अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगों के झांसे में फंसी चंडीगढ़ की महिला, डेढ़ करोड़ से अधिक की रकम गंवाई
चंडीगढ़ की एक महिला अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी का शिकार हो गई, जिसमें उसने 1.5 करोड़ रुपये से अधिक गंवा दिए। ठगों ने खुद को विदेशी निवेशक और बैंक अधिकारी ...और पढ़ें

साइबर ठगों ने सीमा शुल्क, आयात-निर्यात मंजूरी, अंतरराष्ट्रीय भुगतान, बैंक सत्यापन और वितरण शुल्क जैसे बहानों से बार-बार पैसे जमा करवाए।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। शहर की एक महिला के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर की साइबर ठगी हो गई। ठगों ने खुद को विदेशी निवेशक, बैंक अधिकारी और सरकारी संस्थानों का प्रतिनिधि बताकर पीड़ित से 1,53,38,388 रुपये से अधिक की ठगी कर ली। सेक्टर-61 निवासी पीड़िता की शिकायत पर साइबर अपराध थाना ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
महिला के अनुसार ठगों ने पहले उसे एक विदेशी नागरिक के नाम से संपर्क कर विश्वास में लिया। इसके बाद प्राचीन वस्तुओं की खरीद-फरोख्त, निवेश और अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के नाम पर धीरे-धीरे बड़ी रकम ऐंठ ली गई। ठगों ने सीमा शुल्क, आयात-निर्यात मंजूरी, अंतरराष्ट्रीय भुगतान, बैंक सत्यापन और वितरण शुल्क जैसे बहानों से बार-बार पैसे जमा करवाए।
महिला ने बताया कि ठगों के कहने पर जब धनराशि स्थानांतरित की गई, तो उसके बैंक खाते संदेहास्पद लेनदेन के नाम पर फ्रीज करा दिए गए। इसके बाद ठगों ने खाते दोबारा चालू करवाने के नाम पर और रकम मांगी। मजबूरी में पीड़ित ने रिश्तेदारों से मदद ली और यहां तक कि संपत्ति गिरवी रखकर भी पैसे दिए।
ठगों ने भारतीय और विदेशी बैंकों के नाम का दुरुपयोग किया
जांच में सामने आया है कि ठगों ने फर्जी ई-मेल पते, मोबाइल नंबर, बैंक दस्तावेज, निवेश अनुबंध और इंटरनेट मीडिया संदेशों के जरिए खुद को प्रतिष्ठित बैंकों और संस्थानों से जुड़ा बताया। ठगों ने भारतीय और विदेशी बैंकों के नाम का दुरुपयोग कर पीड़ित का भरोसा जीता। यह ठगी मार्च 2022 से लगातार करीब साढ़े तीन साल तक चलती रही।
इस दौरान न तो कोई निवेश वापस मिला और न ही कोई वस्तु प्राप्त हुई। जब पीड़ित ने रकम वापस मांगनी शुरू की, तो नए-नए बहाने बनाकर और पैसे की मांग की जाती रही। पीड़िता की शिकायत पर साइबर अपराध थाना ने मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस लेनदेन, ई-मेल खातों और डिजिटल साक्ष्यों की गहन जांच की जा रही है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।