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    इंस्टाग्राम और टेलीग्राम पर दोस्त बने, नकली नोटों का धंधा शुरू किया, छह राज्यों में नेटवर्क, पांच शातिर गिरफ्तार

    By Sohan Lal Edited By: Sohan Lal
    Updated: Fri, 26 Dec 2025 03:53 PM (IST)

    चंडीगढ़ क्राइम ब्रांच ने नकली नोटों की सप्लाई करने वाले अंतरराज्जीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जिसमें पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपितों ...और पढ़ें

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    नकली करेंसी के साथ पकड़े गए शातिर पुलिस की गिरफ्त में।

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। इंस्टाग्राम और टेलीग्राम पर दोस्त बने। इसके बाद नकली नोटों की सप्लाई का धंधा शुरू किया। दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और चंडीगढ़ में नेटवर्क फैलाया। आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गए। नकली भारतीय मुद्रा (एफआईसीएन) छापने और सप्लाई करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के पांच शातिरों को गिरफ्तार किया है।

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    शातिरों के कब्जे से 500, 200 और 100 के 1777 नकली नोट बरामद किए हैं, जिनकी कुल कीमत 7,17,400 रुपये आंकी गई है।इसके अलावा एक कार, प्रिंटर, लैपटॉप, टैबलेट, स्याही और अन्य सामग्री भी जब्त की गई है। यह कार्रवाई सेक्टर-11 थाने में दर्ज मामले में की गई है।

    नकली नोटों की शीट, तैयार नोट और प्रिंटिंग सामग्री बरामद

    19 दिसंबर 2025 को सेक्टर-43 आईएसबीटी के पास गश्त के दौरान पुलिस को सूचना मिली कि राजस्थान पुलिस को वांछित अविनाश कुमार चंडीगढ़ में सेक्टर-52 के कजहेरी गांव स्थित एक पीजी में रह रहा है। पुलिस ने छापा मारकर अविनाश कुमार और उसके साथी सत्यम विश्वकर्मा को गिरफ्तार किया। उनके पास से नकली नोटों की शीट, तैयार नोट और प्रिंटिंग सामग्री बरामद हुई।

    20 दिसंबर को सत्यम के खुलासे पर पास में खड़ी चंडीगढ़ नंबर की ब्रेजा कार से भी बड़ी मात्रा में नकली मुद्रा बरामद हुई। इसके बाद गिरोह के अन्य शातिर हरियाणा निवासी संदीप, अब्दुल्ला और शहजाद (दोनों सहारनपुर, यूपी) को भी गिरफ्तार किया गया।

    किसे कितनी जाली करेंसी बरामद हुई

    • अविनाश कुमार: 1.01 लाख की जाली करेंसी
    • सत्यम विश्वकर्मा: 4.76 लाख की जाली करेंसी
    • संदीप: 20,500 की जाली करेंसी व प्रिंटर, लैपटॉप
    • अब्दुल्ला: 10,400 की जाली करेंसी व प्रिंटर
    • शहजाद: 1.09 लाख की जाली करेंसी व इलेक्ट्रॉनिक उपकरण

    कूरियर से भी भेजते थे नकली नोट

    पुलिस जांच में सामने आया है कि पांचों शातिर इंस्टाग्राम और टेलीग्राम के माध्यम से एक-दूसरे के संपर्क में आए। वे संभावित ग्राहकों को नकली नोटों के वीडियो और तस्वीरें भेजकर सौदा तय करते थे। आमतौर पर 1:4 के अनुपात में नकली नोट सप्लाई किए जाते थे। नकली करेंसी की डिलीवरी कूरियर या हाथों-हाथ की जाती थी।

    कोर्ट ने न्यायिक हिरासत भेजा

    पांचों आरोपितों को अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है और गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश की जा रही है।