चंडीगढ़ में ट्रैफिक पुलिस की डिजिटल जीत, शिकायतें 53% घटीं; ई-चालान ने बढ़ाया जनता का भरोसा
चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस ने डिजिटल व्यवस्था और ई-चालान लागू कर ट्रैफिक प्रबंधन में सुधार किया है। इससे पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायतों में 53.12% की कमी ...और पढ़ें

ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के खिलाफ 53 प्रतिशत घटी शिकायतें, डिजिटल व्यवस्था से हुआ सुधार (फोटो: जागरण)
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस ने स्मार्ट सिटी और डिजिटल गवर्नेंस के जरिए ट्रैफिक व्यवस्था में काफी सुधार किए हैं। मैनुअल चालान प्रणाली को लगभग खत्म कर दिया है।
ई-चालान और आटोमेटेड सिस्टम को लागू करने से न केवल यातायात नियमों का पालन बेहतर हुआ है, बल्कि आम जनता की शिकायतों में भी कमी दर्ज की गई है। चंडीगढ़ पुलिस का दावा है कि पिछले छह महीने में ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायतों में 53.12 प्रतिशत की कमी हुई है और लोगों का सिस्टम के प्रति भरोसा बढ़ा है।
ट्रैफिक पुलिस की ओर से रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन सिस्टम (आरएलवीडीएस) और स्पीड डिटेक्शन डिवाइस को पुलिस कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जोड़ा गया है। इसके तहत नियमों का उल्लंघन करने वालों की पहचान डिजिटल तरीकों से हो रही है। इससे मानवीय हस्तक्षेप कम हुआ है और आन-रोड विवाद और पक्षपात के आरोप जैसी शिकायतें लगभग खत्म हो गई हैं।
ई-चालान प्रणाली के तहत वाहन चालकों को नियम उल्लंघन से संबंधित स्पष्ट फोटो और वीडियो साक्ष्य उपलब्ध कराए जा रहे हैं। साथ ही, चालान की आनलाइन जांच और भुगतान की सुविधा से पूरी प्रक्रिया सरल, पारदर्शी और समयबद्ध हो गई है। इससे न केवल जनता का भरोसा बढ़ा है, बल्कि यातायात नियमों के पालन में भी सुधार देखने को मिला है।
जनता से बेहतर संवाद और शालीन व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए सेक्टर-29 स्थित ट्रैफिक आडिटोरियम में विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए हैं। अब तक 350 ट्रैफिक कर्मियों को इस प्रशिक्षण से जोड़ा जा चुका है।
सड़क सुरक्षा के प्रति बचपन से ही जागरुकता पैदा करने के उद्देश्य से चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस ने स्कूलों में रोड सेफ्टी क्लब की शुरुआत की है। अब तक 187 सरकारी और निजी स्कूलों के 3786 छात्र इस पहल से जुड़ चुके हैं। यह छात्र ‘रोड सेफ्टी एंबेसडर’ बनकर अपने परिवार और समाज में भी सुरक्षित यातायात का संदेश फैला रहे हैं।
इसके अलावा 18 सितंबर से एक अक्टूबर 2025 तक ‘सेवा पखवाड़ा’ के तहत शहरभर में सेफ ड्राइव अभियान चलाया गया था। इस दौरान चालकों, पैदल यात्रियों, छात्रों और वरिष्ठ नागरिकों को यातायात नियमों और सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए विशेष कार्यक्रम और जनसंपर्क गतिविधियां आयोजित की गईं।
नागरिकों की सुविधा के लिए अदालतों में लंबित चालानों के लिए भी आनलाइन भुगतान सुविधा बहाल की गई है। लगभग 4.25 लाख कंपाउंडेबल चालानों को आनलाइन भुगतान के दायरे में लाया गया। इसके अलावा करीब चार लाख नान-कंपाउंडेबल चालानों को भी वर्चुअल कोर्ट प्रणाली के तहत आनलाइन भुगतान योग्य बनाया गया है। लंबित चालानों के भुगतान के लिए वाहन चालकों को एसएमएस रिमाइंडर भी भेजे जा रहे हैं, जिससे अदालतों का बोझ कम हुआ है।

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