हैप्पी पासिया ने कैसे की थी अमेरिका में एंट्री? FBI ने खोले कई राज; बचने के लिए अपनाता था यह ट्रिक
अमेरिका की खुफिया एजेंसी FBI ने पंजाब में आतंकवादी हमले के आरोपी हैप्पी पासिया को गिरफ्तार कर लिया है। हैप्पी पासिया पर दो अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों से जुड़े होने और अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने का आरोप है। एफबीआई ने खुलासा किया कि हैप्पी पासिया ने बचने के लिए बर्नर फोन का इस्तेमाल किया था। जांच में सामने आया है कि हैप्पी अन्य आरोपी को निर्देश देता था।
एएनआई, अमृतसर। अमेरिका की खुफिया एजेंसी एफबीआई और एनफोर्समेंट एंड रिमूवल ऑपरेशंस ने पंजाब में आतंकवादी हमले को अंजाम देने वाले आरोपी हरप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया है।
एजेंसी की ओर से कहा गया है कि हरप्रीत सिंह दो अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों से जुड़ा है और उसने अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश किया। एफबीआई ने बताया कि हरप्रीत ने बचने के लिए बर्नर फोन्स का इस्तेमाल किया।
एफबीआई ने एक्स पर शेयर की पोस्ट
एक्स पर शेयर किए गए पोस्ट में सेकरामेंटो एफबीआई ने कहा, ''आज पंजाब में आतंकवादी हमले करने वाले आतंकी हरप्रीत सिंह को एफबीआई और ईआरओ ने गिरफ्तार किया है। वह दो आतंकवादी संगठनों से जुड़ा हुआ है और उसने अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश किया है।''
23 मार्च को दाखिल हुई चार्जशीट में आतंकवादियों के नाम शामिल
इससे पहले 23 मार्च को नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी ने बब्बर खालसा अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन के चार सदस्यों को 2024 के चंडीगढ़ ग्रनेड अटैक केस में चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में पाकिस्तान स्थित नामी आतंकवादी हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा और अमेरिका स्थित हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया के नाम हैं। इन दोनों ने आतंकवादी हमले की साजिश रची थी और मुख्य संचालक थे। इन लोगों ने चंडीगढ़ में ग्रेनेड हमला करने के लिए हथियार, टेरर फंड और गोला-बारूद उपलब्ध कराया था।
चारों आरोपियों पर यूएपीए के तहत आरोप लगाए गए हैं
जांच में पता चला कि रिंदा और हैप्पी ने अन्य आरोपियों रोहन मसीह और विशाल मसीह को ग्रेनेड फेंकने से पहले लक्ष्य पर दो बार निगरानी रखने का निर्देश दिया था।
चंडीगढ़ स्थित विशेष एनआईए कोर्ट में दायर चार्जशीट में आरसी15/2024/एनआईए/डीएलआई मामले में चारों आरोपियों पर हमले की प्लानिंग करने और उसे समर्थन देने में उनकी भूमिका के लिए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और अन्य संबंधित प्रावधानों की कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। मामले की जांच जारी है और एनआईए बीकेआई आतंकी समूह के अन्य सदस्यों का पता लगाने और भारत में इसके नेटवर्क को खत्म करने की कोशिश कर रही है।
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