क्या है 2015 का 'ड्रग्स मामला', जिसके लिए कांग्रेस MLA Sukhpal Khaira को सुबह 6 बजे पंजाब पुलिस ने किया अरेस्ट
कांग्रेस विधायक सुखपाल खेहरा को आज सुबह पंजाब पुलिस ने चंडीगढ़ में स्थित उनके आवास से हिरासत में लिया है। 2015 के ड्रग्स तस्करी मामले में उन्हें हिरासत में लिया गया है। खेहरा पर जलालाबाद पुलिस ने 2015 में एक मुकदमा दर्ज किया था। सुखपाल खेहरा पर और भी कई आरोप लगते रहे हैं। चलिए जानते हैं कि आखिर कौन हैं सुखपाल खेहरा और उनका राजनीतिक करियर कैसा रहा है।
चंडीगढ़, ऑनलाइन डेस्क। Sukhpal Khaira Arrested: पंजाब पुलिस ने आज सुबह कांग्रेस विधायक सुखपाल खेहरा (Congress MLA Sukhpal Khaira) के घर पहुंचकर उन्हें करीब 9 साल पुराने हिरासत में ले लिया है। हिरासत में लेते हुए उनका एक वीडियो सोशल मीडिया (Viral Video of Sukhpal Khaira) पर भी वायरल हो रहा है, जिसमें वे पंजाब सरकार पर भी आरोप लगाते दिख रहे हैं, उन्होंने गिरफ्तारी को बदलाखोरी भी करार दिया।
हालांकि, दैनिक जागरण इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। विधायक सुखपाल खेहरा का नाम पहले भी कई मामलों में सामने आया है। चलिए जानते हैं कौन हैं सुखपाल खेहरा (Who is Sukhpal Khaira) और इससे पहले कब-कब उनपर आरोप लगे हैं।
9 साल पुराने केस को लेकर हिरासत में लिया गया
विधायक सुखपाल खेहरा के घर पर 2015 के एनडीपीएस केस में छापेमारी की गई है। बाद में उन्हें हिरासत में भी लिया गया। दरअसल, खेहरा पर जलालाबाद पुलिस ने 2015 में एक मुकदमा दर्ज किया था। पंजाब के फाजिल्का सीमा पर एक ड्रग्स रैकेट पकड़ा गया था। इसमें पुलिस ने गिरोह से 1,800 ग्राम हेरोइन, 24 सोने के बिस्कुट, दो हथियार, 26 कारतूस और दो पाकिस्तान सिम कार्ड जब्त किए थे। इस केस में सुखपाल खेहरा का नाम भी सामने आया था।
खेहरा पर ऐसा आरोप है कि वह पर्सनल सेक्रेटरीके फोन से तस्करों से बात किया करते थे। अब इस मामले में खेहरा को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा और तमाम सवाल पूछे जाएंगे। गौरतलब है कि इस केस में शामिल अन्य लोगों को अक्टूबर 2017 में सजा सुनाई गई थी। इनमें मंजीत सिंह, हरबंस सिंह और बलदेव सिंह को मिलाकर कुल नौ तस्करों को सजा सुनाई गई थी।
2021 में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में हुई छापेमारी
इससे पहले भी सुखपाल खेहरा के घर छापेमारी की गई थी। यह छापेमारी 2021 में उनके चंडीगढ़ आवास सेक्टर 5 स्थित कोठी नंबर 6 पर ईडी ने की थी। उस समय भी उनके आवास पर सुबह-सुबह 8 बजे छापेमारी की गई थी। हालांकि, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सवाल-जवाब और दस्तावेजों की पड़ताल के बाद टीम रात आठ बजे वापस लौट गई थी। वहीं, उनके वकील ने आरोप लगाया था कि खेहरा किसान आंदोलन में शामिल थे, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की गई।
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इस मामले में उनके ऊपर आरोप था कि उन्होंने कथित तौर पर 2014 से 2020 के बीच अपने और अपने परिवार के सदस्यों पर 6.5 करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च की थी। इसलिए उनका नाम आय से अधिक खर्च में भी आया था। जांच के दौरान उनके परिवार के सदस्यों के बैंक खातों में भी नकदी जमा की गई थी। इसे लेकर जांच एजेंसी ने ‘फाजिल्का ड्रग तस्करी रैकेट’ में मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर कांग्रेस विधायक के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। इस आरोप पत्र में सुखपाल खेहरा पर तस्करों से संपर्क में रहने और आय से अधिक संपत्ति को लेकर बात कही गई थी।
आम आदमी पार्टी ने किया था निलंबित
सुखपाल खेहरा ने साल 2019 में आम आदमी पार्टी को अलविदा कह दिया था। दरअसल, उन्होंने आप नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी, जिसके बाद उन्हें पार्टी से निलंबित किया गया था। लोकसभा चुनाव से पहले इसे आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका भी माना गया था।
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पंचायत सदस्य के रूप में की राजनीतिक करियर की शुरुआत
सुखपाल खेहरा ने कपूरथला जिले के रामगढ़ गांव से पंचायत सदस्य के रूप में राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद 1997 में वे कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे। इसी साल वे पंजाब युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष बनाए गए थे। फिर दो साल बाद ही उन्हें पंजाब कांग्रेस का सचिव बनाया गया था। खेहरा ने 2017 में आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे। 2019 में पार्टी से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी।
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