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    '...हम चादर लेने को भूखे हैं', गणतंत्र दिवस पर एट होम प्रोग्राम में नहीं बुलाया तो गुस्साए स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार

    Updated: Mon, 27 Jan 2025 04:36 PM (IST)

    चंडीगढ़ में गणतंत्र दिवस के मौके पर राजभवन के दरवाजे स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों के लिए बंद रहे। नेता कारोबारी और अफसर तो पहुंचे लेकिन स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को कोई जगह नहीं मिली। इससे नाराज होकर स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों ने चंडीगढ़ प्रशासन और राजभवन पर अपना रोष जताया है। चंडीगढ़ प्रशासन को चादर वापस करने की योजना बनाई गई है।

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    स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी एसोसिएशन ने की आपातकालीन बैठक।

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। गणतंत्र दिवस पर राजभवन के दरवाजे स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों के लिए बंद रहे। राजभवन के एट होम प्रोग्राम में नेता, कारोबारी और अफसर तो पहुंचे लेकिन स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों के लिए कोई जगह नहीं थी। स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों ने इस पर नाराजगी जताई है।

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    स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों ने कहा कि हमारा देश गणतंत्र दिवस की वर्षगांठ मना रहा है। इस देश को आजाद कराने के लिए लाखों लोगों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर अपना सब कुछ देश को आजाद कराने में लगा दिया।

    इस महान कर्तव्य पथ पर अपनी जान झोंकने के कारण सभी के संबंधित परिजनों ने भी अप्रत्यक्ष रूप से बहुत ही कष्टकारी मानसिक, सामाजिक एवं आर्थिक समस्याए झेलीं है।

    हमारे पूर्वजों एवं उनके परिवारों के बलिदान को देखते हुए भारत सरकार देश के सभी स्वतंत्रता सेनानियों को 15 अगस्त एवं 26 जनवरी को विशेष सम्मान देती है। चंडीगढ़ प्रशासन भी आज तक सभी स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करता आया है।

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    'हम लोग एक चादर लेने के भूखे हो'

    इस बार स्वतंत्रता सेनानी के परिवारों की भीड़ से तुलना करते हुए उन्हें एट होम प्रोग्राम में बुलाया तक नहीं गया। ऐसा करके राजभवन ओर प्रशासन ने स्वतंत्रता सेनानी परिवारों और उनके पूर्वजों का अपमानित किया है।

    आज की अफसरशाही सेनानी परिवारों को महज औपचारिकता पूरा करने भर का कार्य मानती है और इस तरह व्यवहार करती है जैसे हम लोग एक चादर लेने के भूखे हो।

    आज स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी एसोसिएशन की आपातकालीन बैठक हुई और उसमें यह निर्णय लिया गया है कि स्वतंत्रता सेनानी परिवार उनको औपचारिकतावश मिली हुईं चादरें चंडीगढ़ प्रशासन को वापस करने गवर्नर हाउस जाएंगे और वहां अपना रोष प्रकट करने के लिए गवर्नर हाउस के सामने धरना देंगे। अपने इस अपमान के लिए भारत के प्रधानमंत्री को भी ज्ञापन देंगे।

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