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    चंडीगढ़ में ठग गिरोह का भंडाफोड़, तीन शातिर गिरफ्तार, लोन और शेयर बाजार में निवेश के नाम पर ठगते थे

    Updated: Sat, 27 Sep 2025 08:20 PM (IST)

    चंडीगढ़ पुलिस ने लोन और शेयर बाजार में निवेश के नाम पर लोगों को ठगने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिनमें से दो लखनऊ से और एक गोरखपुर से है। आरोपियों ने लोन की अवधि बढ़ाने और शेयर बाजार में भारी मुनाफे का लालच देकर लोगों से लाखों रुपये की ठगी की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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    व्हाट्स एप पर लिंक भेजा और लिंक के जरिये रकम ट्रांसफर करने का दबाव बनाया।

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। साइबर थाना पुलिस ने लोन और शेयर बाजार में निवेश का झांसा देकर लोगों से लाखों रुपये ठगने वाले तीन शातिरों को गिरफ्तार किया है। दो को लखनऊ से और एक को गोरखपुर से पकड़ा है। यह कार्रवाई दो अलग-अलग मामलों में की गई है।

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    चंडीगढ़ निवासी योगेश कुमार ने पुलिस को शिकायत दी थी कि उन्होंने एक फाइनेंशियल कंपनी से लोन लिया था। इसी बीच उन्हें कंपनी का अधिकारी बनकर एक अज्ञात व्यक्ति ने फोन किया और कहा कि लोन की अवधि बढ़ाने के लिए पहले का लोन चुकाना होगा। इसके बाद आरोपित ने उन्हें व्हाट्स एप पर एक लिंक भेजा और लिंक के जरिये रकम ट्रांसफर करने का दबाव बनाया।

    योगेश ने झांसे में आकर 4 लाख 61 हजार 280 रुपये ट्रांसफर कर दिए। बाद में उन्हें एहसास हुआ कि उनके साथ धोखाधड़ी हो गई है। जांच में सामने आया कि ठगी की रकम दो बैंक खातों में जमा कराई गई थी। पहला खाता इंडियन ओवरसीज बैंक में विक्रांत सिंह का और दूसरा आईसीआईसीआई बैंक में सौरव कुमार का था, दोनों लखनऊ निवासी हैं।

    खास बात यह है कि रकम खाते में आते ही तत्काल निकाल ली गई। साइबर सेल ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 24 सितंबर को विक्रांत सिंह को लखनऊ से और अगले दिन सौरव कुमार को भी लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में दोनों ने कबूल किया कि उन्होंने अपने बैंक खाते किसी और व्यक्ति को उपलब्ध कराए थे। ठगी की असली रकम उसी ने निकाली है। पुलिस अब इन दोनों के जरिए गिरोह के मुख्य आरोपी की तलाश कर रही है।

    दूसरा मामला चंडीगढ़ निवासी अनिल प्रकाश दुबे से जुड़ा है। दुबे ने शिकायत दर्ज कराई कि उन्हें एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप काॅल आई। कॉल करने वाला खुद को टाटा कैपिटल का कर्मचारी बता रहा था। उसने दुबे को शेयर बाजार में कम लागत पर थोक निवेश कर भारी मुनाफा देने का वादा किया। शुरुआत में दुबे ने छोटी राशि लगाई और उन्हें मुनाफा भी दिखाया गया।

    इससे उन पर भरोसा जम गया और उन्होंने धीरे-धीरे निवेश बढ़ाकर कुल 6 लाख 67 हजार रुपये निवेश कर दिए। जब उन्होंने लाभ निकालने की बात कही, तो आरोपियों ने उनसे 22 लाख रुपये और निवेश करने की मांग की। इसी दौरान दुबे को ठगी का एहसास हुआ और उन्होंने साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई। जांच में पता चला कि रकम आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के खाते में जमा कराई गई थी।

    पुलिस ने गोरखपुर और देवरिया में छापा मारकर आरोपित अबुलैश अंसारी (50) को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसके पास से ठगी में इस्तेमाल किया गया मोबाइल फोन भी बरामद किया। जांच में अन्य मोबाइल नंबर और ठगी से जुड़े सबूत भी मिले हैं। पूछताछ में अबुलैश अंसारी ने स्वीकार किया कि वह अपने साथियों के साथ मिलकर भोले-भाले लोगों को झांसा देता था और लाखों रुपये हड़प लेता था। पुलिस अब उसके साथियों की तलाश में जुटी है।