चंडीगढ़ में नई मंडी में होगी शोरूम के प्लॉट्स की नीलामी, सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी, 3.70 से बढ़कर 5.40 करोड़ पहुंचा रिजर्व प्राइस
चंडीगढ़ में नई मंडी में शोरूम के प्लॉटों की नीलामी होगी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दे दी है। रिजर्व प्राइस 3.70 करोड़ से बढ़कर 5.40 करोड़ पहुंच ग ...और पढ़ें

सेक्टर-26 की मंडी को शिफ्ट करने का रास्ता साफ।
नई मंडी : अब 3.70 नहीं, 5.40 करोड़ रुपये में शुरू होगी ई-नीलामी
-सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद प्रशासन नए साल से शुरू करेगा नीलामी
-सेक्टर-39 की नई मंडी में शोरूमों की साइट की नीलामी शुरू करेगा प्रशासन
राजेश ढल्ल, चंडीगढ़। सेक्टर-39 की नई मंडी में जो शोरूमों के प्लाट की नीलामी प्रक्रिया रुकी हुई थी उस पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से हरी झंडी मिल गई है। जिस प्लाॅट का रिजर्व प्राइस पहले 3.70 करोड़ था, अब उसका रिजर्व प्राइस 5.40 करोड़ हो जाएगा। कलेक्टर रेट बढ़ने के कारण रिजर्व प्राइस बढ़ गया है। एक एससीओ में 120 स्क्वायर यार्ड जगह है। प्रशासन के अनुसार, जनवरी में नीलामी के लिए पब्लिक नोटिस निकाल दिया जाएगा। प्रशासन ने पहले फेज में 23 प्लाॅटों की ई-नीलामी निकाली थी जिसमें 12 व्यापारियों ने पुराने रिजर्व प्राइस पर प्लाॅट खरीद लिए थे। कोर्ट में मामला पहुंचने के बाद इन लोगों को अलाॅटमेंट पत्र जारी नहीं हुआ था। अब उन्हें अलाॅटमेंट लेटर देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
सुप्रीम कोर्ट से प्रशासन को राहत मिलने के बाद अब सेक्टर-26 से सेक्टर-39 में अनाज मंडी के लंबे समय से लंबित स्थानांतरण का रास्ता भी साफ हो गया है। करीब 75 एकड़ में विकसित की जा रही नई मंडी को चरणबद्ध तरीके से बनाया जाना है। पहले चरण में फल एवं सब्जी मंडी और दूसरे चरण में अनाज मंडी विकसित की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने नीलामी पर एक अप्रैल 2025 को अस्थायी रोक लगा दी थी, जिससे बोली आवंटन प्रक्रिया रोक दी गई थी। इससे पहले पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट भी ऐसी ही याचिका को खारिज कर चुका है।
नीलामी में दूसरे राज्य के लोग भी हो सकते हैं शामिल
प्रशासन ने निर्णय लिया है कि ई नीलामी में वर्तमान में काम कर रहे आढ़तियों को कोई प्राथमिकता नहीं दी जाएगी। इस नीलामी में कोई भी भाग ले सकता है। आढ़तियों की मांग थी कि 50 फीसद प्लाॅट्स उन्हें नोमिनल रेट प्राथमिकता के आधार पर अलाॅट किए जाएं। प्रशासन के अनुसार पहले से काम कर रहे आढ़तियों के लिए नई मंडी में ऑफिस बनाए जाएंगे जो कि उन्हें किराए पर दिए जाएंगे।
साल 2015 से लंबित है मामला
2015 में सेक्टर-39 में नई मंडी का शिलान्यास किया गया था। प्रशासन ने इसे फरवरी 2016 तक शिफ्ट करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन आज तक मंडी को शिफ्ट करने में प्रशासन असफल रहा है। सेक्टर-26 की पुरानी मंडी को अलग-अलग फेज में डी नोटीफाई किया जाएगा। सेक्टर-26 मंडी को शहर की पांच लाख जनसंख्या के आधार पर बनाया गया था। इस समय शहर की जनसंख्या 13 लाख से ज्यादा हो गई है।
सेक्टर-39 की 75 एकड़ जमीन मंडी एग्रीकल्चर बोर्ड को प्रशासन से सिर्फ तीन करोड़ रुपये में मिली थी। यह जमीन साल 1990 में भूमि अधिग्रहित की गई थी। इस मंडी को बनाने के लिए इस प्रोजेक्ट का खर्चा 192 करोड़ रुपये आएगा। यहां पर दो कोल्ड स्टोरज बनाने की भी प्लानिंग है। मंडी के भीतर सड़कों को विकसित करने के अलावा अन्य मूल भूत सुविधाओं का इजाफा किया जाना है।

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