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    चंडीगढ़: नारे, पोस्टर और सोशल मीडिया से पीयू में बना चुनावी माहौल, रात को बनती है रणनीति

    By Sohan Lal Edited By: Sohan Lal
    Updated: Mon, 18 Aug 2025 12:56 PM (IST)

    पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव की सरगर्मी बढ़ गई है। छात्र संगठन नए छात्रों को लुभाने और उनकी समस्याओं को हल करने का प्रयास कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी प्रचार जोर-शोर से चल रहा है। फीस वृद्धि और हॉस्टल की सुविधाएं जैसे मुद्दे उठाए जा रहे हैं।

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    पीयू में चुनावी बिसात के बीच छात्रों की नब्ज टटोलने में जुटी पार्टियां।

    मोहित पांडेय, चंडीगढ़। पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ चुनाव को लेकर माहौल गरमा गया है। कैंपस के गलियारों से लेकर हास्टल और स्टूडेंट सेंटर तक चुनावी चर्चा के पारा तेजी से बढ़ रहा है। हर साल की तरह इस बार भी प्रमुख छात्र संगठन अपनी रणनीति तय करने में जुट गए हैं। उम्मीदवारों के नाम को लेकर बैठकों का दौर जारी है। नारे, पोस्टर और सोशल मीडिया से चुनावी माहौल गरमा गया है।

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    सभी छात्र संगठन अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए अंदरूनी बैठकों में मंथन कर रहा है। हास्टल, विभागीय कैंटीन और लाइब्रेरी के बाहर बैठकर छात्रों से उनकी समस्याएं सुनी जा रही हैं। फीस में बढ़ोतरी रोकना, हास्टल की सुविधाएं, प्लेसमेंट सेल को मजबूत करना, ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देना। यह सभी मुद्दे पार्टियों के चुनावी एजेंडे में शामिल हैं।

    इसके साथ कई छोटे संगठन में प्रमुख संगठनों के साथ गठबंधन के जरिए मैदान में उतर रह हैं। स्टूडेंट सेंटर, साउथ कैंपस, तीनों मुख्य गेट और विभिन्न विभाग इन दिनों चुनावी पोस्टरों और झंडों से सजे हुए हैं। रात के समय भी समूहों में बैठकर चुनावी रणनीतियां बनती दिखती हैं। हास्टल के कामन रूम में उम्मीदवारों के पोस्टर, दीवारों पर नारे और सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग हैशटैग चुनावी उत्साह को और बढ़ा रहे हैं।

    नए छात्रों को टारगेट कर रही पार्टियां

    कैंपस में नए छात्रों को संगठन से जोड़ने की कवायद भी तेज है। खासकर फ्रेशर्स को चुनावी माहौल से परिचित कराने के लिए विभिन्न संगठनों ने ‘मीट एंड ग्रीट’ कार्यक्रम शुरू किए हैं। छात्र नेताओं का कहना है कि वे छात्रों की आवाज को प्रशासन तक पहुंचाने और उनके हक में निर्णय के लिए काम करेंगे।

    सोशल मीडिया पर भी चुनावी जंग तेज

    इस बार सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी जोरदार मुकाबला देखने को मिल रहा है। इंस्टाग्राम रील्स, फेसबुक पोस्ट, व्हाट्सएप ग्रुप्स और ट्विटर हैंडल के जरिए छात्र संगठन अपने मेनिफेस्टो और उपलब्धियों को साझा कर रहे हैं। वीडियो अपील और डिजिटल पोस्टर से युवा मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है।

    आगे का रास्ता

    अभी आधिकारिक चुनावी कार्यक्रम घोषित नहीं हुआ है, लेकिन प्रचार और तैयारी से साफ है कि जैसे ही तिथि तय होगी, मुकाबला और तेज हो जाएगा। फिलहाल, पंजाब यूनिवर्सिटी का हर कोना चुनावी उत्साह में डूबा है और सभी की निगाहें इस साल के परिणाम पर टिकी हैं।

    इन संगठनों में जोरदार मुकाबला

    इस बार चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी), स्टूडेंट्स फार सोसाइटी (एसएफएस), नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन आफ इंडिया (एनएसयूआइ ), स्टूडेंट आर्गेनाइजेशन आफ इंडिया (सोई), इंडियन नेशनल स्टूडेंट्स आर्गनाइजेशन (इनसो), पंजाब यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन (पुसु), छात्र युवा संघर्ष समिति ( सीवाईएसएस) जैसे प्रमुख संगठनों में टक्कर है।

    चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा

    यूनिवर्सिटी में पुलिस की अधिक तैनाती छात्र संगठन के चुनाव प्रचार- प्रसार में बाधा बन रही है। पुलिस की निगरानी कम करने को लेकर बुधवार से छात्र संगठन जमकर कुलपति कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। शनिवार को पीयू प्रशासन ने स्टूडेंट्स की मांग मनाते हुए नए आदेश जारी किए हैं, जिसमें कहा गया है कि पीयू में हास्टल समेत अन्य इलाकों में जांच केवल पीयू सिक्योरिटी करेगी। इसके साथ चंडीगढ़ पुलिस यूनिवर्सिटी के बाहरी हिस्सा पर मोर्चा संभालेगी।