चंडीगढ़ निगम की बैठक होगी बेहद अहम, प्रशासक होंगे शामिल, 24 घंटे जलापूर्ति परियोजना के भविष्य पर लिया जाएगा निर्णय
चंडीगढ़ नगर निगम की बैठक में प्रशासक गुलाब चंद कटारिया एक वर्ष का वित्तीय लेखा-जोखा पेश करेंगे। उनके आदेशों पर हुए खर्च में कटौती और राजस्व वृद्धि की ...और पढ़ें

नगर निगम सदन की वर्ष 2025 की अंतिम बैठक मंगलवार को होगी।
बलवान करिवाल, चंडीगढ़। नगर निगम सदन की वर्ष 2025 की अंतिम बैठक मंगलवार को होगी। 24 घंटे जलापूर्ति परियोजना को पूरे शहर भर में लागू किया जाए या नहीं इस पर निगम सदन निर्णय लेगा। सदन पटल पर आठ अलग-अलग सुझाव इसके भविष्य से जुड़े रखे जाएंगे। इनमें परियोजाना को निजी कंपनी को सौंपकर कराने, फेज वाइज बढ़े खर्च 1700 करोड़ से कराने जैसे विकल्प पर बातचीत होगी।
यह बैठक इसलिए बेहद अहम है कि इसमें प्रशासक गुलाब चंद कटारिया शामिल होंगे। वह बैठक में एक वर्ष का लेखा-जोखा पेश करेंगे। उनके आदेशों पर ही निगम में खर्च करने जैसे कई बड़े बदलाव और निर्णय इस वर्ष हुए। गैर जरूरी स्टाफ कटौती, राजस्व के नए स्त्रोत और इसे बढ़ाया गया। इन निर्णयों पर प्रशासक निगम सदन में जानकारी देंगे।
खासकर निगम की वित्तीय स्थिति में पहले और अब क्या कुछ बदला इस पर प्रशासक प्रेजेंटेशन के जरिए जानकारी दे सकते हैं। साथ ही वह संशोधित अनुमान में निगम को 25 करोड़ रुपये मिलने की जानकारी भी देंगे। प्रशासक मेयर हरप्रीत कौर बबला के आग्रह पर निगम में आ रहे हैं।
इससे पहले प्रशासक पूर्व मेयर कुलदीप कुमार के आग्रह पर 23 नवंबर 2024 को निगम सदन में आए थे। उस दौरान उन्होंने निगम में बड़ी तेजी से स्टाफ बढ़ने पर चिंता जताई थी साथ ही राजस्व के स्त्रोत कम होने और खर्च अधिक होने पर भी सख्त निर्णय लेने की हिदायत दी थी।
मेयर अतिरिक्त फंड लाने का लेंगी श्रेय
प्रशासक निगम सदन की बैठक में संशोधित बजट अनुमान में 25 करोड़ रुपये निगम को मिलने की जानकारी देंगे। हालांकि मांग 245 करोड़ रुपये की भेजी गई थी। 100 करोड़ तक मिलने की उम्मीद थी।
इससे पहले भी मेयर हरप्रीत कौर बबला के बार-बार मुद्दा उठाने पर निगम को 125 करोड़ रुपये प्रशासन से विशेष ग्रांट के तौर पर मिले थे। जिसके बाद सड़कों की रीकारपेटिंग के कार्य शुरू हो सके।
अब आरई में 25 करोड़ मिलने से निगम की वित्तीय हालत काफी हद तक बेहतर हो जाएगी। इस बार प्राॅपर्टी टैक्स से भी रिकार्ड करीब 90 करोड़ जुटाए जा चुके हैं। मेयर हरप्रीत कौर बबला भी 150 करोड़ लाने का श्रेय लेंगी। भाजपा पार्षद भी उन्हें श्रेय देंगे। हालांकि विपक्ष इसे नाकाफी बताते हुए विरोध कर सकता है।

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