कैप्टन अमरिंदर ने कहा- उम्मीद है मनोहरलाल समझेंगे एसवाईएल पर पंजाब का नजरिया
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं हरियाणा के सीएम मनोहरलाल एसवाईएल पर पंजाब के नजरिये और संकट को समझेंगे।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि पंजाब में पानी का संकट है और यहां भूजल की स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। ऐसे में उम्मीद है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर पर पंजाब का दृष्टिकोण जरूर समझेंगे।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर का कहना है कि हरियाणा पहले ही शारदा-यमुना लिंक नहर प्रोजेक्ट से पंजाब की अपेक्षा एक एमएएफ अधिक पानी ले रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही होने वाली बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल इस मुद्दे को वास्तविक नजरिए से देखेंगे। अपने फेसबुक लाइव प्रोग्राम 'कैप्टन से सवाल' के दौरान अमरिंदर ने जल बंटवारे के अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों को समझने और उनका पालन करने पर जोर दिया, जिनके अनुसार 25 साल बाद जल स्रोतों संबंधी सभी समझौतों की समीक्षा की जाती है।
केप्टन अमरिंदर ने कहा कि उन्होंने हरियाणा और केंद्र को कहा है कि इराडी कमीशन 35 साल पुराना है और पंजाब में पानी की उपलब्धता के बारे में अब नए सिरे से मूल्यांकन करने की जरूरत है क्योंकि पंजाब के 109 ब्लाक अब डार्क जोन में चले गए हैैं।
उन्होंने कहा कि पंजाब देश का पेट भरता है और हरियाणा की अपेक्षा अधिक कृषि योग्य जमीन पंजाब के पास है, फिर भी हरियाणा के पास मौजूद 12.48 एमएएफ नदी जल के मुकाबले पंजाब के पास उससे कम 12.42 एमएएफ नदी जल है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के गठन के समय दोनों राज्यों में अन्य संपत्तियों का विभाजन 60:40 अनुपात में हुया थाए लेकिन यमुना नदी के पानी का बंटवारा दूसरी संपत्तियों की तरह नहीं हुआ था।
एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए कृषि अध्यादेशों का उनकी सरकार ने इसका ज़बरदस्त विरोध किया है और वह इनको किसी भी कीमत पर मंज़ूर नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि शांता कुमार कमेटी की रिपोर्ट पर आधारित इन अध्यादेशों का उद्देश्य एफसीआई को खत्म करना और न्यूनतम समर्थन मूल्य को बंद करना है जिससे किसानी बिल्कुल ही समाप्त हो जाएगी। इन सिफारशों से सरकारी खरीद व्यवस्था का खात्मा हो जाएगा।
इसके साथ ही कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व के जश्नों के अंतर्गत साल 2021 के अंत तक 56 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य है। उनकी सरकार तीन साल में 1.30 करोड़ पौधे लगाना यकीनी बनाएगी।
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