Farmer Protest: चार फसलों पर पांच साल की गारंटी, किसानों ने मांगा समय... जानें चार घंटे चली बैठक में किन मुद्दों पर हुई चर्चा
फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और किसानों की कर्ज माफी सहित अन्य मांगों को लेकर चंडीगढ़ में रविवार रात किसान नेताओं के साथ हुई चौथे दौर की वार ...और पढ़ें
कैलाश नाथ, चंडीगढ़। Farmers Meeting: फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और किसानों की कर्ज माफी सहित अन्य मांगों को लेकर चंडीगढ़ में रविवार रात किसान नेताओं के साथ हुई चौथे दौर की वार्ता में सरकार ने फसलों के विविधीकरण को लेकर कपास, नरमा, दालों और मक्की पर पांच साल तक एमएसपी की गारंटी देने के प्रस्ताव रखा है।
उन्होंने कहा कि नैफेड व अन्य सरकारी संस्थाएं पांच वर्ष तक ये फसलें खरीदेंगी। इस पर किसान नेताओं ने संगठन के अन्य साथियों के साथ बात कर जवाब देने के लिए सोमवार सुबह दस बजे तक का समय मांगा।
चार घंटे चली बैठक में इन मुद्दों पर भी की गई बातचीत
बताया जा रहा है कि रात सवा आठ बजे से शुरू होकर करीब चार घंटे तक चली बैठक में सरकार की तरफ से कहा गया कि सरकारी बैंकों से लिए गए कृषि ऋण को माफ किया जा सकता है, लेकिन निजी ऋण किसानों को खुद चुकाने होंगे। एक किसान नेता ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का मुद्दा भी उठाया था।
#WATCH चंडीगढ़: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, "किसान संघ हमें सुबह तक अपना फैसला बताएंगे। हम दिल्ली लौटने के बाद NCCF और NAFED के साथ भी चर्चा करेंगे..." pic.twitter.com/JIRIVePaDz
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 18, 2024
वार्ता में केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति पीयूष गोयल व गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां भी शामिल थे।

12 और 15 फरवरी को हुई बैठकें रही थीं बेनतीजा
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने किसानों की तरफ से पक्ष रखा। जानकारी के अनुसार केंद्रीय मंत्रियों ने सबसे पहले शंभू बॉर्डर पर दिवंगत होने वाले किसान और हरियाणा पुलिस के जवान को श्रद्धांजलि दी।
उल्लेखनीय है कि आठ, 12 और 15 फरवरी को हुई बैठकें भी बेनतीजा रही थीं। भगवंत मान 15 फरवरी को हुई तीसरे दौर की बैठक में भी शामिल हुए थे।

बैठक के बाद पीयूष गोयल ने कहा कि किसानों के साथ सकारात्मक चर्चा हुई। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि बैठक में फसली विविधीकरण के तहत चार फसलों पर पांच साल तक एमएसपी की लिखित गांरटी देने का प्रस्ताव रखा है। अब निर्णय किसानों को लेना है।
ए2+एफएल फार्मूले पर सरकार ने दिया जोर
बताया जा रहा है कि वार्ता में ए2+एफएल फार्मूले पर केंद्र सरकार ने जोर दिया। सरकार का कहना था कि इस फार्मूले के तहत बीज, खाद, सिंचाई व अन्य वस्तुओं की कीमतों और मजदूरी के आधार पर ही फसल की लागत तय होगी।
सरकार ने संकेत दे दिया है कि जब तक आचार संहिता नहीं लगी है, तब तक हम जो कर सकते हैं, उसी पर किसान नेता बात करें। केंद्रीय मंत्रियों ने कहा कि पिछले आंदोलन के दौरान 3,500 किसानों पर जो केस दर्ज हैं, उनको सरकार वापस ले सकती है।
क्या होता है ए2+एफएल
ए2 के तहत किसान द्वारा बीज, उर्वरकों, कीटनाशकों, श्रम, पट्टे पर ली गई भूमि, ईंधन, सिंचाई आदि पर किए गए प्रत्यक्ष व्यय को शामिल किया जाता है। ए2+एफएल के तहत ए2 के साथ-साथ अवैतनिक पारिवारिक श्रम का एक अधिरोपित मूल्य शामिल किया जाता है।
तीन दिन भाजपा नेताओं के घरों का घेराव करेंगे किसान
उधर, संयुक्त किसान मोर्चा (राजनीतिक) की बैठक लुधियाना में हुई। इसमें भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) सहित 32 किसान संगठनों के नेता शामिल हुए। इस दौरान निर्णय लिया गया कि 20 से 22 फरवरी तक तीन दिन पंजाब के सभी भाजपा नेताओं के घरों का घेराव किया जाएगा। इसमें भाजपा प्रदेशाध्यक्ष, सांसद और विधायकों के घर भी शामिल होंगे। इसके अलावा सभी टोल प्लाजा निश्शुल्क कराए जाएंगे।

अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए दिल्ली में 22 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा के 500 संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक होगी। मोर्चा के नेताओं ने देशभर के किसानों से आह्वान किया कि वे एनडीए के सांसदों को काले झंडे दिखाकर विरोध-प्रदर्शन करें। उन्होंने कहा कि शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किए जा रहे संघर्ष का हमसे कोई संबंध नहीं है।
उगराहां गुट ने चार घंटे टोल प्लाजा करवाए निश्शुल्क
भाकियू (उगराहां) ने रविवार को भी दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक पंजाब के सभी टोल प्लाजा निश्शुल्क करवाए। यूनियन के सदस्यों ने भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ के अबोहर जिले के पंजकोसी स्थित घर और कैप्टन अमरिंदर सिंह के पटियाला स्थित मोतीमहल के बाहर दूसरे दिन भी धरना दिया।
शंभू और खनौरी बॉर्डर पर शांत रहा माहौल
उधर, शंभू और खनौरी बॉर्डर पर माहौल शांत रहा। अपनी मांगों को लेकर वहां जमे किसानों की नजर चंडीगढ़ में हो रही बैठक पर है। वरिष्ठ किसान नेता युवा प्रदर्शनकारियों को संयम बरतने की सलाह दे रहे हैं।
युवाओं का कहना है कि एमएसपी पर कानूनी गारंटी से कम कुछ भी स्वीकार नहीं होगा। शंभू बॉर्डर पर भीड़ को रोकने के लिए किसान नेताओं ने बैरिकेडिंग से 50 मीटर पहले रस्सी लगाई।

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