चंडीगढ़ में 30,000 से अधिक छात्रों की पढ़ाई और शैक्षणिक विरासत खतरे में, किसने किया यह दावा और क्यों?
चंडीगढ़ एडेड कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन (सीएसीटीए) के अनुसार, एडेड कॉलेजों में पढ़ रहे 30,000 से अधिक छात्र और चंडीगढ़ की शैक्षणिक विरासत खतरे में है। शिक् ...और पढ़ें

एडेड कॉलेजों के शिक्षकों का यूटी प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। एडेड कॉलेजों में पढ़ने वाले 30,000 से अधिक विद्यार्थियों के साथ-साथ चंडीगढ़ की शैक्षणिक विरासत खतरे में है। यह कहना है चंडीगढ़ एडेड कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन (सीएसीटीए) का।
एसोसिएशन का कहना है कि एडेड कॉलेजों ने आईएएस, न्यायाधीश, ओलंपिक पदक विजेता और देश के प्रतिष्ठित पेशेवर दिए हैं। इसके बावजूद, शिक्षा-हब कहलाने वाले चंडीगढ़ की नौकरशाही शिक्षकों की समस्याओं के प्रति पूरी तरह उदासीन बनी हुई है।
वीरवार को सेक्टर-27 स्थित प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और वैधानिक यूजीसी अधिकारों से वंचित किए जाने पर कड़ा रोष व्यक्त किया। पदोन्नति, डीए और सेवानिवृत्ति में आयु वृद्धि समेत अपनी मांगों को लेकर एडेड कॉलेजों के शिक्षकों का यूटी प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है।
सीएसीटीए ने कहा कि हम भीख नहीं, अधिकार मांग रहे हैं और आश्वासन नहीं, न्याय चाहते हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की घोषणा के बाद कोई अस्पष्टता शेष नहीं थी, फिर भी चंडीगढ़ प्रशासन ने जानबूझकर अनावश्यक भ्रम पैदा कर यूजीसी नियमों के क्रियान्वयन को रोका हुआ है।
अगले सत्र से आंदोलन और तेज होगा
सीएसीटीए ने स्पष्ट किया कि संगठन के पास परीक्षाओं के बहिष्कार की पूरी शक्ति है, लेकिन केवल छात्रों के भविष्य को देखते हुए यह कदम नहीं उठाया गया है। यदि मांगें नहीं मानी गईं तो अगले सत्र से आंदोलन और तेज किया जाएगा। चंडीगढ़ सचिवालय, राजभवन मार्च, मटका चौक सहित सभी प्रमुख स्थानों पर धरना-प्रदर्शन होंगे और केंद्र सरकार तक हर हाल में आवाज पहुंचाई जाएगी।
ये हैं प्रमुख मांगें
• 18 जुलाई 2018 से सीएएस पदोन्नति
• जनवरी 2025 से डीए वृद्धि
• 20 प्रतिशत एचआरए
• एक वर्ष की परिवीक्षा पूर्ण वेतन सहित
• सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि
• यूजीसी विनियम 2018 का पूर्ण क्रियान्वयन

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