पंजाब की एक्साइज पॉलिसी पर फैसला आज, कोरोना सेस भी हो सकता है शामिल
पंजाब कैबिनेट की बैठक आज होगी। इसमें राज्य की एक्साइज पॉलिसी पर फैसला होने की संभावना है। इसके साथ ही शराब पर कोरोना सेस लगाया जा सकता है।
चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। पंजाब कैबिनेट आज बैठक होगी। इसमें राज्य की आबकारी नीति (Punjab excise policy) पर फैसला होगा। इसके साथ ही राज्य में शराब पर कोरोना सेस भी लगाया जा सकता है। शुक्रवार को भी कैबिनेट की बैठक हुई थी और इसमें टैक्सेशन विभाग की ओर से लाई गई पॉलिसी पर कोई फैसला नहीं हो सका था। मंत्रियों ने कहा कि उन्हें इसके अध्ययन के लिए समय दिया जाए।
आज होगी कैबिनेट बैठक, मंत्रियों ने पॉलिसी के अध्ययन के लिए मांगा समय
कई मंत्रियों ने कहा कि कैबिनेट की बैठक सोमवार को फिर से बुलाई जाए, लेकिन मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले ही देर हो चुकी है। इसलिए शनिवार को कैबिनेट की बैठक होगी। गौरतलब है कि पंजाब सरकार की ओर से ठेके खोलने की इजाजत देने के बावजूद कई जिलों में अभी ठेके नहीं खुले हैं। ठेकेदार लॉकडाउन अवधि की लाइसेंस फीस सरकार को नहीं देना चाहते।
आबकारी विभाग ने कैबिनेट के सामने नए प्रस्ताव रखे, लेकिन मंत्रियों ने कहा कि चूंकि इतनी जल्दी पढऩे और उसे समझने का समय नहीं है, इसलिए उन्हें एक दो दिन दिए जाएं। कैबिनेट में शराब के ठेकों को नीलाम करने संबंधी जो नीति पेश की गई है, उसमें सरकार के सामने तीन विकल्प रखे गए हैं। दरअसल, लॉकडाउन के चलते अर्थव्यवस्था में जो ठहराव आया है उसे देखते हुए एक्साइज विभाग ने एक कमेटी का भी गठन किया था, जिसकी सिफारिशों को भी नीति में शामिल किया गया है। पॉलिसी में कोरोना सेस का फिलहाल कोई जिक्र नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि कैबिनेट की मीटिंग में इस पर भी फैसला होगा। दिल्ली में 70 व हरियाणा में 30 फीसद कोरोना सेस लिया जा रहा है।
लॉकडाउन के चलते पॉलिसी में तीन विकल्पों पर दिया जोर
पहला विकल्प: दस फीसद एडिशनल फीस
आबकारी नीति में सभी ठेकों के लाइसेंस की अवधि बढ़ाने का विकल्प दिया गया है। चालू वित्तीय वर्ष के 42 दिन ठेके बंद रहने के चलते एल-2 और एल14 के रिन्यू किए गए लाइसेंस की अवधि में शुरू में आंशिक तौर पर और बाद में पूर्ण तौर पर ठेकों को खोलने की अनुमति दी जाए। जिन ठेकों के लाइसेंस रिन्यू किए गए हैं, उनसे दस फीसद एडिशनल फीस लेकर इन्हें खोलने को कहा गया है।
दूसरा विकल्प: असेस्ड फीस चार्ज
लॉकडाउन के कारण यदि ठेके बंद रहते हैं, तो होम डिलीवरी करने पर देसी शराब पर 55 रुपये प्रति प्रूफ लीटर, अंग्रेजी शराब पर 80 रुपये और बीयर पर 20 रुपये प्रति बल्क लीटर बतौर असेस्ड फीस चार्ज करने का प्रस्ताव है।
तीसरा विकल्प: लाइसेंस की अवधि 13 महीने की जाए
विकल्प तीन में कहा गया है कि चूंकि 23 मार्च 2020 से लेकर तीन मई 2020 तक ठेके बंद रहने के कारण ठेकेदारों को नुकसान हुआ है। आगे भी अगर लॉकडाउन नहीं खुला तो आर्थिक मंदी के कारण इस कारोबार को भारी चोट पहुंचेगी। अहाते, होटल, विवाह शादियों आदि में अभी पूरी छूट न मिलने के कारण शराब की बिक्री प्रभावित होगी। इसलिए एल-2 और एल 14 को एक साल की बजाय 13 महीनों के लिए अलॉट किया जाए।
यह भी कहा गया है कि आबकारी नीति से प्राप्त होने वाली न्यूनतम गारंटिड रेवेन्यू का लक्ष्य 4894 करोड़ से कम होकर 3884 करोड़ रुपये बनेगा। इस तरह प्रति दिन 10.78 करोड़ रुपये ठेकों से आय प्राप्त होगी। चूंकि 1 अप्रैल से 6 मई तक ठेके नहीं खुले हैं इसलिए 400 करोड़ रुपए इनसे कम लेने बनते हैं। पॉलिसी में तीसरे विकल्प को अपनाने पर ही जोर दिया गया है। हालांकि, ऐसा करने पर कुछ बदलाव करने होंगे। लाइसेंस की अवधि 13 महीनों की होगी, ग्रुप का कोटा जो पहले निर्धारित किया गया था वह 13 महीनों में खपाया जाएगा।
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