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    50 करोड़ की धोखाधड़ी का केस चंडीगढ़ पुलिस ने किया रफा-दफा, अनट्रेस रिपोर्ट पर Court ने लगाई फटकार

    By Sohan Lal Edited By: Sohan Lal
    Updated: Fri, 26 Dec 2025 07:07 PM (IST)

    चंडीगढ़ पुलिस ने 50 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में अनट्रेस रिपोर्ट पेश की, जिसे कोर्ट ने फटकार लगाते हुए खारिज कर दिया। यह मामला सेक्टर-27 में रिटायर् ...और पढ़ें

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    अनट्रेस रिपोर्ट को जिला अदालत ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया और फाइल जांच अधिकारी को लौटा दी

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। प्रॉपर्टी के नाम पर हुई 50 करोड़ की धोखाधड़ी में तीन साल की जांच के बाद पुलिस ने केस बंद कर जिला अदालत में अनट्रेस रिपोर्ट पेश की। इस पर कोर्ट ने फटकार लगाई और दोबारा जांच कर फाइनल रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए। यह प्रॉपर्टी सेक्टर-27 में रिटायर्ड कर्नल प्यारा सिंह की थी।

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    प्यारा सिंह का 100 वर्ष की उम्र में निधन हुआ था। पुलिस ने इस मामले में तीन साल पहले नौ लोगों के खिलाफ फर्जी वसीयत बनाने के आरोप में केस दर्ज किया था। आरोपितों में कर्नल प्यारा सिंह के अपने रिश्तेदार ही थे जिनमें उनकी बेटी यमुनागनर निवासी नीलम सारंग, दामाद, विनोद कुमार और बहू प्रोमिला रानी की भूमिका अहम थी।

    करीब तीन साल जांच के बाद पुलिस ने केस को बंद कर दिया और सिविल बताते हुए जिला अदालत में अनट्रेस रिपोर्ट दाखिल कर दी। इस अनट्रेस रिपोर्ट को अदालत ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया और फाइल जांच अधिकारी को लौटा दी। इसके साथ ही जज ने इस मामले में दोबारा जांच करने और फाइनल रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए। 

    इसलिए पुलिस ने दाखिल की अनट्रेस रिपोर्ट

    पुलिस ने अनट्रेस रिपोर्ट में कहा कि 17 दिसंबर 2017 की एक विवादित वसीयत को लेकर सेंट्रल फारेंसिक एंड साइंस लैबोरेट्री (सीएफएसएल) की रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें यह स्पष्ट नहीं हो सका कि वसीयत असली थी और न ही उसे जाली बताया गया। पुलिस इस निष्कर्ष पर नहीं निकल पाई कि ठगी हुई थी या नहीं। इसलिए अनट्रेस रिपोर्ट दाखिल कर दी गई।

    शिकायतकर्ता बोला-आरोपितों को बचाने का प्रयास कर रही पुलिस

    कर्नल प्यारा सिंह के पोते शिकायतकर्ता विक्रम देव सारंग ने आरोप लगाया कि पुलिस ने आरोपितों को बचाने के लिए यह अनट्रेस रिपोर्ट पेश की। पुलिस ने हाईकोर्ट में खुद एफिडेविट दिया था कि वसीयत जाली थी और जांच अधिकारी ने केस की चार्जशीट दाखिल करने के लिए भी हाईकोर्ट में बयान दिए थे। अब चार्जशीट दाखिल करने के बजाय केस को अनट्रेस घोषित करने की कोशिश की जा रही है।

    क्या निकला सीएफएसएल की जांच में

    सीएफएसएल विशेषज्ञ ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि वसीयत के टाइप किए गए पैराग्राफ में लाइनों के बीच अंतर समान नहीं है। इससे यह संदेह उत्पन्न होता है कि दस्तावेज के टेक्स्ट को टाइपिंग के दौरान समायोजित किया गया हो। विशेषज्ञ ने यह संभावना भी जताई कि वसीयतकर्ता के हस्ताक्षर पहले किए गए हों और टेक्स्ट बाद में टाइप किया गया हो।

    पहली रिपोर्ट को लेकर उठे सवालों के बाद वसीयत को दोबारा जांच के लिए सीएफएसएल, सेक्टर-36, भेजा गया। दूसरी रिपोर्ट में विशेषज्ञ ने कहा कि दस्तावेज में किसी प्रकार की काट-छांट, सामग्री जोड़ने या लाइन के बीच हस्तक्षेप के कोई संकेत नहीं मिले हैं। केवल कुछ मामूली सुधार पाए गए हैं। हालांकि इसके असली या जाली होने पर कोई निष्कर्ष नहीं दिया गया। ऐसे में पुलिस ने जांच बीच में ही छोड़ दी

    यह है मामला

    सेक्टर-27 निवासी कर्नल प्यारा सिंह की सात साल पहले मौत हो गई थी। उनकी बहुओं, बेटी, दामाद, भतीजी और अन्य रिश्तेदारों ने मिलकर एक फर्जी वसीयत तैयार की और एस्टेट ऑफिस में प्राॅपर्टी ट्रांसफर करने की एप्लीकेशन दे दी, लेकिन उनकी एप्लीकेशन को एस्टेट आफिस ने खारिज कर दिया।

    इन सभी रिश्तेदारों के खिलाफ कर्नल के पोते विक्रम देव सारंग ने पुलिस को शिकायत दे दी और कहा कि इन सबने मिलकर उनके दादा की संपत्ति को हथियाने की कोशिश की है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच की तो पता चला कि वसीयत फर्जी थी। पुलिस ने कर्नल की 82 साल की भतीजी, 75 साल के दामाद, 74 साल की बेटी, 69 व 60 साल की बहुओं समेत सात रिश्तेदारों व दो अन्य लोगों पर एफआईआर दर्ज की थी।

    जांच अधिकारी के खिलाफ पुलिस को दी शिकायत

    विक्रम देव सारंग ने केस के जांच अधिकारी एएसआई जितेंद्र सिंह के खिलाफ पुलिस विभाग को शिकायत दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस के पास केस साबित करने के लिए पुख्ता सबूत थे। अहम गवाहों के बयान भी थे जिन्होंने जाली वसीयत के बारे में पुलिस को बताया था, लेकिन पुलिस ने जानबूझकर केस फाइल से उन गवाहों के बयानों को निकाल दिया।

    अदालत में भी यह मामला उठा था और उन गवाहों के बयानों की कापी अदालत में पेश नहीं की जा सकी। इसलिए पुलिस की जांच पर संदेह होता है। ऐसे में उन्होंने एएसआइ जितेंद्र के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।