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    चंडीगढ़ में डेप्यूटेशन कर्मचारियों पर केंद्र का बड़ा फैसला, सात साल बाद मूल कैडर में करनी होगी वापसी

    केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ प्रशासन में डेप्यूटेशन पर नियुक्त कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला लिया है। अब इन कर्मचारियों को सात साल बाद अपने मूल कैडर में वापस जाना होगा। हालांकि उन्हें वित्तीय लाभ पहले से कुछ अधिक मिल सकेंगे। डेप्यूटेशन कर्मचारियों को दो तरह की सैलरी के ऑप्शन मिलेंगे। इस फैसले से यूटी प्रशासन पर सालाना छह करोड़ का वित्तीय बोझ बढ़ेगा। इन कर्मचारियों को डेप्यूटेशन अलाउंस भी मिलेगा।

    By Jagran News Edited By: Suprabha Saxena Updated: Fri, 07 Mar 2025 10:49 AM (IST)
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    चंडीगढ़ में डेप्यूटेशन कर्मचारियों को लेकर केंद्र सरकार का बड़ा फैसला

     डॉ सुमित सिंह श्योराण, चंडीगढ़। पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों से चंडीगढ़ प्रशासन में डेप्यूटेशन पर नियुक्ति कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। वीरवार को गृह मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन में डेप्यूटेशन कर्मचारियों को जोर का झटका धीरे से दिया है।

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    इन कर्मचारियों को वित्तीय लाभ तो पहले से कुछ अधिक मिल सकेंगे, लेकिन अब डेप्यूटेशन कर्मचारियों को सात वर्ष के बाद अपने मूल कैडर में जाना ही होगा।

    भारत सरकार के अंडर सेक्रेटरी की ओर से चंडीगढ़ के चीफ सेक्रेटरी को लिखे पत्र में 1 अप्रैल 2022 से चंडीगढ़ में जारी सेंट्रल सर्विस रुल्स के तहत ही डेप्यूटेशन कर्मचारियों पर नियम और शर्ते तय होंगी। डिपार्टमेंट ऑफ पर्सोनल एंड ट्रेनिंग मिनिस्ट्री ऑफ पर्सोनल पब्लिक ग्रिवेंसेस एंड पेंशन्स नोटिफिकेशन 8 सितंबर 2022 को यूटी प्रशासन की ओर से फॉलो किया जाएगा।

    यूटी प्रशासनिक अधिकारियों से मिली जानकारी अनुसार अब यूटी प्रशासन की ओर से जल्द ही केंद्र सरकार की नोटिफिकेशन को लागू कर दिया जाएगा। इस नोटिफिकेशन के बाद अब डेप्यूटेशन कर्मचारियों को चंडीगढ़ में नौकरी करते हुए दो तरह की सैलरी के ऑप्शन मिलेगा।

    पहले में डेप्यूटेशन कर्मचारियों को उनके मूल राज्य की सैलरी के हिसाब से वेतन मिलेगा साथ ही उन्हें डेप्यूटेशन अलाउंस भी मिलेगा। हरियाणा और पंजाब से डेप्यूटेशन पर नियुक्त कर्मचारियों के हाउस रेंट में इजाफा होगा। दूसरे ऑप्शन के तहत डेप्यूटेशन कर्मचारियों को यूटी कर्मचारियों की तर्ज पर पूरा वेतन ऑफर होगा। दोनों में से एक का ही ऑप्शन देना होगा।

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    एक महीने यानी अप्रैल तक इसे लागू कर दिया जाएगा। यूटी प्रशासन में 1500 से अधिक कर्मचारी हरियाणा,पंजाब और अन्य राज्यों से डेप्यूटेशन पर नियुक्त हैं। 11 मार्च को चीफ सेक्रेटरी के बर्लिन से लौटने के बाद प्रशासन डेप्यूटेशन मामले में अगले आदेश जारी करेगा। 

    डेप्यूटेशन नियमों से जुड़ी खास बातें

    • कर्मचारियों का कार्यकाल पांच वर्ष होगा, छठा साल चीफ सेक्रेटरी और सातवें साल की एक्सटेंशन राज्यपाल से मिलेगी।
    • वेतन को लेकर दो ऑप्शन होंगे। एक में मूल कैडर और डेप्यूटेशन अलाउंस दूसरे ऑप्शन में यूटी कर्मचारियों के बराबर वेतन।
    • चिल्ड्रन एजुकेशन अलाउंस,ट्रैवलिंग अलाउंस और अन्य अलाउंस भी डेप्यूटेशन कर्मचारियों को मिलेंगे।
    • डेप्यूटेशन पर नियुक्त कर्मचारियों को परफॉर्मा प्रमोशन का लाभ भी अब मिल सकेगा।
    • डीए अब 38 से बढ़कर 53 प्रतिशत डेप्यूटेशन कर्मचारियों को मिलेगा।
    • यूटी प्रशासन पर सालाना छह करोड़ का वित्तीय बोझ बढ़ेगा, करीब 15 करोड़ एरियर के तौर पर देने होंगे।
    • एक अप्रैल 2022 से सभी कर्मचारियों के डीए और अन्य अलाउंस का एरियर भी मिलेगा।
    • डेप्यूटेशन कर्मचारियों को अब यूटी कर्मचारियों की तरह बोनस भी मिल सकेगा।
    • डेप्यूटेशन के निर्धारित समय के बाद भी कर्मचारी रिलीव नहीं किया तो विभाग के अधिकारी पर गिरेगी गाज।
    • 15 से 20 साल से डेपुटेशन पर नियुक्त कर्मचारियों की वापसी अब कभी भी

    फरवरी में कर्मचारियों का विरोध, यूटी प्रशासन अधिकारी पहुंचे दिल्ली

    करीब दो वर्ष से 15 प्रतिशत कम डीए ले रहे पंजाब और हरियाणा के डेप्यूटेशन कर्मचारियों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। मामला पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्री तक पहुंच गया। कर्मचारियों ने यूटी सचिवालय के सामने धरना देना शुरू कर दिया।

    कड़े विरोध के बाद चीफ सेक्रेटरी के निर्देशों पर पर्सोनल सेक्रेटरी अजय चग्गती और वित्त विभाग में सलाहकार अश्वनी डोगरा ने मामले को केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों के सामने फरवरी में पेश किया था।

    उधर केंद्र सरकार के फैसले का विरोध भी शुरू हो गया है। कर्मचारियों का कहना है कि हरियाणा और पंजाब के कर्मचारियों के डेप्यूटेशन अवधि को निर्धारित नहीं किया जा सका। मामले को अपनी सरकार के सामने उठाया जाएगा। केंद्र के निर्देश जारी होते ही डेप्यूटेशन कर्मचारियों में खलबली सी मच गई।  

    फैसले का पंजाब हरियाणा में विरोध होना तय

    डेप्यूटेशन कर्मचारियों का कार्यकाल सात वर्ष तय किए जाने को लेकर आने वाले दिनों में विवाद होना तय माना जा रहा है। पहले भी इस मामले में पंजाब और हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी यूटी प्रशासन को पत्र लिखकर विरोध जता चुके हैं। डेप्यूटेशन की निर्धारित अवधि को अगर लागू किया तो यूटी प्रशासन से आधे से अधिक कर्मचारियों को मूल कैडर में लौटना होगा। उधर इस मामले में आने वाले दिनों में डेप्यूटेशन कर्मचारी भी सड़कों पर उतर सकते हैं।

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