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    Tokyo Olympic में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों में फिर जगी नौकरी की आस, विजयी टीम में थे पंजाब के 10 प्लेयर्स

    Tokyo Olympic में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम में शामिल पंजाब के खिलाड़ियों को नौकरी की आस फिर जगी है। मुख्यमंत्री मान ने इस बात के संकेत दिए हैं। मुख्यमंत्री का कहना है कि इन खिलाड़ियों को नौकरी देने में कुछ अड़चने थी। जिसे दूर कर दी गई है। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद से उन 9 खिलाड़ियों की नौकरी की उम्मीद फिर से जाग गई है।

    By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Wed, 30 Aug 2023 05:41 PM (IST)
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    CM Mann ने कहा- Tokyo Olympic में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों में नौकरी की आस फिर जागी है

    चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। Tokyo Olympic: टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम में शामिल पंजाब के खिलाड़ियों (Punjabi Players in Indian Hockey Team) को नौकरी की आस फिर जगी है। पंजाब सरकार इन्हें डीएसपी बना सकती है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने खुद ही इस बात के संकेत दिए हैं।

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    मुख्यमंत्री का कहना है कि इन खिलाड़ियों को नौकरी देने में कुछ अड़चने थी। जिसे दूर कर दी गई है। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद से उन 9 खिलाड़ियों की नौकरी की उम्मीद फिर से जाग गई है।

    कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी की थी नौकरी देने की घोषणा

    टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम में पंजाब के 10 खिलाड़ी थे। 12 अगस्त 2021 को ओलंपिक में पदक जीतने वाले व हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों के सम्मान समारोह के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सभी पदक विजेता खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी। चूंकि भारतीय हाकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह पहले से ही पंजाब पुलिस में डीएसपी थे, इसलिए उन्हें पदोन्नति करके एसपी बना दिया गया था।

    बाकी के 9 हॉकी खिलाड़ी जिसमें हरमनप्रीत सिंह (उप कप्तान), रुपिंदर पाल सिंह, सिमरनजीत सिंह, मनदीप सिंह, गुरजंट सिंह, शमशेर सिंह, वरुण कुमार, दिलप्रीत सिंह व हार्दिक सिंह शामिल थे, को सरकारी नौकरी देने के लिए मुख्यमंत्री तत्कालीन मुख्य सचिव विनी महाजन को निर्देश दिए थे।

    2 साल बाद भी खिलाड़ियों को नहीं मिल पाई था नौकरी

    विजेता खिलाड़ियों को 2.51 करोड़ रुपये के सम्मान राशि के साथ इस मौके पर सम्मानित किया गया था। वहीं, समारोह में मुख्य मेहमान के रूप में उपस्थित तत्कालीन राज्यपाल वीपी बदनौर ने भी खिलाड़ियों को यह भरोसा दिया था कि अगर कोई भी खिलाड़ी चंडीगढ़ में नौकरी करना चाहता हैं, तो उसे नौकरी दी जाएगी। बाद में कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था। कैप्टन के बाद चरणजीत सिंह चन्नी ने मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाली और उन्होंने भी खिलाड़ियों को नौकरी देने का वायदा किया, लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी इन विजेता खिलाड़ियों को नौकरी नहीं मिल पाई।

    सीएम ने कहा- ये खिलाड़ी देश के सरमाया है

    मंगलवार को खेड़ा वतन पंजाब दिया का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, देश के लिए मेडल लाने वाली भारतीय हॉकी टीम को जल्द ही नौकरियां दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि सभी अड़चनें पहले ही दूर कर दी गई हैं और अब इन नौ खिलाड़ियों को उनकी योग्यता के अनुसार नौकरियां दी जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा था कि यह खिलाड़ी देश का सरमाया हैं और इनको देश के लिए अच्छी तरह संभाला जायेगा।

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