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    Road Safety: पंजाब में अनफिट वाहन भी हो जाते थे फिट, अब टेक्नालाजी से दूर होंगी खामियां

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Tue, 15 Nov 2022 07:41 AM (IST)

    Road Safety पंजाब में सड़क सुरक्षा को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। इसको लेकर लापरवाही और मिलीभगत की बात सामने आती रही हैं। आलम यह रहा है कि राज्‍य में अनफिट वाहन भी फिट करार दिए जाते थे लेकिन अब टेक्‍नालाजी से इस संबंध में खामियां दूर होंगी।

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    पंजाब में वाहनों की फिटनेस जांच में आ रही खामियों को दूर किया जाएगा। (फाइल फोटो)

    कैलाश नाथ, चंडीगढ़। Road Safety With Jagran :  पंजाब में सड़क सुरक्षा को लेकर लापरवाही और नियमों के उल्‍लंघन के मामले काफी पहले से सामने आते रहे हैं। हालत यह है कि अनफिट वाहन भी फिट करार दिए जाते रहे हैं। दरअसल अनफिट वाहन समय के अभाव और अधिकारी की ‘पसंद’ के कारण फिट होकर सड़कों पर आज भी दौड़ रहे हैं। अनफिट वाहन सड़क हादसों का कारण भी बनते हैं।

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    अनफिट वाहनों में सबसे ऊपर स्‍कूली बसें 

    अनफिट वाहनों की सूची में सबसे ऊपर स्कूली बसों का नाम है। पंजाब सरकार के यातायात सलाहकार नवदीप असीजा तो स्कूल बसों को ‘चलता फिरता ताबूत’ बताते हैं। उनका कहना है कि स्कूल बसों में बच्चे सफर करते हैं लेकिन उनके फिटनेस को लेकर बहुत ध्यान नहीं दिया जाता है। ऐसा इसलिए है कि वे ज्यादा बड़ा दायरा कवर नहीं करती हैं । वहीं, कामर्शियल वाहनों के फिटनेस को लेकर ट्रांसपोर्ट विभाग अब थोड़ा गंभीर नजर आ रहा है।

    फिटनेस जांच करने वाले एमवीआइ की संख्‍या में कमी

    ट्रांसपोर्ट विभाग के सचिव विकास गर्ग का कहना है, पहले वाहनों का फिटनेस जांच के लिए चार मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (एमवीआइ) थे। अब इनकी संख्या हरेक जिले में एक कर दी गई है। अब दो-तीन छोटे जिलों को छोड़ दिया जाए तो हरेक जिले में एक-एक एमवीआइ हैं और उन्‍होंने अपना काम करना शुरू कर दिया है।

    वाहनों की फिटनेस जांच को लेकर अभी तक विभाग की गंभीरता का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि राज्य में पांच लाख से ज्यादा कामर्शियल वाहन है। इन वाहनों का फिटनेस चैक करने के लिए मात्र चार एमवीआइ थे। साल के 365 दिनों में सरकारी छुट्टियों एवं शनिवार व रविवार के अवकाश को छोड़ दिया जाए तो एक एमवीआइ को एक दिन में 2,222 वाहनों के फिटनेस की जांच करनी होती थी। विभाग के अधिकारी भी मानते है कि आठ घंटे में कोई भी 2,222 वाहनों की जांच नहीं कर सकता। अहम बात यह है कि इस दिशा में अभी तक किसी ने ध्यान ही नहीं दिया।

    अन‍फिट वाहन सड़क हादसों को बढ़ाते हैं 

    नवदीप असीजा कहते है अनफिट वाहन सड़क हादसों को बढ़ाने में मददगार होते है। हालांकि यह आंकड़ा 5 फीसदी के करीब ही होगा कि अनफिट वाहनों की वजह से सड़क हादसे हुए। लेकिन इसे नजरंदाज नहीं किया जा सकता है। वहीं, विभाग के सचिव विकास गर्ग का कहना है, अब हरेक जिले में एक मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर लगाया गया है। राज्य में अब कुल 20 एमवीआइ काम करेंगे। छोटे जिले जैसे पठानकोट को गुरदासपुर, मलेरकोटला को संगरूर के साथ जोड़ा गया है। इससे अब गाड़ी की फिटनेस पर ज्यादा ध्यान भी दिया जा सकेगा और गंभीरता से जांच होगी।

    टेक्नालाजी का भी होगा उपयोग

    हरेक एमवीआइ को टैबलेट दिया गया है। इसमें ऐप भी होगी। यानी अब वाहनों का फिटनेस जांच के समय ऐप पर फोटो भी अपलोड करनी होगी। आम तौर पर पहले यह भी शिकायतें आती थी कि वाहन की जांच हुई नहीं सर्टिफिकेट जारी हो गया। टेक्नोलाजी की इस दौर में अब वाहन को फिटनेस जांच के लिए जाना ही पड़ेगा।

    क्या है नियम

    पंजाब में वाहनों का रजिस्ट्रेशन 15 साल के लिए होता है। कामर्शियल गाड़ियों को आठ वर्ष तक दो-दो वर्षों में फिटनेस सर्टिफिकेट लेना लड़ता है। आठ वर्ष के बाद हरेक साल फिटनेस सर्टिफिकेट लेना होता है।