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    चंडीगढ़ PGI के डाॅ. सुरेश को मिला राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार, बाल चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित

    By Sohan Lal Edited By: Sohan Lal
    Updated: Sat, 27 Dec 2025 07:21 PM (IST)

    पीजीआई चंडीगढ़ के प्रोफेसर डॉ. सुरेश कुमार अंगुराना को वर्ष 2025 के लिए प्रतिष्ठित राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार (विज्ञान युवा–शांति स्वरूप भटनागर अवाॅर् ...और पढ़ें

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    राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों अवाॅर्ड प्राप्त करते डाॅ. सुरेश कुमार अंगुराना।

    मोहित पांडे्य, चंडीगढ़। पीजीआई के प्रोफेसर डाॅ. सुरेश कुमार अंगुराना को वर्ष 2025 के लिए प्रतिष्ठित राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार (विज्ञान युवा–शांति स्वरूप भटनागर अवाॅर्ड) से सम्मानित किया गया है। उन्हें यह सम्मान चिकित्सा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया गया।

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    हाल ही में नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने डाॅ. अंगुराना को यह पुरस्कार प्रदान किया। वे वर्ष 2025 के लिए चयनित 15 विज्ञान युवा पुरस्कार विजेताओं में शामिल हैं। डाॅ. सुरेश कुमार अंगुराना वर्तमान में पीजीआई के बाल रोग विभाग के अंतर्गत पीडियाट्रिक क्रिटिकल केयर डिवीजन में अतिरिक्त प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं।

    उन्होंने गंभीर रूप से बीमार बच्चों में संक्रमण की रोकथाम और इलाज को लेकर महत्वपूर्ण शोध किए हैं। उनके शोध से यह समझ विकसित हुई कि प्रोबायोटिक्स बच्चों में आंतों की सेहत सुधारने, संक्रमण कम करने और सूजन घटाने में सहायक हैं। उनके नेतृत्व में किए गए कई शोध अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए, जिनका सीधा लाभ बच्चों के इलाज में देखने को मिला।

    कोरोना महामारी में रही थी महत्वपूर्ण

    कोरोना महामारी के दौरान डाॅ. अंगुराना ने बच्चों में कोविड-19 और मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम  एमआइसी- सी) से जुड़े लक्षणों, इलाज और परिणामों पर अहम अध्ययन किए। उनके शोध के आधार पर देश में बच्चों के इलाज से जुड़ी कई गाइडलाइंस तैयार की गईं थी।

     इसके साथ ही डाॅ. सुरेश कुमार अंगुराना के नाम अब तक 240 से अधिक शोध प्रकाशन, 60 से ज्यादा राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रस्तुतियां और 20 से अधिक पुस्तक अध्याय दर्ज हैं। इससे पहले भी उन्हें कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।