कड़ाके की ठंड, पक्षियों और जानवरों के लिए छतबीड़ जू में बचाव के विशेष, रूम हीटर तक का प्रबंध
पंजाब सरकार ने सर्दियों के लिए छतबीड़ चिड़ियाघर में जानवरों और पक्षियों की सुरक्षा हेतु विशेष प्रबंध किए हैं। मांसाहारी जीवों के लिए रूम हीटर, शाकाहार ...और पढ़ें

शाकाहारी जीवों के बाड़ों में अस्थायी झोपड़ियां और पराली के बिस्तर बनाए गए हैं।
वेद शर्मा, मोहाली। सर्दियों के आगमन और खराब मौसम को ध्यान में रखते हुए पंजाब सरकार ने छतबीड़ स्थित महिंदर चौधरी जूलाजिकल पार्क में जानवरों और पक्षियों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए हैं।
मांसाहारी जानवरों जैसे बाघ, शेर, चीता और अन्य बिल्ली प्रजातियों के लिए उनके रात के आश्रय स्थलों में रूम हीटर और हीट कन्वेक्टर लगाए गए हैं। ठंडी हवाओं को रोकने के लिए खिड़कियों और खुले स्थानों को पालीथीन शीट, फाइबर शीट और सरकंडे की छत से ढका गया है। वृद्ध और छोटे जानवरों के लिए विशेष तापमान नियंत्रण की व्यवस्था की गई है।

शाकाहारी जानवरों के बाड़ों में अस्थायी झोपड़ियां बनाई गई हैं जिन्हें तारों और रस्सियों से बांधा गया है। इन झोपड़ियों की छतों को काली तिरपाल से ढककर वाटरप्रूफ बनाया गया है। आरामदायक फर्श के लिए पराली और तूड़ी के बिस्तर बिछाए गए हैं ताकि जानवरों को गर्माहट मिल सके।
पक्षियों के पिंजरों को फाइबर कपड़े, जूट मैट और पालीथीन की चादरों से ढक दिया गया है ताकि उन्हें ठंड और बारिश से बचाया जा सके। उनके घोंसलों को गर्म रखने के लिए पराली, तूड़ी और चावलों के भूसे का इस्तेमाल किया गया है। पिंजरों के ढक्कन इस तरह बनाए गए हैं कि आवश्यकता पड़ने पर उन्हें खोलकर पक्षियों को धूप भी दी जा सके।
तीतरों के पिंजरों को घास और धान के ढांचे से भरपूर बनाया गया है जिससे उन्हें प्राकृतिक वातावरण जैसा आराम मिले। रेंगने वाले जीवों के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। उनकी बिलों पर आयल फिन हीटर लगाए गए हैं जो प्राकृतिक नमी को प्रभावित नहीं करते। उनके सेलों में तूड़ी, सूखे पत्ते और भारी कंबल रखे गए हैं।
इसके अलावा विशेष यूवी लैंप लगाए गए हैं ताकि उन्हें पर्याप्त गर्माहट मिल सके। कछुओं और जलचर कछुओं के लिए वाटर सर्कुलेशन सिस्टम वाले विशेष एक्वेरियम हीटर लगाए गए हैं।
वन विभाग ने कहा कि इन प्रबंधों का उद्देश्य ठंड के मौसम में सभी जीवों को सुरक्षित और आरामदायक वातावरण प्रदान करना है। यह कदम न केवल पशु कल्याण को सुनिश्चित करता है बल्कि चिड़ियाघर आने वाले दर्शकों को भी यह संदेश देता है कि वन्य जीवों की देखभाल सरकार की प्राथमिकता है।

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