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    चंडीगढ़ इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी पर नहीं थम रहा विवाद, धरने पर बैठे सभी पार्टियों के मेयर-पार्षद; जानें पूरा मामला

    चंडीगढ़ में इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी ( Chandigarh Electric Vehicle Policy) पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज कांग्रेस बीजेपी और आप के मेयर व पार्षदों ने धरना-प्रदर्शन किया। चंडीगढ़ इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी के चलते ईंधन वाले वाहनों को रजिस्टर करना बंद कर दिया है। जिससे व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इसी के मेयर-पार्षदों ने कैंपिंग हटाने की मांग की है।

    By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaUpdated: Wed, 18 Oct 2023 04:33 PM (IST)
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    चंडीगढ़ इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी पर नहीं थम रहा विवाद,

    गरण संवाददाता, चंडीगढ़। Chandigarh News: चंडीगढ़ में इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी ( Chandigarh Electric Vehicle Policy) पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज कांग्रेस, बीजेपी और आप के मेयर व पार्षदों ने धरना-प्रदर्शन किया। उन्होंने राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के खिलाफ सिविल सेक्रेटेरिएट सेक्टर 9 के बाहर प्रदर्शन किया। चंडीगढ़ ने इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी बना रखी है। जिसके तहत इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए ईंधन वाले वाहनों को रजिस्टर करना बंद कर दिया है।

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    कैंपिंग को हटाने की कर रहे मांग

    चार पहिया वाहनों का रजिस्ट्रेशन भी जल्द बंद हो जाएगा। इसी के चलते सभी पार्टियों ने इसका विरोध किया। वे ईवी के तहत कैंपिंग हटाने की मांग कर रहे हैं और उनका मानना है कि जिस तरह इलेक्ट्रिक व्हीकल को रजिस्टर किया जा रहा है उसी तरह से ईधन वाली गाड़ियों को भी रजिस्टर किया जाए।

    दोपहिया वाहनों का नहीं हुआ पंजीकरण

    बीते दिन हुई नगर निगम की बैठक में सभी पार्षदों ने इस मुद्दे पर प्रदर्शन करने का फैसला किया था। बड़ी संख्या में वाहन विक्रेता और उनका स्टाफ भी पहुंचा है। इस साल 12,076 दोपहिया वाहनों का पंजीकरण होना था, लेकिन यह नहीं हुआ।

    '1600 ईंधन वाले वहानों का होगा रजिस्ट्रेशन'

    भाजपा अध्यक्ष जतिंदर पाल मल्होत्रा ने कहा कि उनकी पार्टी व्यापारियों के साथ है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्री वाहन पॉलिसी में 1600 ईंधन वाले वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रशासक से मीटिंग कर कैपिंग खत्म करने पर मीटिंग करेंगे।

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    राज्यपाल से मिलकर फिर होगी इस मुद्दे पर चर्चा

    कांग्रेस पार्षदों ने एस डी एम की गाड़ी को सचिवालय जाने से रोका। गेट के आगे प्रदर्शन किया। पुलिस से धक्का मुक्की हुई। उन्होंने ने कहा कि कल सभी दलों का संयुक्त प्रतिनिधि मंडल राज्यपाल से मिलेंगे। अगर वाहनों पर पाबंदी नहीं हटी तो फिर प्रदर्शन करेंगे।

    कांग्रेसी पार्षदों ने की नारेबाजी

    कांग्रेसी पार्षदों ने सचिवालय के गेट पर बैठ कर प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अध्यक्ष हरमोहिंदर सिंह लक्की ने कहा कि प्रशासन के अधिकारी एसी कमरों में बैठकर तुगलकी फरमान जारी कर देते है और शहर के चुने हुए प्रतिनिधियों को ना इस बात का पता होता है ना हीं शामिल किया जाता है ये तो पार्षदों को कमजोर करने की साजिश है।

    क्या बोले अध्यक्ष हरमोहिंदर सिंह लक्की?

    अध्यक्ष ने कहा कि विभिन्न मुद्दे है प्रशासन उस पर ध्यान ना देकर अपने फैसले जबरदस्ती थोप रहा है। फेस्टिवल सीजन में फ्यूल बेस्ड गाड़ियों को बैन करना उस से जुड़े छह हजार के करीब काम करने वाले कर्मचारियों की रोजी रोटी छीनी जा रही है। प्रशासन ये तुगलकी फरमान वापिस ले और फ्यूल बेस्ड गाड़ियों के कारोबारियों को राहत दे। आज कॉलोनीवासियों के मालिकाना हक पर प्रशासन कोई भी पॉलिसी नही बना रहा है।

    कॉलोनीवासियों को मिलना चाहिए मालिकाना हक 

    कॉलोनीवासियों को मकान मिले लगभग पचास साल हो गए हैं, लेकिन अभी तक उन्हें मालिकाना हक नहीं मिला है। तीन पीढ़ियांं तब से रहा रही है लेकिन अभी तक उनका अपना घर नही बन पाया है। हमेशा कॉलोनीवासियों को नोटिस और मकान सील का डर सताता रहता है। जल्द ही मालिकाना हक मिलना चाहिए। इसी तरह गांवों के लाल डोरे के बाहर बने मकानो में मूल भूत सुविधाएं मिलनी चाहिए और लाल डोरे के बाहर बने मकानो को प्रशासन जल्द रेगुलाइज करें। 

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