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    Punjab News: पराली जलाने के मामलों में पिछले वर्ष के मुकाबले हुई वृद्धि, NGT ने पंजाब के मुख्य सचिव से मांगी रिपोर्ट

    By Inderpreet Singh Edited By: Shoyeb Ahmed
    Updated: Sun, 22 Oct 2023 11:30 AM (IST)

    नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पराली जलाने के मामले में इससे होने वाले वायु प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करते हुए पंजाब के मुख्य सचिव और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के सदस्य सचिव को नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में कहा गया है कि पंजाब में पिछले वर्ष की अपेक्षा पराली जलाने की ज्यादा घटनाएं सामने आई हैं। इसकी सुनवाई अब आठ नवंबर को होगी।

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    NGT ने पंजाब के मुख्य सचिव से पराली जलाने के मामलों में मांगी रिपोर्ट

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करते हुए पंजाब के मुख्य सचिव और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के सदस्य सचिव को नोटिस जारी किया है।

    यह नोटिस एक मीडिया रिपोर्ट के आधार पर जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि पंजाब में पिछले वर्ष की अपेक्षा पराली जलाने की ज्यादा घटनाएं हुई हैं। इस मामले में अब सुनवाई आठ नवंबर को होगी।

    पराली जलाने की घटनाओं में हुई 63 प्रतिशत की वृद्धि

    एनजीटी के चेयरमैन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव पर आधारित खंडपीठ ने कहा है कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमृतसर, तरनतारन आदि जिलों में पराली जलाने की घटनाओं में पिछले साल के मुकाबले 63 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। खंडपीठ ने कहा कि इसमें किसानों का पक्ष भी रखा गया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि वे खुद पराली जलाना नहीं चाहते, लेकिन सरकारें कोई विकल्प या वित्तीय सहायता भी तो दें।

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    पीपीसीबी ने भी खंडपीठ को दी रिपोर्ट

    वहीं, पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (पीपीसीबी) ने भी खंडपीठ को अपनी रिपोर्ट दी, जिसमें बताया कि पराली जलाने की घटनाओं में पिछले वर्ष की अपेक्षा कमी आई है। उन्होंने सरकार की ओर से पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी जानकारी दी। खंडपीठ ने यह भी कहा कि जिन क्षेत्रों में 15 सितंबर से लेकर नवंबर महीने तक पराली को ज्यादा जलाया जाता है। संबंधित अधिकारी उन स्थानों पर विशेष फोकस करें और घटनाओं को रोकने के लिए काम करें।

    पिछले साल 49,922 पराली जलाने के मामले आए सामने

    पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की ओर से यह भी बताया कि पिछले वर्ष 49,922 पराली जलाने की घटनाएं हुई थीं। इस बार बोर्ड का लक्ष्य इसमें 50 प्रतिशत कमी लाने का है। इसके लिए हर स्तर पर काम किया जा रहा है। सुनवाई पूरी करने के बाद विस्तृत रिपोर्ट मांगते हुए मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया गया है।

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