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    कर्ज माफी से सवा 10 लाख किसानों को लाभ, सीएम ने की घोषणाओं की बौछार

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Tue, 20 Jun 2017 10:04 AM (IST)

    मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने विधानसभा में किसानों के कर्ज माफी सहित रोहत घोषणाओं की बौछार की। उन्‍होंने किसानों के संग उद्योगों के लिए भी एलान किए।

    कर्ज माफी से सवा 10 लाख किसानों को लाभ, सीएम ने की घोषणाओं की बौछार

    चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को विधानसभा में किसानों के कर्ज माफी के संग राहत घोषणाओं की बौछार कर दी। कांग्रेस के घोषणा पत्र के वादे के मुता‍बिक सरकार ने कर्ज माफी का एलान कर 10.25 लाख किसानों काे राहत दी है। पांच एकड़ तक के किसानों का दो लाख रुपये तक का फसली ऋण माफ कर दिया है। वहीं दो लाख से ज्यादा कर्ज वाले किसानों का दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ किया गया है। इसके साथ की कैप्‍टन ने उद्योगों के लिए कम दर पर बिजली देने का एलान किया। इसके साथ उन्‍होंने राज्‍य में ट्रक यूनियन खत्‍म करने का भी एलान किया।

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    बजट से एक दिन पहले मुख्यमंत्री का विधानसभा में बड़ा एलान

    कैप्टन ने पंजाब विधानसभा में किसान और इंडस्ट्री के लिए दिल खोल कर घोषणाएं की। एक तरफ मुख्यमंत्री ने पंजाब से ट्रक यूनियन को खत्म कर दिया है, तो वहीं इंडस्ट्री को पांच रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली देने की घोषणा की है। कैप्टन अमरिंदर सिंह के पांच एकड़ वाले छोटे किसानों के दो लाख रुपये तक के फसली ऋण की माफी से 8.75 लाख किसान लाभान्वित होंगे।

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    वहीं दो लाख से ज्यादा कर्ज वाले किसानों को दाे लाख तक कर्ज माफी से 1.50 लाख किसान को इसका लाभ होगा। यही नहीं मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि जिन किसानों ने कर्ज के दबाव में आकर आत्महत्या की है, उनके कर्ज का बोझ सरकार उठाएगी। वहीं, सरकार ने आत्महत्या करने वाले किसानों की एक्सग्रेशिया ग्रांट को तीन से बढ़ा कर पांच लाख कर दिया हैं।

    विपक्ष के नेता एचएस फूलका ने सरकार के फैसले पर अंगुली उठाते हुए कहा कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में पूरा कर्ज माफ करने की बात कही थी, जबकि कृषि ऋण तो किसानों का एक छोटा सा हिस्सा है।

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    कैप्टन ने बजट से पूर्व ही बजटीय घोषणाएं कर विपक्ष को चौंका दिया। वहीं, सरकार की वित्तीय मजबूरी भी बताई। कैप्टन ने कहा कि पिछली सरकार ने अनाज की खरीद के लिए नकदी ऋण सीमा में कमी को कवर करने के लिए 31,000 करोड़ रुपये का ऋण लिया था। इस पर सरकार को 270 करोड़ हर महीने और 32,240 करोड़ रुपये सालाना किश्त भरनी पड़ रही है। अगर ऐसा न होता, तो बड़ी संख्या में किसानों को राहत दी जा सकती थी।

    उद्योग को पांच रुपये प्रति यूनिट मिलेगी बिजली

    मुख्यमंत्री ने पंजाब में इंडस्ट्री को राहत देते हुए बिजली को पांच रुपये प्रति यूनिट से देने की घोषणा की। यही नहीं कैप्टन ने कृषि से लेकर इंडस्ट्री क्षेत्र तक के लिए सिर दर्द बने ट्रक यूनियन को खत्म करने की घोषणा कर दी हैं। सरकार के इस फैसले से न सिर्फ किसानों बल्कि इंडस्ट्री क्षेत्र को भी काफी राहत होगी।

    इंडस्ट्री के लिए सीएलयू की अनिवार्यता खत्म, संगरूर और खन्ना में बनेंगे इंडस्ट्रियल हब

    कैप्टन ने घोषणा की कि इंडस्ट्री के लिए सीएलयू की आवश्यकता नहीं होगी। इससे न सिर्फ इंडस्ट्री का विस्तार होगा बल्कि युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। उन्‍हाेंने संगरूर और खन्ना में इंडस्ट्रियल हब बनाने का भी एलान किया। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के सुझाव पर स्पीकर राणा केपी ने विधानसभा की एक पांच सदस्यीय समिति का गठन करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा था कि विधानसभा की कमेटी बनाई जाए, जो किसानों की आत्महत्या के कारणों का पता लगा सकते हैं और इस खतरे को हमेशा की जांच के लिए आगे के कदमों का सुझाव दे सकते हैं।

    बड़े किसान छोड़ें बिजली सब्सिडी

    मुख्यमंत्री ने किसानों को मुफ्त बिजली की सुविधा को जारी रखने की बात को दोहराते हुए अपील की कि बड़े किसान फ्री बिजली की सुविधा छोड़ दें, ताकि छोटे किसानों को इसका लाभ मिल सके। मुख्यमंत्री के इस अपील पर सत्ता पत्र के विधायकों ने हाथ खड़े करके फ्री बिजली छोड़ने को अपना समर्थन दिया।

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