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    चंडीगढ़ मेयर चुनाव: BJP तोड़ न ले, AAP के पार्षद पहुंचे रोपड़ तो कांग्रेस के लुधियाना; पार्षदों की घेराबंदी शुरू

    Updated: Mon, 27 Jan 2025 11:35 PM (IST)

    चंडीगढ़ में मेयर चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन को बड़ा झटका लगा है। तीन बार की कांग्रेस टिकट पर जीती पार्षद गुरबख्श रावत अपने पति के साथ भाजपा में शामिल हो गई हैं। इससे भाजपा की स्थिति मजबूत हुई है और अब उनके पास कुल 16 पार्षद हो गए हैं। आप और कांग्रेस के पास 19-19 पार्षद हैं।

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    गुरबख्श रावत के बीजेपी में शामिल होने के बाद पार्षदों की घेराबंदी शुरू।

    राजेश ढल्ल, चंडीगढ़। चंडीगढ़ में मेयर चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी व कांग्रेस के गठबंधन को बड़ा झटका लगा है। तीन बार की कांग्रेस टिकट पर जीती पार्षद गुरबख्श रावत अपने पति के साथ भाजपा में शामिल हो गई। इससे भाजपा की स्थिति मजबूत हुई है।

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    भाजपा के अब कुल पार्षदों की संख्या 16 हो गई है जबकि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पार्षदों की संख्या 19 है। इसके बाद आप व कांग्रेस ने अपने पार्षदों की घेराबंदी शुरू कर दी है।

    कांग्रेस के पार्षद लुधियाना और आप के पार्षद रोपड़ पहुंच गए हैं। आप के कुल 10 पार्षद एक साथ हैं जबकि तीन पार्षद चंडीगढ़ में हैं। सोमवार को नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि थी। किसी ने भी नामांकन वापस नहीं लिया। इस बार मेयर का पद महिला पार्षद के लिए आरक्षित है।

    रावत के शामिल होने के बाद क्रास वोटिंग की भी संभावना बढ़ गई है। इसे रोकने के लिए आप व कांग्रेस के सीनियर नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है। सांसद मनीष तिवारी व आप के सह प्रभारी एसएस आहलूवालिया ने मोर्चा संभाल लिया है।

    नाराज चल रहे तीन पार्षद

    रावत कांग्रेस में पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल की करीबी रहीं हैं। जब से आम आदमी पार्टी ने प्रेम लता को उम्मीदवार बनाया है, तब से पार्टी में बवाल मचा हुआ है। तीन पार्षद नाराज चल रहे हैं जो अन्य पार्षदों के साथ शहर से बाहर नहीं गए हैं।

    सूत्रों का कहना है कि आप का एक पार्षद भाजपा में शामिल हो सकता है। आप की मेयर पद की उम्मीदवार प्रेम लता नाराज पार्षदों को मिलकर उन्हें मनाने में जुटी हुई है। पिछले चुनाव में किरण खेर ने सांसद के रूप में मतदान किया था, इस बार मनीष तिवारी सांसद के रूप में पहली बार मेयर चुनाव में मतदान करेंगे।

    सांसद का चुनाव हारने के बाद जो एक वोट भाजपा का कम हुआ, वह भाजपा ने रावत को शामिल करवाकर पूरा कर लिया है। पिछले चुनाव में अकाली पार्षद हरदीप सिंह ने भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया था लेकिन अब वह आम आदमी पार्टी में शामिल हैं। ऐसे में आप की संख्या में पिछले चुनाव के मुकाबले वृद्धि हुई है।

    बीजेपी की संख्या हुई 16

    रावत के भाजपा में शामिल होने से कांग्रेस की संख्या कम हुई है लेकिन सांसद का वोट बढ़ने से उसकी स्थिति पिछली बार की तरह ही हो गई है। वोट गणित आप-13 कांग्रेस-06 भाजपा-16 सांसद-01 19 वोट लेने वाला जीतेगा मेयर चुनाव जो दल का उम्मीदवार 19 वोट ले जाने में कामयाब रहेगा, वह मेयर का चुनाव जीत जाएगा।

    यही नियम सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव पर लागू होगा। रावत को शामिल करवाकर भाजपा की संख्या बेशक 16 हो गई है, लेकिन उन्हें जीत के लिए तीन वोट और चाहिए जबकि गठबंधन के पास अब सांसद को मिलाकर 20 वोट है।

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