बच्चों पर रखें पैनी नजर, कहीं आपका लाडला न पड़ जाए खूनी ब्लू व्हेल के चक्कर में
बच्चे लगातार ब्लू व्हेल गेम के चंगुल में फंसते जा रहा है। इसके बाद भी शासन और प्रशासन मौन है। यह इटंरनेट पर उपलब्ध है और इसपर कोई रोक नहीं लगाई गई है।
जेएनएन, चंडीगढ़। ब्लू व्हेल गेम बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। यह खूनी खेल अभी तक बहुत सी मासूम जिंदगियां लील चुका है। सरकार ने गेम पर रोक लगाने के लिए गूगल सहित तमाम वेब कंपनियों से बात की है।
वहीं बच्चों और पेरेंट्स को इस गेम से बचने के लिए जागरुक किया जाएगी, इसके लिए यूटी के एडवोकेट अजय जग्गा ने एडवाइजर परिमल राय को चिट्ठी लिखी है। अजय जग्गा ने बताया कि साइबर क्राइम सेल को हाई अलर्ट पर रखना चाहिए। साथ ही स्कूलों के लिए भी उचित नियम तय होने चाहिए। बच्चे यह गेम तो नहीं खेल रहे यह देखने के लिए गहन चैकिंग होनी चाहिए। साथ ही बच्चों की काउंसिलिंग भी होनी चाहिए।
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स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को मोबाइल देने से परहेज करना चाहिए। जिनके पास फोन है उनके फोन में यह देखना चाहिए कि कहीं वे ब्लू व्हेल गेम तो नहीं खेल रहे हैं। जग्गा ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत कदम उठाने के लिए आग्रह किया है।
पंचकुला और चंडीगढ़ में ब्लू व्हेल से मौत और आत्महत्या की कोशिश के पिछले चार दिनों में दो मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही 11 बच्चों को यह गेम खेलते पकड़ा गया है। इससे पहले पंजाब में भी कुछ मामले सामने आए थे। ऐसे में सभी अभिभावकों को अपने बच्चों और उनकी गतिविधियों पर नजर रखने की जरूरत है, ताकि समय रहते उन्हें खूनी ब्लू व्हेल से बचाया जा सके।
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