चंडीगढ़ पुलिस का रिस्पॉन्स टाइम देशभर में सबसे तेज, घटना या वारदात होने पर 5.06 मिनट में मिलती है मदद
चंडीगढ़ पुलिस ने 2025 में आपातकालीन सेवाओं में ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है, जिसमें उनका रिस्पॉन्स टाइम 5.06 मिनट है, जो देश में सबसे तेज है। उन्होंने 8. ...और पढ़ें

पुलिस की इस तेज प्रतिक्रिया से न केवल अपराधों को समय रहते रोका गया।
मनोज बिष्ट, चंडीगढ़। कोई भी घटना या अपराध होने पर चंडीगढ़ पुलिस 5.6 मिनट में मदद के लिए पहुंच रही है। आपातकालीन सेवाओं में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए वर्ष 2025 में चंडीगढ़ पुलिस का रिस्पॉन्स टाइम देश में सबसे तेज है।
यह उपलब्धि पीसीआर वाहनों के बेड़े के विस्तार, अत्याधुनिक जीपीएस मॉनिटरिंग, सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल रूम और त्वरित डिस्पैच सिस्टम के कारण संभव हो पाई। पुलिस की इस तेज प्रतिक्रिया से न केवल अपराधों को समय रहते रोका गया, बल्कि नागरिकों में सुरक्षा की भावना भी मजबूत हुई है।
पुलिस ने वर्ष 2025 में अपराध नियंत्रण, नशा विरोधी अभियानों, साइबर अपराधों पर प्रभावी कार्रवाई और कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाए रखने के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। सक्रिय पुलिसिंग, मजबूत खुफिया तंत्र और तकनीक आधारित जांच प्रणाली के चलते न केवल अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगा है, बल्कि आम जनता का पुलिस पर भरोसा भी पहले से अधिक मजबूत हुआ है।
नशा विरोधी अभियान के तहत बड़ी सफलता
नशा विरोधी अभियान के तहत चंडीगढ़ पुलिस ने बड़ी सफलता दर्ज करते हुए 8.79 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की ड्रग संपत्ति जब्त की। ड्रग्स के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत नशा तस्करों और उनके नेटवर्क पर लगातार कार्रवाई की गई, जिससे शहर में नशीले पदार्थों की सप्लाई चेन को बड़ा झटका लगा है।
साइबर अपराधों से निपटने में सशक्त
साइबर अपराधों से निपटने के लिए भी पुलिस ने तकनीकी संसाधनों और विशेषज्ञ टीमों को और सशक्त किया। ऑनलाइन ठगी, डिजिटल फ्रॉड और साइबर धोखाधड़ी के मामलों में त्वरित जांच और प्रभावी कार्रवाई से पीड़ितों को राहत मिली है।
न आपराधिक कानूनों की सफल शुरुआत
एक जुलाई 2024 से लागू नए आपराधिक कानूनों के तहत चंडीगढ़ देश का पहला ऐसा केंद्र शासित प्रदेश बना, जहां इन कानूनों को पूरी तरह लागू किया गया। वर्ष 2025 तक नए कानूनों के अंतर्गत 5156 एफआईआर दर्ज, 4503 चालान दाखिल किए गए और निपटाए गए मामलों में 89 प्रतिशत की प्रभावशाली सजा दर हासिल की गई।
इसके साथ ही औसत सजा अवधि 300 दिनों से घटकर मात्र 110 दिन रह गई है, जो न्याय प्रणाली की तेज़ी और प्रभावशीलता को दर्शाती है। कुल मिलाकर, चंडीगढ़ पुलिस की ये उपलब्धियां आधुनिक, उत्तरदायी और जनता-केंद्रित पुलिसिंग का उदाहरण पेश करती हैं, जो अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए भी एक प्रेरणा हैं।

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