चंडीगढ़: तेजी से बढ़ा साइबर अपराध का ग्राफ, 2025 में 8495 शिकायतें दर्ज; डरा रहे पिछले पांच साल के आंकड़े
चंडीगढ़ में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है, जहां 2025 में 8495 शिकायतें दर्ज की गईं। पिछले पांच वर्षों में करोड़ों की ठगी हुई है, जिसमें 2024 में 65.3 ...और पढ़ें

चंडीगढ़ में तेजी से बढ़ा साइबर अपराध का ग्राफ
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। डिजिटल युग में जहां सुविधाएं बढ़ी हैं, वहीं साइबर अपराध भी तेजी से पांव पसार रहे हैं। साइबर अपराध पर काबू पाना पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है। चंडीगढ़ में बीते पांच वर्षों के आंकड़े बताते हैं कि साइबर ठगी और साइबर अपराध आम लोगों के लिए कितना खतरनाक हो चुका है।
2025 में कुल 8495 शिकायतें
करोड़ों रुपये की ठगी, हजारों शिकायतें और लगातार बदलते अपराध के तरीके पुलिस प्रशासन और आम जनता दोनों के लिए चिंता का विषय है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2025 में कुल 8495 शिकायतें आई हैं, लेकिन सिर्फ 150 एफआईआर दर्ज की गई हैं। हालांकि, साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए साइबर थाना पुलिस ने देश के 13 राज्यों में 93 छापेमारी कर 147 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है।
ये गिरफ्तारियां गुजरात, राजस्थान, उत्तर, प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, पश्चिम बंगाल, दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, झारखंड, असम, बिहार और दमन एवं दीव से की गई हैं।
2024 में साइबर ठगी से ज्यादा नुकसान
पिछले वर्षों की तुलना में 2024 में साइबर ठगी से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। पुलिस आंकड़ों के अनुसार, 2024 में साइबर ठगों ने 65 करोड़ 32 लाख रुपये हड़प लिए। इन मामलों में 112 एफआइआर दर्ज की गई। जांच के बाद 88 आरोपियों की गिरफ्तारी, जबकि केवल 8 करोड़ 16 लाख रुपये ही फ्रीज हो सके।
पिछले पांच साल के आंकड़े
एफआईआर- 68 (साल 2021), 144 (साल 2022), 133 (साल 2023), 112 (साल 2024), 147 (साल 2025)
ठगी की राशि- 3.16 करोड़ (साल 2021), 13.57 करोड़ (साल 2022), 22.55 करोड़ (साल 2023), 65.32 करोड़ (साल 2024), 44.07 करोड़ (साल 2025)
गिरफ्तारियां- 36 (साल 2021), 143 (साल 2022), 122 (साल 2023), 88 (साल 2024), 147 (साल 2025)

ग्राफिक्स के जरिए समझें आंकड़े
डिजिटल अरेस्ट बना खतरा
डिजिटल अरेस्ट और निवेश के नाम पर ठगी भी बड़ा खतरा बन चुका है। 2025 में अब तक 44.07 करोड़ की ठगी हुई है, जिनमें 11.27 करोड़ की राशि होल्ड कर दी गई। इन मामलों में अब तक 150 एफआइआर दर्ज हुआ और 147 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इन साइबर ठगों पर शिकंजा करने के लिए पुलिस 13 राज्यों में 93 स्थानों पर छापेमारी भी कर चुकी है।
सावधानी ही अंतिम विकल्प
साइबर ठगी से बचने के लिए सावधानी ही सबसे अच्छा विकल्प है। इसके लिए किसी भी अधिकारी का दावा करने वाले कॉलर की पहचान जांचे, 1930 पर तुरंत सूचना दें। इसके साथ ही गजबूत पासवर्ड और दो स्तरीय सुरक्षा अपनाकर ठगी से बचें। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि शर्म या डर के कारण साइबर ठगी को न छिपाएं।

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