Chandigarh: 13 लाख में अधिकारियों के लिए बनेगा VIP टॉयलेट, लग्जरी सुविधाओं से होगा लैस; लोगों ने खड़े किए सवाल
चंडीगढ़ प्रशासन ने अधिकारियों के लिए 13 लाख रुपये की लागत से एक वीआईपी मोबाइल टॉयलेट बनवाने का फैसला किया है। इस पर आपत्ति जताते हुए सेकंड इनिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष आर के गर्ग ने कहा कि इतनी राशि से आम लोगों के लिए कई मोबाइल टॉयलेट बनाए जा सकते हैं। कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं और नागरिकों ने भी इस पर आपत्ति जताई है।

राजेश ढल्ल, चंडीगढ़। प्रशासन की ओर से अधिकारियों के लिए लग्जरी सुविधाओं से लैस वीआईपी मोबाइल टॉयलेट बनवाया जा रहा है। जिसका प्रयोग फील्ड में अधिकारियों के लिए किया जाएगा। वीआईपी मोबाइल टॉयलेट बनने पर प्रशासन 13 लाख रुपए का खर्च कर रहा है। जिसका जन स्वास्थ्य विभाग की ओर से टेंडर भी निकाल दिया गया है।
पहली बार बनाया जा रहा है ऐसा टॉयलेट
इस तरह का वीआईपी मोबाइल टॉयलेट पहली बार बनाया जा रहा है। जिस पर सेकंड इनिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष आर के गर्ग ने भी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि इस तरह की फिजूल खर्ची करने का क्या फायदा।
जबकि प्रशासन के आला अधिकारी जब भी शहर में किसी कार्यक्रम में जाते हैं तो अधिकतर कार्यक्रम इंडोर ही होते हैं। ऐसा लग्जरी मोबाइल टॉयलेट कौन अधिकारी प्रयोग करेगा।
उन्होंने कहा कि इतनी राशि से आम लोगों के लिए कई मोबाइल टॉयलेट बनाए जा सकते हैं जो कि शहर को स्वच्छ बनाने में अहम योगदान दे सकता है।
प्रशासन ने 13 लाख का निकाला टेंडर
प्रशासन की ओर से जो 13 लाख रुपए की लागत का टेंडर निकाला गया है उसके तहत 20 जनवरी तक ठेकेदारों से बिड मांगी गई है। टेंडर में वीआईपी मोबाइल टायलेट बनाने के लिए दो माह का समय दिया गया है।
यह हाई-टेक और लग्जरी टॉयलेट आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा, जिसमें , प्रीमियम फिटिंग्स, सेंसर-आधारित वाटर सिस्टम, और स्वचालित हाइजीन मैनेजमेंट जैसी सुविधाएं शामिल होंगी।
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डिजाइन में भी खास होगा ये टॉयलेट
इस टायलेट का उपयोग विशेष रूप से वीआईपी कार्यक्रमों और अन्य आयोजनों के दौरान किया जाएगा। जानकारी के अनुसार, यह अपने तरह का पहला वीआईपी मोबाइल टायलेट होगा, जो न केवल अत्याधुनिक होगा, बल्कि इसे डिजाइन और गुणवत्ता में भी खास बनाया जाएगा। हालांकि, इस पर होने वाले खर्च को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं और नागरिकों ने इस पर आपत्ति जताई है और कहा है कि इतनी बड़ी राशि सार्वजनिक कल्याण या बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए खर्च की जा सकती थी। प्रशासन ने तर्क दिया है कि यह टॉयलेट वीआईपी आयोजनों के दौरान सुविधाजनक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए बनाया जा रहा है।
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