रूप बंसल मामले में कथित “बेंच हंटिंग” (विशेष पीठ से अनुकूल आदेश प्राप्त करने या किसी पीठ से बचने का प्रयास) रणनीति अपनाने के आरोपों पर 16 वकीलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

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    मामले की जांच के लिए विशेष समिति गठित की गई है, जो इस गंभीर आरोप की तह तक जाएगी। नोटिस पाने वाले वकीलों में वरिष्ठ वकील राकेश नेहरा, पुनीत बाली, जेके सिंगला, सिद्धार्थ भारद्वाज, आदित्य अग्रवाल, गगनदीप सिंह, अनमोल चंदन, बलजीत बेनीवाल, हर्ष शर्मा, सौहार्द सिंह, रूपेंद्र सिंह, अंकित यादव, आशिम सिंगला, आकाश शर्मा, बिंदु और एपीएस शेरगिल शामिल हैं।

    ये सभी या तो मामले के फाइलिंग वकील थे या एम3एम के निदेशक रूप बंसल की ओर से अदालत में पेश हुए थे। परिषद ने वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और मुकुल रोहतगी से भी जवाब मांगा है, ताकि मामले का निष्पक्ष और व्यापक निपटारा हो सके।

    बार काउंसिल ने कहा कि आम लोग महान वकीलों से न्याय की उम्मीद रखते हैं, लेकिन इस मामले में आरोप है कि रूप बंसल ने कुछ चतुर वकीलों की मदद से अदालत का “दरवाजा तोड़ने” की कोशिश की। हाईकोर्ट में लंबित एम3एम और रूप बंसल से जुड़े मामलों पर नजर रखते हुए परिषद ने स्वतः संज्ञान लेकर यह मामला समिति को सौंपा।

    समिति ने कहा कि उसका कर्तव्य “टोकरी से सड़े हुए सेब निकालना” है, ताकि बाकी सेब खराब न हों। रूप बंसल की ट्रायल कोर्ट के जज को रिश्वत देने की कथित साजिश से जुड़ी 2023 की एफआईआर रद्द करने की याचिका में गड़बड़ी का मामला सामने आया।

    सुनवाई के दौरान पता चला कि याचिका एक ऐसे वकील ने दायर की थी, जिसके मामलों को एक विशेष पीठ के समक्ष सूचीबद्ध न करने के निर्देश पहले ही जारी किए गए थे। चीफ जस्टिस शील नागू ने भी मौखिक टिप्पणी की थी कि यह याचिका सिर्फ “विशेष पीठ से मामला बाहर निकालने” के लिए दायर की गई थी।

    परिषद ने इसे न्यायिक प्रणाली पर गंभीर आघात बताया और महाभारत का उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे द्रौपदी के चीरहरण के समय बुद्धिमान पुरुषों की चुप्पी से अन्याय बढ़ा, वैसे ही यहां भी चुप्पी अन्याय को बढ़ावा दे सकती है।

    समिति का प्रथम दृष्टया मत है कि कुछ वकीलों ने सुविधा और लाभ के लिए प्रक्रियात्मक नियमों में हेरफेर किया, जिससे कानूनी पेशे की छवि धूमिल हुई। यह आचरण न्याय के मंदिर पर हमले के समान है, जो इतिहास में सोमनाथ मंदिर पर हुए आक्रमण की याद दिलाता है।

    समिति ने कहा कि बेंच हंटिंग, बार हंटिंग और फोरम शापिंग जैसी रणनीतियां अक्सर बड़े और अनुभवी वकीलों के इशारों पर चलती हैं। रिकार्ड से संकेत मिलता है कि इस खेल की योजना जेके सिंगला ने बनाई, लेकिन अकेले यह संभव नहीं था और इसमें कुछ “चतुर दिमाग वाले बड़े वकील” भी हो सकते हैं, जिनका पर्दाफाश जरूरी है।

    समिति ने सभी 16 वकीलों को 16 अगस्त को पेश होने का आदेश दिया है, ताकि यह तय किया जा सके कि वे किसी भी स्तर पर बेंच हंटिंग या फोरम शॉपिंग में लिप्त हैं या नहीं।