Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Chandigarh: बरसी पर फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह को कुछ यूं किया गया याद, कोरोना से पति-पत्नी का हुआ था निधन

    By Ankesh ThakurEdited By:
    Updated: Sun, 15 May 2022 01:12 PM (IST)

    उड़न सिख के नाम से मशहूर पदमश्री मिल्खा सिंह ने साल 1958 के एशियाई खेलों में 200 मीटर व 400 मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल जीता था। साल 1958 के कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड मेडल जीता था। साल 1962 के एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीता था।

    Hero Image
    चंडीगढ़ में मिल्खा सिंह व उनकी पत्नी निर्मल मिल्खा सिंह की बरसी पर कार्यक्रम आयोजित किया गया।

    विकास शर्मा, चंडीगढ़। कोरोना महामारी की वजह से देश ही नहीं विदेश में भी कई लोगों ने अपनों को खो दिया। कोरोना ने ऐसा पहली और दूसरी लहर के दौरान ऐसा कहर ढाया था कि बड़े बड़े दिग्गज भी इसकी चपेट में आए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    देश ने पिछले साल दो दिग्गज पूर्व खिलाड़ी खो दिए थे। यह दोनों खिलाड़ी चंडीगढ़ के थे। इनमें सबसे पहले निर्मल मिल्खा सिंह का निधन कोरोना की वजह से दोहांत हो गया था। उनके स्वर्गवास के पांच दिन बाद उनके पति फ्लाइंग सिख पद्मश्री मिल्खा सिंह का भी देहांत हुआ था।

    मिल्खा सिंह का कोरोना होने के बाद शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों की वजह से पीजीआइ में इलाज के दौरान देहांत हो गया था। यह खिलाड़ी चाहे आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन इनका जज्बा व जुनून हमेशा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्ररेणास्त्रोत रहेगा।

    फ्लाइंग सिख पद्मश्री स्वर्गीय मिल्खा सिंह और उनकी पत्नी निर्मल मिल्खा सिंह की पहली बरसी पर चंडीगढ़ के इंडस्ट्रियल एरिया स्तिथ होटल हयात में अरदास की गई। इस दौरान मिल्खा सिंह के पारिवारिक सदस्यों के अलावा शहर के गणमान्य लोग व खेल जगत की कई बड़ी हस्तियां मौजूद रही।

    खिलाड़ियों के लिए हमेशा रहेंगे प्ररेणा स्रोत

    उड़न सिख के नाम से मशहूर पदमश्री मिल्खा सिंह ने साल 1958 के एशियाई खेलों में 200 मीटर व 400 मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल जीता था। साल 1958 के कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड मेडल जीता था। साल 1962 के एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीता था।

    साल 1960 के रोम ओलिंपिक खेलों में उन्होंने पूर्व ओलिंपिक कीर्तिमान को ध्वस्त किया, लेकिन वह मेडल नहीं जीत सके थे। साल 1960 में पाकिस्तान प्रसिद्ध धावक अब्दुल बासित को पाकिस्तान में उन्होंने काफी अंतर से हराया। इसके बाद जनरल अयूब खान ने उन्हें ‘फ्लाइंग सिख’ कह कर पुकारा था।

    साल 1962 के जकार्ता में आयोजित एशियन खेलों में मिल्खा ने 400 मीटर और 4 X 400 मीटर रिले दौड़ में गोल्ड मेडल जीता था। रोम ओलिंपिक में स्थापित मिल्खा के कीर्तिमान को धावक परमजीत सिंह ने 40 साल बाद साल 1998 में तोड़ा था। उनके जीवन पर भाग मिल्खा भाग फिल्म भी बन चुकी है। ऐसी ही शख्सियत निर्मल मिल्खा सिंह थी। इनका जीवन हमेशा खिलाड़ियों के प्ररेणा स्रोत रहेगा।

    पद्मश्री मिल्खा सिंह, पूर्व ओलिंपियन।

    जन्म - 20 नवंबर, 1929

    निधन -18 जून, 2021

    सरदानी निर्मल मिल्खा सिंह, पूर्व नेशनल वॉलीबॉल टीम कप्तान।

    जन्म - 8 अक्टूबर, 1938

    निधन -13 जून, 2021