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    कुलतार संधवां ने एयरपोर्ट पर सिख कर्मचारियों पर कृपाण पहनने की पाबंदी की निंदा की, PM मोदी से हस्तक्षेप की मांग

    पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार संधवां ने हवाई अड्डों पर अमृतधारी सिख कर्मचारियों पर कृपाण पहनने की लगाई पाबंदी की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इस मामले को हल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की है। संधवां ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अमृतधारी सिखों की धार्मिक (चिह्न ) निशानियों के पहनने पर लगाई पाबंदी गलत निर्णय है।

    By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Mon, 11 Nov 2024 10:11 PM (IST)
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    एयरपोर्ट पर सिख कर्मचारियों पर कृपाण पहनने की पाबंदी।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार संधवां ने हवाई अड्डों पर अमृतधारी सिख कर्मचारियों पर कृपाण पहनने की लगाई पाबंदी की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इस मामले को हल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की है। संधवां ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अमृतधारी सिखों की धार्मिक (चिह्न ) निशानियों के पहनने पर लगाई पाबंदी गलत निर्णय है, जिसे वापस लिया जाना चाहिए।

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    नेशनल सिख फ्रंट के चेयरमैन वरिंदरजीत सिंह ने देश के हवाई अड्डे पर ड्यूटी के दौरान सिख कर्मचारियों को कृपाण धारण करने पर पाबंदी लगाने के ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी के निर्देश की निंदा की है। वरिंदरजीत सिंह ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है और ऐसे देश भारत में इसे लागू किया जा रहा है, जिसमें सिखों ने सबसे अधिक बलिदान दिए हैं।

    'धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है'

    उन्होंने कहा कि विश्व के अनेक देशों में अपनी ड्यूटी के दौरान जब सिख कर्मचारी कृपाण धारण कर सकते हैं, तो फिर अपने देश के हवाई अड्डों में ऐसा क्यों नहीं है। कृपाण सिख समुदाय का धार्मिक प्रतीक चिह्न है और यह सिख की पहचान है। इस तरह की पाबंदियों से समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है और विश्व में यह भी संदेश गया है कि धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ अपने ही घर में किस तरह का व्यवहार किया जा रहा है।

    कृपाण हथियार नहीं हमारी आस्था का प्रतीक

    उन्होंने कहा कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी समेत अन्य संगठन ने आदेश की निंदा की है और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन बताया है, जिसमें धर्म की पूरी आजादी का अधिकार है। उन्होंने कहा कि इस आदेश को बिना देरी के वापस किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सभी सिखों के धार्मिक अधिकारों के संरक्षण के लिए खड़े हैं। कृपाण हथियार नहीं है, बल्कि हमारी आस्था का प्रतीक है और इसका सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने सिविल एविएशन सिक्योरिटी से इस नीति पर पुनर्विचार किए जाने की मांग की।

    वहीं, इससे पहले शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भारत के हवाई अड्डों पर काम करने वाले अमृतधारी सिख कर्मचारियों को कृपाण पहनने पर पाबंदी लगाने का सख्त नोटिस लिया था। धामी ने कहा कि भारत सरकार ने सिख कर्मचारियों को एयरपोर्ट के अंदर सिख ककारों के हिस्सा कृपाण को पहनकर जाने से रोका है, जो कि सिख पंथ के साथ धक्केशाही है।

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