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    चंडीगढ़ में अंग प्रत्यारोपण के लिए लंबी कतार, 6,992 मरीजों को इंतजार, उम्मीद में 18 हारे जिंदगी की जंग

    By Sohan Lal Edited By: Sohan Lal
    Updated: Mon, 29 Dec 2025 12:55 PM (IST)

    चंडीगढ़ में 6,992 मरीज अंग प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जिनमें 6,681 किडनी के लिए हैं। केंद्रीय रिपोर्ट के अनुसार, प्रतीक्षा सूची में रहते हुए ...और पढ़ें

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    मोहित पांडेय, चंडीगढ़। देश की आधुनिक स्वास्थ्य व्यवस्था का चेहरा कहलाने वाला चंडीगढ़ आज अंग प्रत्यारोपण के मामले में बेबस नजर आ रहा है। 6,992 मरीज अंग प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा सूची में हैं, जिनमें से अकेले 6,681 मरीज सिर्फ किडनी के लिए इंतजार कर रहे हैं।इसके अलावा लिवर, हार्ट, फेफड़े और पैंक्रियाज प्रत्यारोपण के मरीज भी वर्षों से उम्मीद लगाए बैठे हैं।

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    यह आंकड़ा न सिर्फ चिंताजनक है, बल्कि सिस्टम की धीमी रफ्तार पर भी सवाल खड़े करता है। बीते वर्षों में अंग प्रत्यारोपण में 18 लोगों की जान चली गई है। सबसे अधिक चिंता बात यह है कि यह संख्या कई बड़े राज्यों से भी कई गुना है। इसका खुलासा केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से राज्यसभा में पेश एक रिपोर्ट में हुआ है।

    सीमित आबादी वाला चंडीगढ़ आज देश का सबसे बड़ा ऑर्गन ट्रांसप्लांट वेटिंग जोन बनता जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन प्रत्यारोपण की गति बेहद धीमी है। 

    पीजीआई जैसे बड़े रेफरल संस्थान के कारण पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर के हजारों मरीज चंडीगढ़ पर निर्भर हैं। यही वजह है कि आबादी के हिसाब से चंडीगढ़ पर देश में सबसे ज्यादा दबाव है। बीते पांच वर्षों (2020–2024) में चंडीगढ़ में सिर्फ 1,231 अंग प्रत्यारोपण हो सके।

    प्रत्यारोपण के इंतजार में चंडीगढ़ में मौत

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    केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय रिपोर्ट में सबसे चिंताजनक यह बात आई कि अंग न मिलने के कारण मरीजों की जान जा रही है। 2020 से 2024 के बीच चंडीगढ़ में 18 मरीजों की मौत प्रतीक्षा सूची में रहते हुए हुई।

    चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा, ऑर्गन ट्रांसप्लांट वेटिंग लिस्ट

    राज्य           किडनी             लिवर           हार्ट          लंग        पैंक्रियाज        कुल मरीज

    चंडीगढ़         6681             175            10           01        125            6992
    पंजाब          2313              316            20           01        02             2652
    हरियाणा       1042              879            42           20        01             1984

    पीजीआई में रोटो, करोड़ों रुपये फंड… लेकिन जिंदगी इंतजार में

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    पीजीआई में बने रोटो (क्षेत्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन) ऑफिस के बावजूद शहर में अंग प्रत्यारोपण का इंतजार लगातार बढ़ रहा है। पिछले पांच वर्षों में चंडीगढ़ को एनओटीपी के तहत 2.78 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मिली, जिसमें जागरूकता और प्रचार गतिविधियां भी शामिल थीं। लेकिन इस फंड और पीजीआई में मौजूद आफिस के बावजूद, चंडीगढ़ में 6,992 मरीज अभी भी जीवनरक्षक अंग प्रत्यारोपण के इंतजार में हैं।

    किडनी प्रत्यारोपण के नियम और कानून

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    किडनी प्रत्यारोपण को कानूनी और नैतिक रूप से नियंत्रित करने के लिए मानव अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 लागू है, जिसमें वर्ष 2011 में संशोधन किया गया। इसका उद्देश्य अंग तस्करी पर रोक लगाना और पारदर्शी प्रत्यारोपण व्यवस्था सुनिश्चित करना है। किडनी दान केवल निकट संबंधी माता-पिता, भाई-बहन, पति-पत्नी, बच्चे, दादा-दादी और नाना-नानी से बिना अतिरिक्त अनुमति संभव है। गैर-रिश्तेदार दाता के मामलों में प्राधिकरण समिति की मंजूरी अनिवार्य होती है।