पंजाब में नशा तस्करी की टूटी चेन, पाकिस्तान हुआ बेचैन; अब स्मगलिंग के लिए नहीं मिल रहे लोग
Drug Smuggling in Punjab पंजाब में इन दिनों नशा तस्करी की घटनाएं जोरों पर है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) सीमा पार से बेरोजगार युवाओं और वीकर सेक्शन का इस्तेमाल कर धमाके करवा रही है। पंजाब पुलिस (Punjab Police) ने हाल ही में ऐसे ही एक गिरोह के दो लोगों को पकड़ा है। पूछताछ में उन्होंने इस नेटवर्क का खुलासा किया।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। सीमा पार से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआई सुरक्षा एजेंसियों का ध्यान भटकाने के लिए बेरोजगार युवाओं व वीकर सेक्शन का इस्तेमाल कर धमाके करवा रही है। पंजाब के सीमावर्ती जिलों में लगातार नशा तस्करों पर कार्रवाई हो रही है इसका सीधा नुकसान पाकिस्तान को हो रहा है।
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआई इस कार्रवाई से पूरी तरह बौखला चुकी है क्योंकि सीमा पार से हो रहे नशे के व्यापार को बढ़ाने के लिए अब पंजाब में लोग नहीं मिल रहे।
ऐसे में इसी बौखलाहट में आइएसआई पंजाब का माहौल बिगाड़ने के लिए बेरोजगार युवाओं को छोटे मोटे धमाकों व अन्य आतंकी गतिविधियों में शामिल करवा दहशत पैदा करना चाह रही है। ताकि एजेंसियों का ध्यान भटके व नशे का कारोबार फिर से बढ़ सके।
युवाओं को इन चीजों का लालच रहे हैं आतंकी
खुफिया एजेंसी आइएसआई के इशारे पर विदेशों में बैठे आतंकी पंजाब में नशेड़ी युवकों को विदेश में सेंटल करने, पैसे व नशे का लालच दे रहे है। युवा इस लालच में आकर के बदले में आतंकवादियों के हथियारों और विस्फोटक पदार्थों को हैंडलरों तक पहुंचाने व धमाकों को अंजाम देने का काम कर रहे है।
बीते साल से अब तक आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिए कई युवकों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें अधिकांश नशेड़ी, बेरोजगार थे और उन्हें हैंडलर्स ने अपने काम के बदले पैसे देने या विदेश में नौकरी दिलाने का वादा किया था।
विदेशों में बैठे हैंडलर अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर समेत कई जिलों के बार्डर क्षेत्र में स्थानीय युवाओं को अपने साथ जोड़ रहे हैं। पंजाब पुलिस ने हाल ही में एक गिरोह के दो लोगों को पकड़ा था। पूछताछ में उन्होंने इस नेटवर्क का खुलासा किया।
एकाएक बढ़ गया है तस्करी का सिलसिला
पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह सिलसिला पिछले तीन-चार साल से चल रहा है। लेकिन अब एकाएक बहुत बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि 2022 में पठानकोट ग्रेनेड विस्फोट में एसबीएस नगर पुलिस की ओर पहचाने गए 6 संदिग्धों में पाकिस्तान स्थित अंतरराष्ट्रीय युवा सिख महासंघ (आईवाईएसएफ) के प्रमुख लखबीर सिंह रोडे भी शामिल था।
वह इस घटना का मास्टरमाइंड था। इस मामले में गिरफ्तार किए गए चार अन्य गरीब परिवारों से आते हैं। इन संदिग्धों से पूछताछ के दौरान पता चला कि गुरदासपुर के खरल गांव के 30 वर्षीय गुरविंदर सिंह को दुबई में नौकरी देने का झांसा दिया गया था।
गरीब युवकों को बनाया जाता है निशाना
इसी तरह सीआईए थाने के मामले में लुधियाना के कुलदीप कुमार उर्फ सनी के अलावा माड्यूल के बाकी सदस्य सामान्य युवक थे, जिन्हें पिछले साल 7 नवंबर को एसबीएस नगर में ग्रेनेड हमले को अंजाम देने के लिए तैयार किया गया था।
जांच में पाया गया कि सनी ने व्यक्तिगत संबंधों या दूर की दोस्ती का इस्तेमाल करके स्थानीय युवाओं को फुसलाया और उनकी भूमिका के अनुसार, पैसे आवंटित किए थे। जांच में सामने आया था कि ये सब खालिस्तान के बारे में ज्यादा नहीं जानते थे। सनी को 15 हजार से 1 लाख रुपये तक देने का लालच दिया गया था।
ज्यादातर युवा नशेड़ी और बेरोजगार
एक 19 वर्षीय रमन कुमार नशे का आदी था, उसे आतंकी माड्यूल में शामिल होने के लिए मात्र 12 हजार रुपये ही दिए गए थे। कांउटर इंटेलिजेंस के अधिकारियों के मुताबिक, अब तक की जांच में यह सामने आया है कि ज्यादातर युवा नशेड़ी व बेरोजगार है।
हालांकि, युवा इस तरह के मामलों में न फंसे इसको लेकर पंजाब पुलिस की ओर से हर जिलों व सीमावर्ती जिलों में जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है।
पाकिस्तानी एजेंसी गरीब परिवार के युवाओं को भड़का कर ऐसे काम करवा रहे है। बीते सुलझे मामलों में भी साफ हुआ कि आइएसआई वीकर सेक्शन को टारगेट कर रही है। उनके जरिए इन धमाकों को अंजाम दिया जा रहा है। पाकिस्तान का फैलाया नशे का कारोबार अब नहीं पनपेगा, ये आगे भी ऐसी हरकते करेंगे। पंजाब पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है इन्हें मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा। हमे सरकार की तरफ से भी पूरी छूट है की इनके पैर पंजाब में अब जमने नहीं देने है।
गुरप्रीत सिंह भुल्लर, पुलिस कमिश्नर
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