मनोहर लाल और CM नायब सैनी की सुरक्षा में बड़ी चूक, चंडीगढ़ में 15 मिनट तक सड़क पर खड़ा रहा काफिला
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सुरक्षा में बड़ी चूक सामने आई है। वह और उनका काफिला 15 मिनट तक सड़क पर खड़ा रहा। सीएम मनोहर लाल खट्टर को छोड़ने के लिए रवाना हुए थे पर पंजाब भवन के पास गेट बंद मिले जिसके कारण सीएम को इंतजार करना पड़ा। इस गेट पर तैनात गार्ड वहां मौजूद नहीं था इसके पास मुख्यमंत्री के आने की कोई सूचना नहीं थी।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल की सुरक्षा में एक बड़ी चूक का मामला सामने आया है।
दोनों नेताओं का काफिला रात के लगभग 15 मिनट तक सड़क पर खड़ा रहा। यह घटना एक ऐसे इलाके में हुई जिसे सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है क्योंकि चार साल पहले यहां पानीपत के विधायक की गाड़ी को आग लगा दी गई थी।
सीआईडी ने जारी किया अलर्ट
कुछ समय बाद काफिले का रास्ता साफ करके उसे हरियाणा भवन की ओर भेजा गया। इस मामले में हरियाणा सीआईडी ने अलर्ट जारी कर दिया है और जांच शुरू कर दी है। हालांकि अब तक अधिकारियों ने इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
मनोहर लाल खट्टर को छोड़ने गए थे सीएम नायब सिंह सैनी
बुधवार रात केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर चंडीगढ़ पहुंचे थे। वे मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ हरियाणा सीएम के सरकारी आवास 'संत कबीर कुटीर' गए थे। रात करीब 11 बजे केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल को हरियाणा निवास लौटना था। इसके बाद मुख्यमंत्री नायब सैनी भी उन्हें छोड़ने के लिए हरियाणा निवास की ओर रवाना हुए थे।
गार्ड को ढूंढने में लगे 15 मिनट
जब काफिला हरियाणा निवास की ओर मुड़ा तो पंजाब भवन के पास का गेट बंद पाया गया। यह गेट पंजाब भवन के गार्ड के पास रहता है और वही वीआइपी के आगमन पर इसे खोलता है। ऐसा माना जा रहा है कि पूर्व सूचना न मिलने के कारण उस वक्त गार्ड गेट पर मौजूद नहीं था जिसके कारण काफिला करीब 15 मिनट तक सड़क पर रुका रहा।
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वहीं एक दूसरी खबर में हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जातियों को वर्गीकृत करने के लिए 13 नवंबर 2024 को जारी अधिसूचना को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।
जस्टिस अरुण पल्ली और जस्टिस सुदीप्ति शर्मा की खंडपीठ ने हरियाणा सरकार को इस मामले में नोटिस जारी कर 17 मार्च तक जवाब दायर करने का आदेश दिया है।
17 मार्च को होगी अगली सुनवाई
सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार की ओर से पेश एडिशनल एडवोकेट जनरल ने अदालत को अवगत कराया कि आवश्यक हलफनामा दाखिल किया जा चुका है। हालांकि, उन्होंने आग्रह किया विस्तृत लिखित जवाब दायर करने के लिए उनको समय दिया जाए।
मामले की अगली सुनवाई अब 17 मार्च 2025 को अर्जेंट मामलों के तुरंत बाद की जाएगी। इस मामले में हरियाणा प्रदेश की एक महासभा ने याचिका दायर करते हुए इस अधिसूचना को असंवैधानिक और मनमाना बताया है।
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