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    नवजोत सिंह सिद्धू और चरणजीत सिंह चन्नी को कांग्रेस ने दिया बड़ा झटका, माझा ब्रिगेड को भी किया किनारा

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Sun, 10 Apr 2022 09:34 AM (IST)

    Blow To Navjot Singh Sidhu कांग्रेस आलाकमान ने अमरिंदर सिंह राजा वडिंग को नया पंजाब कांग्रे्रअध्‍यक्ष बनाकर नवजोत सिंह सिद्धू को बड़ा झटका दिया है। इसके साथ ही पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्‍नी और माझा ब्रिगेड को भी पार्टी ने किनारा कर दिया है।

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    पंजाब के पूर्व सीएम चरणजीत मिसंह चन्‍नी और पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू। (फाइल फोटो)

    चंडीगढ़, जेएनएन। Punjab Congress: कांग्रेस आलाकमान ने अमरिंदर सिंह राजा वडिंग को पंजाब कांग्रेस का अध्‍यक्ष बनाकर नवजोत सिंह सिद्धू को तगड़ा झटका दिया है। पार्टी की राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष सोनिया गांधी द्वारा पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष पद से सिद्धू का इस्‍तीफा लेने के बाद वह फिर से यह पद पाने के लिए जोड़ लगा रहे थे।  इसके साथ ही पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्‍नी को भी पार्टी ने झटका दिया है। इसके अलावा प्रताप‍ सिंह बाजवा को कांग्रेस विधायक दल का नेता बनाकर पार्टी ने कांग्रेस के माझा ब्रिगेड से भी किनारा किया है। 

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    अमरिंदर सिंह राजा वडिंग को पंजाब कांग्रेस का प्रधान व प्रताप सिंह बाजवा को विपक्ष का नेता बनाने से सिद्धू खेमा की सारी रणनीति फेल हो गई है। इसके साथ ही चरणजीत सिंह चन्नी और माझा ब्रिगेड के विधायकों को भी जोर का झटका लगा है। राजा वडिंग को कमान सौंप कर कांग्रेस नेतृत्‍व ने साफ कर दिया है कि राज्‍य में पार्टी की अगुवाई अब युवा करेंगे। इसके साथ ही पार्टी ने यह भी साफ संदेश दिया है कि वह स्‍वच्‍छ छवि के नेताओंं को ही आगे करेगी।   

    बता दें कि पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 (Punjab Assembly Election 2022) में कांग्रेस की करारी हार के बाद नवजोत सिंह सिद्धू से पार्टी के प्रदेश प्रधान इस्तीफा ले लिया गया था लेकिन वह पिछले एक सप्ताह से ज्यादा समय से फिर यह पद हासिल करने में जुटे थे। सिद्धू जिस तरह से विधायकों, पूर्व विधायकों आदि से मिल रहे थे और उनके साथ बैठकें कर रहे थे, उससे साफ लग रहा था कि वह फिर से पंजाब कांग्रेस प्रधान बनाए जा सकते है। उनका खेमा इसको लेकर पूरे संकेत दे रहा था।

    यह भी पढ़ें: अमरिंदर सिंह राजा वडिंग बने पंजाब कांग्रेस के प्रधान, प्रताप सिंह बाजवा होंगे विधायक दल के नेता

    अब देखना दिलचस्‍प होगा कि सिद्धू अपनी यह सक्रियता कायम रखते हैं या फिर अतीत की तरह खामोशी अख्तियार कर लेते हैं। पिछले कुछ दिनों से वह पंजाब की नई भगवंत मान सरकार पर भी हमले कर रहे थे और उस पर सवाल उठा रहे थे।  अब इसको लेकर भी उनके आगे के रुख पर सबकी नजर रहेगी।     

    इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को भी कांग्रेस नेतृत्‍व के निर्णय से झटका लगा है। चन्नी को पंजाब  विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपना सीएम फेस बनाया था, लेकिन अब उन्हें पूरी तरह से किनारे कर दिया गया है। हालांकि वह एक दिन पहले ही राहुल गांधी से मिलकर भी आए थे।

    पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष सुनील जाखड़ ने भी आजकल अपनी गतिविधियां व बयानबाजी तेज कर दी थी। जाखड़ ने हालांकि खुद को सक्रिय राजनीति से अलग कर लिया थाा(  फिर भी वह जिस तरह से इन मुद्दों विभिन्न मुद्दों पर बयान बाजी करके अपनी बात रख रहे थे उससे लग रहा था कि वह भी प्रधान बनने की दौड़ में हैं।

    इस बीच उनके ही एक बयान को लेकर जिस तरह से पार्टी नेताओं उन पर हमला बोला ,उससे भी लग रहा था कि कई पार्टी नेता यह नहीं चाहते कि उन्हें फिर से प्रधान बनाया जाए। कांग्रेस पार्टी ने प्रधान, कार्यकारी प्रधान, विपक्ष का नेता और उप नेता बनाने में धर्म और क्षेत्र के बीच जहां बैलेंस बनाने की कोशिश की है वही युवा और अनुभव के बीच भी बैलेंस बनाया है।