चंडीगढ़ में ईडी अधिकारी और भाई के पास कहां से आया पैसा, CBI जांच में जुटी, दिल्ली के DSP का भी नाम
चंडीगढ़ में ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर विशालदीप और उसके भाई विकासदीप के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच चल रही है। सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति का केस दर ...और पढ़ें

आय से अधिक संपत्ति केस में फंसे ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर विशालदीप।
रवि अटवाल, चंडीगढ़। ढाई करोड़ रुपये की रिश्वत मामले में फंसे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के असिस्टेंट डायरेक्टर विशालदीप और उसके भाई विकासदीप के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की भी जांच चल रही है। संपत्ति, बैंक खातों, निवेश और लेनदेन की गहन जांच की जा रही है।
दो दिन पहले ही सीबीआई ने दोनों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया था। उन्होंने नौ महीने में ही आय से 231 प्रतिशत अधिक संपत्ति बनाई थी। उन्होंने फ्लैट से लेकर गाड़ियां तक खरीदी थीं। वहीं, इनके खिलाफ ईडी मनी लॉन्ड्रिंग की भी जांच कर रही है।
दोनों को सीबीआई ने पिछले साल दर्ज हुए एक रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया था। उस केस में दिल्ली सीबीआई में तैनात रहे डीएसपी बलबीर का भी नाम था। डीएसपी के खिलाफ भी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच की जा रही है। जल्द ही ईडी इन्हें आरोपित बना सकती है।
स्काॅलरशिप स्कैप के आरोपितों से मांगी रिश्वत
विशालदीप को पिछले वर्ष सीबीआई ने हिमाचल प्रदेश के चर्चित स्कालरशिप घोटाले से जुड़े आरोपितों से रिश्वत मांगने के मामले में गिरफ्तार किया था। उस घोटाले में फंसे आरोपितों को गिरफ्तारी का डर दिखाकर उनसे ढाई करोड़ रुपये रिश्वत मांगी गई थी।
इस मामले में विशालदीप के भाई विकासदीप की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई थी। सीबीआई ने विशालदीप को पकड़ने के लिए जाल बिछाया था, लेकिन तब वह फरार हो गया था और विकासदीप 56 लाख रिश्वत की रकम के साथ पकड़ा गया था।
10 प्रतिशत कमीशन के लालच में डीएसपी भी फंसा
इस मामले में दिल्ली सीबीआई में तैनात रहे डीएसपी बलबीर का भी नाम आया था। उस पर रिश्वत की रकम में से 10 प्रतिशत कमीशन लेने का आरोप था। उसी ने आरोपितों को रिश्वत देने के लिए उकसाया था। बकायदा उनके बीच मीटिंग भी हुई थी। आरोप की पुष्टि होने के बाद सीबीआई ने डीएसपी बलबीर को भी गिरफ्तार किया था। फिलहाल सभी आरोपित जमानत पर हैं।

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