Chandigarh Mayor Election: कांग्रेस को बड़ा झटका, तीन बार की पार्षद गुरबख्श रावत BJP में शामिल; बदल गया आंकड़ों का गणित
चंडीगढ़ मेयर चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन को बड़ा झटका लगा है। तीन बार की कांग्रेस पार्षद गुरबख्श रावत अपने पति के साथ भाजपा में शामिल हो गई हैं। भाजपा के अब कुल पार्षदों की संख्या 16 हो गई है जबकि आप और कांग्रेस के पास 20 पार्षद हैं। इस खबर से भाजपा की स्थिति मजबूत हुई है।
राजेश ढल्ल, चंडीगढ़। मेयर चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन को बड़ा झटका लगा है। तीन बार की कांग्रेस पार्षद गुरबख्श रावत अपने पति के साथ भाजपा में शामिल हो गई है। जिससे भाजपा की स्थिति मजबूत हुई है। भाजपा के अब कल पार्षदों की संख्या 16 हो गई है, जबकि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पार्षदों की संख्या 20 है।
ऐसी सूचना है कि मेयर उम्मीदवार की घोषणा के बाद आम आदमी पार्टी के कई पार्षद नाराज है, जिसकी नाराजगी का भाजपा फायदा लेना चाहती है। आम आदमी पार्टी के एक पार्षद कि भाजपा में शामिल होने की बात भी चल रही है। गुरबख्श रावत के भाजपा में शामिल होने से अब कांग्रेस के पार्षदों की संख्या 6 रह गई है। पिछले मेयर चुनाव में गुरबख्श रावत की तस्वीर आम आदमी पार्टी में शामिल होने की भी वायरल हुई थी।
मनीष तिवारी भी मेयर चुनाव के लिए करेंगे मतदान
नगर निगम के कुल 35 पार्षद है। सांसद मनीष तिवारी भी मेयर चुनाव के लिए मतदान करेंगे। पार्टी में शामिल होने के बाद गुरबख्श रावत ने कहा कि वह भाजपा की नीतियों से प्रभावित होकर शामिल हुई है।
मालूम हो कि इस समय भाजपा के मेयर पद का उम्मीदवार हरप्रीत कौर बबला है जो कि कांग्रेस की टिकट पर ही चुनाव जीती थी और चुनाव जीतने के बाद वह भाजपा में शामिल हो गई थी ऐसे में रावत और बबला दोनों ही कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए हैं।
नगर निगम चुनाव के बाद कांग्रेस के तीन पार्षद अपनी पार्टी को अलविदा कह कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। जबकि आम आदमी पार्टी का एक पार्षद बीजेपी में शामिल हुआ है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले मेयर चुनाव पर नजर हर राजनीतिक दल पर है। 30 जनवरी को मेयर सहित सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के लिए चुनाव होना है। आज नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख थी किसी ने भी नाम वापस नहीं लिया है।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ के मेयर कुलदीप कुमार द्वारा दायर याचिका का निपटारा कर दिया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान एक स्वतंत्र पर्यवेक्षक नियुक्त किया जाएगा, जो पूरी चुनाव प्रक्रिया के समय वहां शारीरिक रूप से मौजूद रहेगा।
इसके अलावा, केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि चुनाव की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाए और सुरक्षा के लिए आवश्यक इंतजाम किए जाएं।
जहां तक कार्यकाल के मुद्दे का सवाल है, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। इस फैसले के बाद चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।
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