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    गैंगस्टर कल्चर और खुलेआम हत्याओं पर हाईकोर्ट सख्त, पंजाब के डीजीपी को किया तलब

    Updated: Wed, 24 Dec 2025 06:40 PM (IST)

    पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब में बढ़ते गैंगस्टर कल्चर और टारगेट किलिंग पर कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने पंजाब के डीजीपी को व्यक्तिगत रूप से पेश ...और पढ़ें

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    पंजाब में गैंगस्टरवाद पर हाईकोर्ट की सख्ती, डीजीपी को किया तलब।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब में बढ़ते गैंगस्टर कल्चर, अपराध के महिमामंडन और लगातार हो रही टारगेट किलिंग पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने साफ कहा कि अगर ऐसी परिस्थितियों में अदालत जवाब तलब नहीं करेगी तो फिर कौन करेगा। इन्हीं गंभीर हालातों को देखते हुए हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई पर पंजाब के डीजीपी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है।

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    सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टिप्पणी की कि लॉरेंस बिश्नोई जैसे गैंगस्टरों के इंटरव्यू से अपराध को ग्लोरिफाई किया गया है। अदालत ने कहा कि पहले भी सरकार को इस पर लगाम लगाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन इसके बावजूद सोहाना में कबड्डी खिलाड़ी और प्रमोटर राणा बलाचौरिया की सरेआम हत्या कर दी गई।

    कोर्ट ने घटना के समय सुरक्षा इंतजामों पर गंभीर सवाल उठाए। सरकार की ओर से बताया गया कि कबड्डी मैच के दौरान करीब 900 से 1000 लोग मौजूद थे और शाम 5 बजकर 55 मिनट पर यह हत्या हुई। हाईकोर्ट ने पूछा कि क्या वहां सीसीटीवी कैमरे लगे थे और सुरक्षा के लिए कितने पुलिसकर्मी तैनात थे। सरकार ने बताया कि मौके पर 10 हथियारबंद पुलिसकर्मी मौजूद थे।

    इस पर कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि यह बेहद संगीन मामला है कि केवल दो शूटर हजार लोगों की भीड़ में खुलेआम गोलियां चलाकर फरार हो गए। यह पूरे राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। मामले की जांच से जुड़े एसपी इन्वेस्टिगेशन, मोहाली सौरव जिंदल भी कोर्ट में मौजूद थे। हाईकोर्ट ने उनसे पूछा कि महज दो लोग हत्या कर भागने में कैसे कामयाब हो गए। सरकार ने बताया कि आयोजनकर्ताओं ने अपनी ओर से 40 निजी सुरक्षा कर्मी लगाए थे। कोर्ट ने यह भी सवाल किया कि क्या वहां कोई डीएसपी बतौर चीफ गेस्ट मौजूद थे और जब इतने बड़े स्तर पर कार्यक्रम होता है तो सरकारी स्तर पर क्या सुरक्षा प्रोटोकॉल होना चाहिए।

    कोर्ट ने कहा कि राज्य की कानून व्यवस्था का बुरा हाल है और अगर अदालत ऐसे मामलों में जवाब नहीं मांगेगी तो फिर कौन मांगेगा। सरकार की ओर से हलफनामा दाखिल करने की बात कही गई, लेकिन कोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए पूछा कि क्या केवल हलफनामा ऐसे हालातों से बचा सकता है। अदालत ने यह भी सवाल किया कि अभी तक सभी शूटर गिरफ्तार क्यों नहीं किए गए।

    मामले में हाईकोर्ट की सहायता कर रहीं एडवोकेट तनु बेदी ने कहा कि जब तक गैंगस्टरों और पुलिस के कथित नेक्सस को नहीं तोड़ा जाएगा, तब तक ऐसी घटनाएं नहीं रुकेंगी। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि पंजाब में गैंगस्टर इतने सक्रिय क्यों हैं, जबकि हरियाणा में इस तरह की खबरें अपेक्षाकृत कम सामने आती हैं। अदालत ने याद दिलाया कि करीब एक साल पहले सरकार को संगठित अपराध, फिरौती और टारगेट किलिंग पर नियंत्रण के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देने के आदेश दिए गए थे, लेकिन 15 दिसंबर को हजार लोगों की मौजूदगी में कबड्डी प्रमोटर और टीम आयोजक राणा बलाचौरिया की हत्या हो जाना गंभीर विफलता को दर्शाता है।

    कोर्ट ने कहा कि ऐसे कई टारगेट किलिंग के मामले सामने आ चुके हैं, जो राज्य की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं। इसलिए अगली सुनवाई पर पंजाब के डीजीपी स्वयं अदालत में पेश होकर यह बताएं कि घटना के दिन सुरक्षा के क्या इंतजाम थे, अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या ठोस योजना है।

    साथ ही, बिना पर्याप्त सुरक्षा के आयोजित किए जा रहे खेल आयोजनों पर भी जवाब देने को कहा गया है। मामले की अगली सुनवाई 15 जनवरी को होगी। हाईकोर्ट ने अंत में कहा कि उसे पंजाब के हर नागरिक की सुरक्षा की चिंता है और सरकार को भी इसे अपनी सर्वोच्च जिम्मेदारी मानना