पंजाब पहले एसवाइएल का काम पूरा करे, फिर होगी जल बंटवारे पर बात : सुप्रीम कोर्ट
एसवाइएल पर आज मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब को स्पष्ट कहा कि पहले वह एसवाइएल का निर्माण पूरा करे। जल बंटवारे की बात बाद में होगी।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब व हरियाणा सरकार की नजर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने पंजाब से कहा कि वह पहले नहर का निर्माण कार्य पूरा करे। जल बंटवारे की बात बाद में होगी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब व हरियाणा को इस मुद्दे पर शांति बनाए रखने की बात कहते हुए जब तक कोर्ट सुनवाई कर रहा है तब तक धरना प्रदर्शनों पर रोक लगा दी है। बता दें, पंजाब लगातार राज्य से एक भी बूंद किसी अन्य राज्य को न देने की बात कर रहा है, जबकि हरियाणा सतलुज के पानी पर उसका भी अधिकार बता रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 7 सितंबर तक टाल दी है।
पंजाब सरकार की परेशानी यह है कि 10 नवंबर 2016 को सतलुज यमुना लिंक नहर मसले पर उच्चतम न्यायालय ने 'पंजाब टर्मिनेशन ऑफ वाटर एग्रीमेंट एक्ट 2004Ó को असंवैधानिक करार कर दिया था। शीर्ष अदालत ने अदालत के फैसलों को निष्प्रभावी करने और एसवाइएल समझौते को खत्म करने के लिए पंजाब सरकार की ओर से पारित कानून की संवैधानिक वैधता पर राष्ट्रपति की ओर से उच्चतम न्यायालय की राय के लिए भेजे गए सभी चार प्रश्नों का उत्तर 'नहीं' में दिया था।
इसे लेकर कांग्रेस सरकार ने तत्कालीन अकाली-भाजपा सरकार पर खासा दबाव बनाया था और इसके बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लोकसभा से और पंजाब के कांग्रेस विधायकों ने सामूहिक रूप से विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन 2017 में तस्वीर बदल चुकी है। अब कांग्रेस की सरकार है और कैप्टन अमरिंदर सिंह खुद एसवाईएल समझौते को रद करने के लिए राजनीतिक व कानूनी हल ढूंढ रहे हैं।
एसवाइएल पर पीएम से मिलेंगे सीएम
उधर, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी आज दिल्ली में हैं। वह आज सायं एसवाइएल के मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक करेंगे। बैठक के लिए मुख्य सचिव, गृह सचिव दिल्ली पहुंच रहे हैं।
हरियाणा के सीएम ने की नहर निर्माण की अपील
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक ट्वीट कर पंजाब के मुख्यमंत्री से कहा कि अब पंजाब सरकार को एसवाइएल का निर्माण कर लेना चाहिए। दोनों राज्यों के किसानों के हितों के लिए यह आवश्यक है।
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